ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिग में वीआइपी दर्शन व्यवस्था पर प्रतिबंध

ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट की ओर से विशेष दर्शन की तीन सौ रुपये शुल्क वाली वीआइपी दर्शन व्यवस्था बंद करने से सावन माह में मंदिर ट्रस्ट को 60 लाख से अधिक और भादौ के 15 दिनों में करीब 30 लाख रुपये की राशि नहीं मिलने का अनुमान है।

खंडवा। मध्य प्रदेश में खंडवा जिले के भगवान ओंकारेश्वर व ममलेश्वर ज्योतिर्लिग के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। भीड़ प्रबंधन के लिए सावन और भादौ माह में वीआइपी दर्शन व्यवस्था पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब सभी को लाइन में लगकर दर्शन करने होंगे। 22 जुलाई को भोलेनाथ की पहली सवारी निकलेगी।

ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट की ओर से विशेष दर्शन की तीन सौ रुपये शुल्क वाली वीआइपी दर्शन व्यवस्था बंद करने से सावन माह में मंदिर ट्रस्ट को 60 लाख से अधिक और भादौ के 15 दिनों में करीब 30 लाख रुपये की राशि नहीं मिलने का अनुमान है।

 

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ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं
उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर में सावन माह में आम दर्शनार्थियों का गर्भगृह में प्रवेश बंद रहेगा। यह व्यवस्था भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने के चलते की गई है। यदि किसी दिन भक्तों की संख्या कम रही तो व्यवस्था में तात्कालिक बदलाव किया जा सकेगा।

यह रहेगी दर्शन की व्यवस्था

  • आम दर्शनार्थी: सामान्य दर्शनार्थियों के प्रवेश द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे।
  • वृद्घ, दिव्यांग, कावड़ यात्री : वृद्घ, दिव्यांग, कावड़ यात्री तथा पुजारी पुरोहित भस्मारती द्वार से प्रवेश करेंगे।
  • शीघ्र दर्शन टिकट धारी दर्शनार्थी : 250 रुपए के शीघ्र दर्शन टिकट धारी दर्शनार्थियों का प्रवेश मंदिर के पीछे स्थित शंख द्वार से होगा।
  • भक्तों का निर्गम : सभी दर्शनार्थी मंदिर के पीछे निर्गम गेट से मंदिर के बाहर आएंगे।

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भस्मारती अनुमति निशुल्क, किसी को रुपए न दें
महाकाल मंदिर में सावन माह के दौरान प्रतिदिन रात्रि तीन बजे मंदिर के पट खुलते हैं। इसके बाद भस्मारती होती है। मंदिर प्रशासन द्वारा भस्मारती दर्शन के लिए निशुल्क अनुमति दी जाती है। फैसिलिटी सेंटर के समीप स्थित भस्मारती काउंटर से कोई भक्त दर्शन के लिए अनुमति प्राप्त कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति भस्मारती अनुमति के लिए रुपये की मांग करता है तो इसकी शिकायत मंदिर कार्यालय में करें।

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