लोन मोरेटोरियम पर आम आदमी को बड़ी राहत, 15 नवंबर तक नहीं लगेगा ब्याज पर ब्याज
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लोन मोरेटोरियम मामले पर कहा कि इस सुविधा का फायदा लेने वाले लोगों को 15 नवंबर तक ब्याज पर ब्याज (Interest on Interest) नहीं देना होगा. साथ ही कहा कि 15 नवंबर तक किसी का लोन अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित नहीं किया जाएगा.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लोन मोरेटोरिम (Loan Moratorium) मामले पर आम आदमी को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने कहा कि मोरेटोरियम सुविधा का फायदा लेने वाले लोगों को 15 नवंबर 2020 तक ब्याज पर ब्याज (Interest on Interest) नहीं देना होगा. साथ ही कहा कि 15 नवंबर तक किसी का लोन अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित नहीं किया जाएगा. इससे पहले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) व बैंकों वकील हरीश साल्वे ने मामले की सुनवाई टालने का आग्रह किया.
क्या है मामला- कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाया था. उस समय उद्योग धंधे पूरी तरह बंद थे. इसीलिए कारोबारियों और कंपनियों के लिए कई मुश्किलें खड़ी हो गई. कई लोगों की नौकरियां चली गईं. ऐसे में लोन की किस्तें चुकाना मुश्किल था. ऐसे में रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की सहूलियत दी थी. यानी लोन पर किस्तें टाल दी गई थी. किसी लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेते हुए किस्त नहीं चुकाई तो उस अवधि का ब्याज मूलधन में जुड़ जाएगा. यानी अब मूलधन+ब्याज पर ब्याज लगेगा. इसी ब्याज पर ब्याज का मसला सुप्रीम कोर्ट में है.