Bathinda-पैरामिड मनी कुनेक्शन स्कीम की आड में फास्ट टैक सर्वे के नाम पर मारी 14 लाख की ठगी

-24 लाख की वसूली कर 10 लाख वापिस किए बाकि की राशि देने से मुकरे, आईजी ने करवाई जांच

बठिंडा. पैरामिड मनी कुनेक्शन स्कीम की आड में लोगों से जालसाजी करने वाले एचजीआई एसोसिएट कंपनी के मालिक पर मामला दर्ज किया गया है। इसमें एक व्यक्ति से करीब 10 लाख की ठगी मारने का खुलासा किया गया है जबकि पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि उक्त कंपनी ने इसी तरह दर्जनों लोगों के साथ पैरामिड मी कुनेक्शन स्कीम के नाम पर जालसाजी की है जिसमें लोगों को फास्ट टैग के फार्म भरकर लाखों का मुनाफा होने का झासा दिया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है जबकि केस में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।

सिविल लाइन पुलिस के पास जसबीर कौर वासी अजीत रोड बठिंडा ने शिकायत दी कि विशाल हांडा बठिंडा में एचजीआई एसोसिएट कंपनी का संचालन करता है। इसमें केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से बनी स्कीमों को पैरामिड मनी कुनेक्शन स्कीमों के नाम पर लोगों के सामने पेश किया जाता था। इस तरह की योजनाओं में जहां डिजिटल आधार कार्ड बनवाने, मल्टी वोटर कार्ड बनाने, नेशनल आई-कार्ड बनाने के साथ सरकार की पोस्टपेड बिजली मीटर लगाने जैसे स्कीमों के बारे में लोगों को बताकर इसका फिल्ड सर्वें करने व डिजिचल इंडिया स्कीम के तहत नए कार्ड बनाने का काम लोगों को देने का वायदा किया जाता था। इस काम में प्रति कार्ड पांच से दस रुपए व कई स्कीमों में 50 से 100 रुपए प्रति कार्ड मुनाफा दोने की बात की जाती थी।

इसी स्कीम में उक्त व्यक्ति ने सरकार की तरफ से पिछले साल शुरू की गई फास्ट टैंग स्कीम में फार्म भरने व पोस्टपेंड कार्ड बनाने का दावा किया। इसमें लोगों को प्रति कार्ड मोटा मुनाफा देने की बात कही। बठिंडा के गुरु नानक देव स्कूल में बतौर अध्यापक काम कर रही जसबीर कौर उक्त व्यक्ति के संपर्क में आ गई। उसका पति गुरप्रीत सिंह मार्चेट नेवी में अफसर तैनात है। इस स्थिति में दोनों के पास अच्छी खासी सेविंग थी व पुस्तैनी पैसा भी था। दोनों पति-पत्नी के पास बेहतर कमाई होने का फायदा कंपनी के विशाल हांडा ने उठाया व उसके साथ जुड़े सुखविंदर सिंह व उसकी पत्नी परमजीत कौर के मार्फत उससे संपर्क किया व इस स्कीम के बारे में उसे जानकारी दी। इन लोगों के झांसे में आकर उसने अपना सुरखपीर रोड में खरीदे 150 वर्ग गज के प्लाट को करीब 15 लाख रुपए में बेच दिया। इस पैसे से उसे फास्ट टैंग के फार्म भरने का काम हासिल कर लिया।

इसमें उक्त लोगों ने साल 2018 में काम देना शुरू किया। इसमें 15 रुपए प्रति फार्म देने की बात कही गई थी।इसमें करीब एक करोड़ फार्म भरने की बात कही गई थी। इसमें कुल 15 करोड़ का फा.दा होने व दो करोड़ रुपए हमे देने की बात कही थी। इसमें दिए गए पैसे में दो प्रतिशत ब्याज भी देने के लिए कहा गया था। इस पूरे मामले में फायदा देखते उन्होंने अपने सुसराल वालों व परिजनों से भी पैसे का निवेश करवाया व 24 लाख रुपए उक्त लोगों को दिए थे। इसमें विशाल हांडा को उन्होंने कुल 24 लाख रुपए की राशि दे दी। यही नहीं उन्होंने करीब एक लाख फार्म उक्त लोगों को भरकर दिए जिसमें सीधे तौर पर उन्हें एग्रीमेंट के हिसाब से 15 लाख का फायदा व राशि का अलग से ब्याज बनता था।

कंपनी ने उन्हें बताया कि भरे गए फार्म में कुछ गलत थे जबकि सही फार्म के हिसाब से उक्त लोगों ने उन्हें 10 लाख रुपए की राशि वापिस कर दी थी। इसमें कुछ समय पहले उक्त लोगों ने पैसे देने बंद कर दिए व उन्होंने उक्त लोगों से 14 लाख रुपए जो बकाया है उसे वापिस करने की मांग रखी वही इसमें बनते ब्याज की मांग भी की लेकिन उक्त लोगों ने पैसे देने से मना कर दिया व उनके साथ हाथोंपाई की व घर से धक्के मारे जिसके बाद मामले की शिकायत आईजी बठिंडा के पास की गई। आईजी जोन जसकरण सिंह ने मामले की जांच एसपी रैंक के अधिकारी को सौंप दी। इसमें की गई जांच में खुलासा हुआ कि पूरा मामला फास्ट टैक के नाम पर पैरामिड मनी कुनेक्शन का था जिसमें चीटफंड कंपनी की तरह काम किया जाता है।

लोगों को पहले मोटे मुनाफे का लालच दिया जाता है व उन्हें विश्वास में लेने के लिए दिए पैसे की कुछ राशि उन्हें वापिस कर दी जाती है व बड़ी राशि हड़प कर ठगी मारी जाती है। इसमें केंद्रीय, राज्य व बड़ी स्कीमों की आड़ में लोगों को गुमराह किया जाता है ताकि उनका स्कीम में आसानी से विश्वास बन सके। इस मामले में आरोपी लोगों ने एक नही कई लोगों के साथ ठगी की है जिसमें जांच की जा रही है। जांच के बाद ही पूरे मामले में मारी गई कुल ठगी का खुलासा हो सकेगा।

 

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