लॉकडाउन 2.0: बैंक, ATM, ऑनलाइन बैंकिंग, आदि पर क्या होगा असर? आपके लिए जानना जरूरी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जरिए रेग्युलेट होने वाली सभी फाइनेंशियल मार्केट्स जैसे एनपीसीआई, सीसीआईएल, पेमेंट सिस्टम्स और स्टैंडअलोन प्राइमरी डीलर सेवाएं जारी रहेंगी। यानी ग्राहकों को सभी ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाएं और गूगल पे जैसी सुविधाएं पहले की तरह ही मिलती रहेंगी।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन 2.0 का एलान किया। देश में अब तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की गई है। इसके मद्देनजर बुधवार को इससे संबंधित दिशानिर्देश जारी किए गए।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), बैंक, ATM, पूंजी और कर्ज बाजार, बीमा कंपनियां पहले की तरह ही अपना काम करते रहेंगे। इन सभी पर लॉकडाउन 2.0 का कोई असर नहीं पड़ेगा। जनता को अपने जरूरी कामों में कोई दिक्कत ना आए, इसलिए यह निर्णय लिया गया। आइए जानते हैं वित्तीय सेवाओं को लेकर सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइंस के बारे में-

  • तीन मई तक लॉकडाउन के दौरान बैंकों की सभी ब्रांच और एटीएम खुले रहेंगे। ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि सभी तरह की बैंकिंग सेवाएं जारी रहेंगी। साथ ही एटीएम पर कैश डालने वाली मैनेजमेंट एजेंसी भी पहले की तरह ही काम करती रहेंगी।
  • सरकार की ओर से बैंक की ब्रांच डीबीटी कैश ट्रांसफर के पूरा होने तक सामान्य काम के घंटों के अनुसार कार्य करने की अनुमति दी गई है।
    सामाजिक दूरी और कानूनी व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन बैंक की शाखाओं में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जरिए रेग्युलेट होने वाली सभी फाइनेंशियल मार्केट्स जैसे एनपीसीआई, सीसीआईएल, पेमेंट सिस्टम्स और स्टैंडअलोन प्राइमरी डीलर सेवाएं जारी रहेंगी। यानी ग्राहकों को सभी ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाएं और गूगल पे जैसी सुविधाएं पहले की तरह ही मिलती रहेंगी।
  • इसी तरह घरेलू शेयर बाजार और बॉन्ड मार्केट में भी कारोबार जारी रहेगा।
  • बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) और इंश्योरेंस कंपनियां भी अपना काम जारी रखेंगी।
  • एलपीजी और पेट्रोल-डीजल की सप्लाई जारी रहेगी।

हालांकि इस बीच आपको एक बात का खास ध्यान रखना होगा। अगर राज्य सरकार किसी इलाके को रेड जोन घोषित करती है, तो वहां पर ये नियम लागू नहीं होंगे। इन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत ही लागू किया जाएगा।

 

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