नई दिल्ली. पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर 3 जनवरी हुए पथराव और सिख युवक की हत्या के विरोध में दिल्ली में विरोध प्रदर्शन हुआ। मंगलवार को बजरंग दल और दुर्गावाहिनी समर्थकों ने पाकिस्तान उच्चायुक्त के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान सुरक्षा बल और प्रदर्शनकारियों की झड़प भी हुई। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया।
प्रदर्शन में शामिल बजरंग दल के संयोजक नीलमणि समाधिया ने कहा- ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले से पाकिस्तान सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है। पाकिस्तान में हिंदू और सिखों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। पहले ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमला हुआ और उसके बाद सिख नौजवान का कत्ल कर दिया गया। पाकिस्तान सरकार को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए।
पाकिस्तानी सरकार और कट्टरवादी मिलकर प्रताड़ित कर रहे
पाकिस्तान उच्चायोग के सामने प्रदर्शन के दौरान हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा- 1947 में पाकिस्तान में 12% हिंदू और सिख थे, जो अब महज 2% रह गए हैं। दूसरी तरफ, भारत में मुस्लिम 12% से बढ़कर 18% हो गए। धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए वहां कोई इंतजाम नहीं है। सरकार और कट्टरवादी ताकतें मिलकर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं।
ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुआ था पथराव
3 जनवरी की शाम को सैकड़ों कट्टरपंथी मुस्लिमों ने ननकाना साहिब स्थित गुरुद्वारे को घेरकर पथराव किया था। इन लोगों ने वहां से सिखों को भगाने, गुरुद्वारा गिराने और शहर का नाम बदलकर गुलाम अली मुस्तफा रखने की धमकी दी थी। कट्टरपंथियों ने सिख विरोधी नारे भी लगाए थे, जिसके चलते पहली बार गुरुद्वारे में भजन-कीर्तन रद्द करना पड़ा था। ननकाना साहिब में सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव का जन्म हुआ था, इस वजह से वो उनके सबसे पवित्र धर्मस्थलों में से एक है।