बठिंडा. विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद शहर के विभिन्न इलाकों में कांग्रेस की तरफ से पार्षदों के सहयोग से केंद्रीय व राज्य सरकार की योजना के तहत लगाए जाने वाले सोलर प्लाट लोगों के घरों में लगाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। चुनाव से पहले सरकार की तरफ से पार्षदों के सहयोग से दो किलोवाट से कम बिजली मीटर वाले घरों में एक से दो किलोवाट के सोलर प्लाट लगाने के फार्म फरवाएं गए थे। इसमें कई घरों में तो सोलर पैनल चुनावी घोषणा से पहले लगा दिए गए लेकिन रहते घरों में प्लाट लगाने का काम अब चलाया जा रहा है।
इसे लेकर शिरोमणि अकाली दल व बसपा ने कड़ा विरोध जताया है। इसमें रविवार को बठिंडा के आलम बस्ती में माहौल उस समय काफी तनावपूर्ण हो गया जब सोलर पैनल से भरी एक गाड़ी इलाके में पहुंची व आवेदन करने वाले लोगों के घरों में सोलर प्लाट लगाने की तैयारी करने लगी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल-बसपा के उम्मीदवार सरूप चंद सिंगला अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए व विरोध जताना शुरू कर दिया। सरुपचंद सिंगला व समर्थकों ने इस बाबत जिला व राज्य चुनाव आयोग के पास भी शिकायत भेजी व आरोप लगाया कि चुनावों की घोषणा के बाद लोगों को प्रलोभन देने की नियत से सोलर प्लाट लगाने के काम किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पांच साल में किसी भी वर्ग का भला नहीं किया वही अब चुनावों की घोषणा बाद अपनो को रेवडियां बांटने में लगे हैं। इससे पहले लोगों को 12 हजार रुपए की राशि देने की बात कही जिसमें गरीबों को राशि दी जानी थी लेकिन इस स्कीम में भी कांग्रेसी पार्षदों ने मिलकर बड़ा गोलमाल किया है वही अब सोलर प्लाट भी उन्हीं लोगों के लगाए जा रहे हैं जो कांग्रेस को समर्थन देने की बात कह रहे हैं जबकि हजारों लोग ऐसे हैं जिन्हें फार्म भरे डेढ़ माह से अधिक का समय हो गया है लेकिन उन्हें स्कीम का लाभ आज तक नहीं दिया गया है।
उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले में कड़ा संज्ञान लेने व कांग्रेस के उम्मीदवार मनप्रीत सिंह बादल पर कानूनी कारर्वाई करने की मांग की है। वही इस मामले में कांग्रेसी वर्करों ने सरुपचंद सिंगला व उनके समर्थकों का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि अकाली दल दस साल राज करने के बावजूद उन्हें किसी तरह की राहत नहीं दे सका है अब जब गरीबों के घरों में सोलर प्लाट लगाए जा रहे हैं तो उसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इस दौरान नारेबाजी भी की।
वही माहौल गर्म होता देख मौके पर पुलिस भी पहुंची। वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयजीत सिंह जौहल भी समर्थकों व पार्षदों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि इलाके में सोलर प्लाट सिर्फ उन्हीं लोगों के घरों में लग रहे हैं जिन्होंने चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले संबंधित विभाग व नगर निगम के पास आवेदन किया था। इसमें आवेदन करने वाले लोगों की वैरिफिकेशन के बाद स्कीम में नाम आ चुका था व अब उनके घरों में उक्त सोलर प्लाट लगाए जाने थे। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद नए काम शुरू नहीं किया जा सकता है जबकि पहले से पारित कार्य जारी रहते हैं। वर्तमान में अकाली दल उन्हें बदनाम करने व लोगों के हितों से खिलवाड़ करने के लिए विरोध जता रहा है। वही मामले में डीसी अरविंदपाल सिंह सिद्धू का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी व अगर आचार संहिता की अवहेलना सामने आती है तो तय नियमों के तहत कारर्वाई होगी।
पुलिस ने कराया शांत
जब दोनों पक्षों में बहस बाजी शुरू हो गई और मामला हाथापाई तक पहुंच गया। मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स ने किसी तरह बीच बचाव करते हुए दोनों पक्षों को अलग अलग किया। कांग्रेसी वर्करों ने स्वरूप चंद सिंगला व अकाली दल के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए, वही अकाली दल के वर्करों ने कांग्रेस के खिलाफ से खिलाफ नारेबाजी की।
प्रत्याशी पुत्र ने दर्ज कराई शिकायत
इसी बीच पूर्व विधायक के बेटे दिनव सिंगला ने मौके पर पहुंची चुनाव विभाग की टीम को शिकायत दर्ज करवाई। मौके पर पुलिस ने सभी सोलर पैनल एक धर्मशाला में रखवा दिए और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। जब पूर्व विधायक अपने वर्करों के साथ वापस आने लगे तो कांग्रेस के वर्करों ने तालियां बजाकर गो बैक स्वरूप सिंगला के नारे लगाए।
दोनों दल एक दूसरे के खिलाफ डटे
अकाली दल के वर्करों ने पुलिस को आग्रह किया कि कांग्रेस वर्करों को भी यहां से हटाया जाए, लेकिन कांग्रेसी वर्कर नहीं हटे। इसके बाद पूर्व विधायक वहीं पर अपने साथियों के साथ जमीन पर बैठ गए। बाद में पुलिस ने कांग्रेसी वर्करों को शांत करके वहां से हटाया।
ये पंजाब सरकार का प्रोजेक्ट
इस संबंध में कांग्रेसी नेता व वित्तमंत्री के रिश्तेदार जैजीत सिंह का जौहल का कहना था कि ये कोई चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। ये पंजाब सरकार का प्रोजेक्ट है। जिसके तहत जो सोलर पैनल आचार संहिता से पहले पास हो चुके हैं। कंपनी प्रोजेक्ट लगा रही है। लेकिन इस सोलर पैनल पर कोई वित्तमंत्री की फोटो व स्टिकर आदि नहीं लगा है। हां ये कांग्रेस सरकार ने प्रोजेक्ट लगाया था। कांग्रेस ये प्रोजेक्ट लेकर आई थी, इसलिए क्रेडिट भी कांग्रेस ही लेगी। इस पर अकाली दल विरोध क्यों कर रहा है।