बठिंडा। गत शुक्रवार को देर रात पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की फ्लाइंग आरटीए स्क्वाइड टीम की तरफ से बठिंडा से गिरफ्तार किए गए आरटीए आरपी सिंह के गनमैन के रूप में तैनात सिपाही सुखप्रीत सिंह से प्रारंभिक पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं। पता चला है कि गनमैन सुखप्रीत सिंह, गनमैन गुरजीत सिंह और कुछ अन्य निजी व्यक्ति ट्रांसपोर्टरों से प्रति माह 25 से 30 लाख रुपये की वसूली करते थे।
सुखप्रीत सिंह की पोस्टिंग बेशक गनमैन के तौर पर आरटीए आरपी सिंह के पास थी, लेकिन अक्सर उनके साथ एडीटीओ अंकित बंसल भी होते थे। गौरतलब है कि अंकित बंसल खाद्य आपूर्ति विभाग से प्रतिनियुक्ति पर सहायक परिवहन अधिकारी के रूप में यहां आए थे और आने के बाद ही पूरी चर्चा में रहे हैं। विजिलेंस के एक सूत्र ने कहा कि गनमैन सुखप्रीत सिंह ने अपने साथियों की मदद से ट्रांसपोर्टरों से लगभग 20 से 25 लाख रुपये की मासिक रिश्वत लेने की बात स्वीकार की है। जिसके बाद पूरी कहानी साफ होती दिख रही है कि कोई भी पुलिस कर्मी अकेले वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति के बिना हर महीने इतनी बड़ी रिश्वत नहीं वसूल सकता है। जांच के दौरान यह भी पता चला है कि गनमैन सुखप्रीत सिंह पैसे वसूलने का काम करता है।
उसने तो नहीं, लेकिन उसके साथ दूसरे गनमैन गुरजीत सिंह और मौड़ मंडी के एक प्राइवेट व्यक्ति जग्गी की भी बड़ी भूमिका है। जांच के अनुसार जग्गी को भी विजिलेंस विभाग ने केस में नामजद किया गया है, जबकि एडीटीओ अंकित और गनमैन गुरजीत सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि ए.टी.ओ अंकित कुमार का दूसरा गनमैन सिपाही गुरनजीत सिंह ट्रांसपोर्टरों से 8 से 10 लाख रुपये प्रति माह की वसूली करता था, जबकि वह खुद अन्य ट्रांसपोर्टरों से 7 से 8 लाख रुपये की वसूली करता था। वहीं गिरफ्तार किए गए गनमैन सुखप्रीत को आज मोहाली कोर्ट में पेश किया गया, जहां विजिलेंस की मांग पर कोर्ट ने उसे आगे की पूछताछ के लिए चार दिन की पुलिस रिमांड पर विजिलेंस ब्यूरो की हिरासत में भेज दिया है।
गौरतलब है कि यह गिरफ्तारी मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी हेल्प लाइन पर रामपुरा कस्बे के पास लेहरा धुरकोट गांव के ट्रांसपोर्टर धरम सिंह द्वारा की गई एक ऑनलाइन शिकायत के आधार पर की गई है। इस शिकायत में धर्म सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके ट्रकों और टिप्परों का चालान सहायक परिवहन अधिकारी (एटीओ) और कांस्टेबल सुखप्रीत सिंह और जग्गी सिंह निवासी कस्बा मौड़, जिला बठिंडा और उनके सहायक अंकित कुमार द्वारा किया जा रहा था। परिवहन अधिकारी (एटीओ) बठिंडा और अन्य के नाम पर ट्रकों/टिपरों को सड़कों पर चलाने के लिए होने वाले जुर्माने से बचने के बदले में प्रति माह रुपये “सिक्योरिटी मनी” की मांग कर रहे हैं। उक्त ए.टी.ओ ने शिकायतकर्ता के खड़े ट्रकों का चालान कर दिया था और दबाव में आकर उसने उक्त ए.टी.ओ. गनमैन गुरनजीत सिंह द्वारा दिए गए मोबाइल फोन नंबर पर गूगल पे के माध्यम से 15000 रुपये का भुगतान किया था।
शिकायतकर्ता ने आरोपी के साथ हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया था
