बठिंडा। बठिंडा चैंबर ऑफ कॉमर्स ने हाल ही में नगर निगम कमिश्नर की तरफ से दिए गैरजिम्मेदाराना बयान की कड़ी निंदा करते हुए संघर्ष की चेतावनी दी है। हाल ही में, नगर निगम कमिश्नर एक प्रेस बयान में आरोप लगाया कि कुछ दुकानदार अपनी दुकानों के सामने सामान बेचने के लिए फेरीवालों से प्रति माह ₹5,000 से ₹10,000 तक वसूल रहे हैं। बठिंडा चैंबर ऑफ कॉमर्स इस निराधार और गैरजिम्मेदाराना बयान की कड़ी निंदा करता है। बठिंडा चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रधान जीवन लाल गोयल और नौजवान वैलफेयर सोसायटी के प्रधान व व्यापारी नेता सोनू महेश्वरी ने नगर निगम से इस बात का सबूत पेश करने की मांग की है। यदि कोई दुकानदार दोषी पाया जाए तो उसका नाम सार्वजनिक किया जाए और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा नगर निगम की प्रशासनिक टीम को अपनी मूल जिम्मेदारी निभानी चाहिए, जिसमें सड़कों को सुचारू बनाना और ट्रैफिक जाम से राहत के उपाय करना शामिल है. मौजूदा स्थिति नगर निगम प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है। इसके साथ ही बठिंडा के नगर निगम कमिश्नर और मेयर ने फेरीवालों को लाइसेंस जारी करने की योजना की घोषणा की है, जिसके लिए डिस्कनेक्शन शुल्क बढ़ाया जा रहा है. इस फैसले से स्थिति और खराब हो सकती है, क्योंकि लाइसेंस प्राप्त फेरीवाले कहीं भी अपनी स्थिति थोप सकते हैं और कह सकते हैं कि उनके पास नगर निगम का अधिकार है। उन्होंने कहा कि हम नगर निगम आयुक्त से अनुरोध करते हैं कि वह अपना बयान वापस लें और इस निर्णय पर पुनर्विचार करें। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो बठिंडा ट्रेड यूनियन दुकानदारों के असंतोष को कड़े संघर्ष के रूप में जनता के सामने लाने के लिए मजबूर होगी।