बठिंडा में मरीजों को एड्स बांटने वाला अस्पताल-एक और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चा निकाला एचआईवी संक्रमित, अब तक चार बच्चों व एक महिला को दिया संक्रमित खून

डेढ़ माह में चाैथा मामला, पिछल चार साल से सिविल अस्पताल में चल रहा है इलाज

बठिंडा। जिले का भाई मनी सिंह सिविल अस्पताल लोगों की गंभीर बीमारियों का उपचार करने  की बजाय उन्हें गंभीर बीमारियां बांटने का काम कर रहा है। अभी तीन मामलों में संक्रमित रक्त चढ़ाने की जांच चल रही थी कि मंगलवार को एक और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को एचआईवी पोजटिव रक्त चढ़ाने का खुलासा हुआ है। एक के बाद एक बच्चों को एड्स से संक्रमित करने वाले इस अस्पताल के खिलाफ अब सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने कड़ा एक्शन लेने की मांग कर अधिकारियों के साथ जिम्मेवार कर्मियों पर आपराधिक मामले दर्ज करने को कहने लगे हैैं।  

मामला इस मायने में भी गंभीर है कि बिना जांच किए तीन थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी पाजिटिव रक्त चढ़ाने का मामले की जांच अभी चल ही रही है थी। वही एक अफसर जेल की सलाखों में है तो छह लोगों को निलंबित किया जा चुका है। वही मंगलवार को एक और 9 वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे की रिपोर्ट एचआईवी पाजिटिव मिली है। वह मंगलवार को रक्त चढ़वाने के लिए सिविल अस्पताल बठिंडा आया था।

रक्त चढ़ाने से पहले जब पीड़ित बच्चे का एचआईवी टेस्ट किया गया, तो उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई। बठिंडा थैलेसीमिया एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को जिस बच्चे की एचआईवी रिपोर्ट पाजिटिव आई है, वह बरनाला जिले का रहने वाला है और उसकी उम्र करीब 9 साल है। एसोसिएशन का दावा है कि पीड़ित बच्चे का पूर्व चार साल बठिंडा सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है।

करीब पंद्रह दिन पहले ही बच्चे को अस्पताल से रक्त चढ़ाया गया था, लेकिन मंगलवार को जब पीड़ित बच्चे के अलावा चार अन्य बच्चे रक्त चढ़वाने के लिए सिविल अस्पताल आएं, तो उन सभी एचआईवी टेस्ट किए गए, जिसमें 9 वर्षीय बच्चे की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। बता दे कि पूर्व डेढ़ माह में यह चाैथा मामला है। जिसमें थैलेसीमिया पीड़ित बच्चा एचआईवी पाजिटिव आ चुका है, जबकि दो मामलों में आरोपित लोगों को नौकरी से निलंबित किया जा चुका है, जिसमें ठेके पर भर्ती एक महिला डाक्टर व पांच लैब तकनीशिन शामिल है, जबकि रेगुलर एमएलटी बलदेव सिंह रोमाणा पर केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा चुका है।

वहीं सिविल अस्पताल बठिंडा से इलाज करवा रहे थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे ही एचआईवी पाजिटिव आने पर एसाेसिएशन की तरफ से बुधवार को सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के बाहर एकत्र होकर सेहत विभाग व सिविल अस्पताल के प्रबंधकों के खिलाफ रोष प्रदर्शन करने का ऐलान किया। वहीं पीड़ित बच्चों के परिजन भी शामिल होंगे, ताकि बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले सेहत अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की जा सके। थैलेसीमिया एसोसिएशन के पदाधिकारी महिंदरपाल सिंह व प्रवीन कुमार ने बताया कि सेहत कर्मियों की लापरवाही के कारण अब तक चार बच्चे एचआईवी पाजिटिव हो चुके है, जबकि 80 से ज्यादा बच्चे सिविल अस्पताल से अपना इलाज करवा रहे है। उन्होंने आशंका जताई कि जिस प्रकार से बिना जांच किए खून इश्यू किया जा रहा था, उसके हिसाब से और भी बच्चे संक्रमित हुए होगे, जिनका पता टेस्ट होने पर ही होगा।

 

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