शिकायतकर्ता ने आरोपी के साथ हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया था, जिसे सबूत के तौर पर विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया गया है। इस शिकायत की जांच के दौरान, आरोप सत्य पाए गए क्योंकि आरोपी कर्मचारी शिकायतकर्ता के परिवहन वाहनों को निर्बाध रूप से चलाने की अनुमति देने के बदले में रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायतकर्ता के बयानों और ऑडियो सबूतों के आधार पर, विजिलेंस ब्यूरो पुलिस स्टेशन, फ्लाइंग स्क्वाड -1, पंजाब मोहाली में कांस्टेबल सुखप्रीत सिंह और जग्गी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बठिंडा में उसके गनमैन गुरनजीत सिंह और अन्य व्यक्तियों की भूमिका की जांच चल रही है और उन्हें जांच में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है ताकि सुखप्रीत सिंह द्वारा किए गए कबूलनामे सहित अन्य सबूतों के आधार पर उन्हें पेश किया जा सके और उनसे पूछताछ की जा सके।
रामपुरा फूल एरिया से संबंधित एक ट्रांसपोर्टर से रिश्वत मांगने संबंधी आडियो फोन काल के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो मोहाली की टीम ने बीती शुक्रवार देर रात को बठिंडा आरटीए दफ्तर से संबंधित एक अधिकारी के गनमैन हवलदार सुखप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा कि विजिलेंस टीम उक्त आरोपित पुलिस कर्मचारी को गिरफ्तार कर अपने साथ मोहाली ले गई है। जहां पर उसे अदालत में पेशकर उसका पुलिस रिमांड लिया जाएगा, ताकि विजिलेंस टीम उसे पूछताछ कर सके। उधर, विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद ट्रांसपोर्ट विभाग के बड़े अधिकारियों में हडकंप मचा हुआ। सूत्रों की मानने तो विभाग के एक अधिकारी के अलावा कलेरिकल स्टाफ विजिलेंस के निशाने पर है।
जानकारी अनुसार रामपुरा फूल एरिया से संबंध रखने वाले एक ट्रांसपोर्टर गुरजीत सिंह ने पंजाब सरकार के पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज करवाई थी कि बठिंडा आरटीए दफ्तर के एक बडे अधिकारी के साथ बतौर पुलिस सुरक्षा कर्मी तैनात सुखप्रीत सिंह जोकि काम करवाने की एवज में उससे रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायत के अनुसार उक्त आरोपित पुलिस कर्मी ने आरटीए दफ्तर के अधिकारी के नाम पर शिकायतकर्ता से प्रति गाड़ी 1800 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने उक्त पुलिस सुरक्षा कर्मी द्वारा मांगी जा रही रिश्वत संबंधी एक फोन आडियो काल को रिकार्ड कर लिया था, जिसको आधार बनाकर उसने अपनी शिकायत दर्ज करवाई। उक्त शिकायत जैसे ही मोहाली स्थित मुख्य कार्यालय में पहुंची, तो विजिलेंस के आला अधिकारियों ने शिकायत की जांच करने उपरांत बीती शुक्रवार देर रात को विजिलेंस मोहाली की टीम ने आरोपित हवलदार सुखप्रीत सिंह को बठिंडा से गिरफ्तार कर लिया और उसे अपने साथ मोहाली ले गई। जिला पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि बीते दिनों विजिलेंस द्वारा 70 हजार रुपये की रिश्वत समेत पकड़े गए थाना संगत के हैड कांस्टेबल कुलदीप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि बीती शुक्रवार को विजिलेंस मोहाली टीम द्वारा आडियो काल के आधार पर पकड़े गए पुलिस सुरक्षा कर्मी सुखप्रीत सिंह के बारे में जैसे ही लिखती तौर पर कोई पत्र जिला पुलिस मुख्यालय में आएगा, तो उसके बाद उसको भी सस्पेंड किया जा सकता है।