बलूची नेता ब्रहुम्दाग बुग्ती का सनसनीखेज आरोप, इमरान सरकार के इशारे पर बलूची लोगों को हो रहा है अपहरण
पाकिस्तान सरकार पर संगीन आरोप लगाते हैं बलोच रिपब्लिक पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि पाक सेना बलूची लोगों को अपहरण कर रही है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान एक तरफ कहता है कि वो अपने मुल्क में अल्पसंख्यकों की हिफाजत का पूरा ख्याल करता है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। बलूचिस्तान में हर एक दिन लोग पाकिस्तानी सेना का शिकार हो रहे हैं। बलोच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष ब्रहुम्दाग बुग्ती ने पाक सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पाक सेना एक एक बलूचियों का अपहरण करने के साथ उन्हें मौत के घाट उतार रही है। न केवल बलूची बल्कि पश्तून, मुहाजिर, सिंधी और दूसरे अल्पसंख्यक समाज के लोगों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
Brahumdagh Bugti, President of Baloch Republican Party: Pakistani state authorities have been using enforced disappearances as a tool to crush the voice of oppressed people like Balochs, Pashtuns, Muhajirs, Sindhis, & religious minorities. pic.twitter.com/n9Be1YewT1
— ANI (@ANI) June 25, 2019
ब्रहुम्दाग बुग्ती ने कहा कि एक तरफ पाकिस्तान जबरन अपहरण किए जाने वाली व्यवस्था के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दस्तखत किए हुए हैं। लेकिन उसके ठीक विपरीत बलूची लोगों का अपहरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सांस्कृतिक तौर पर देखा जाए तो बलूची लोगों की अलग पहचान है। लेकिन उस पहचान को इमरान खान सरकार खत्म करने पर तुली हुई है।
ब्रहुम्दाग बुग्ती ने ये भी कहा कि इन आरोपों में किसी तरह की सच्चाई नहीं है कि बलूची लोग बाहरी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं। पाकिस्तान सरकार के पास सच्चाई छिपाने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है, लिहाजा वहां के हुक्मरान अपने आपको बचाने के लिए इस तरह के आरोप लगाते हैं। अगर आप लोग बलूचिस्तान की बात करें तो पाकिस्तान को महज वहां की खनिज संपदा से प्यार है, पाकिस्तान किसी भी तरह बलूची लोगों की कीमतों पर अपने खजाने को भर रहा है। ऐसे हालात के लिए सिर्फ इमरान खान को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। इससे पहले की सरकारों में इस तरह का काम होता रहा है। फर्क सिर्फ ये है कि इमरान सरकार उसे तेज गति से बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा कि इमरान खान पाकिस्तान की संसद में कहते हैं कि गरीबी, अशिक्षा का सामना करने के लिए भारत और पाकिस्तान को साझा मंच पर खड़ा होना चाहिए। लेकिन वो बलूचिस्तान की जमीनी हालात पर आंख बंद कर लेते हैं। लोग बुनियादी मांगों के समर्थन में सड़कों पर उतरते हैं तो पाक सरकार को लगता है कि उसके खिलाफ विद्रोह किया जा रहा है। लेकिन हकीकत ये है कि पाकिस्तान की तरफ से दमनकारी नीतियां अब भी जारी हैं।