नई दिल्ली। कश्मीर को अपना अलग संविधान, अपना अलग कानून बनाने जैसी छूट देने वाले आर्टिकल-370 को खत्म कर दिया गया है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल भी राज्यसभा में मोदी सरकार ने पास करा लिया, आज इसी बिल पर लोकसभा में चर्चा होगी.
जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने और अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के भारत सरकार के फैसले के बाद सोमवार देर रात दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक बार फिर बगावती सुर देखने को मिले हैं. सोमवार देर रात JNU कैंपस के अंदर एक बार फिर आजादी-आजादी के नारों की गूंज सुनाई दी. चंद लोगों ने अंधेरे में जमकर नारेबाजी की और अनुच्छेद 370 को वापस लेने की मांग की.
जेएनयू से कथित क्रांति का झंडा बुलंद करने वालों की भाषा बेहद आपत्तिजनक बताई जा रही है. उन्होंने सेना को लेकर भी काफी अपशब्दों का इस्तेमाल किया.
हद तो तब हो गई जब जेएनयू में लाल सलाम का नारा बुलंद करने वाले इन मुट्ठीभर लोगों ने खुद को हिन्दुस्तानी बताने से भी परहेज किया. जेएनयू में आधी रात के अंधेरे में ये छात्र मीडिया के कैमरे से कतराते रहे.
एक तरफ जहां जेएनयू में अनुच्छेद 370 को वापस लेने की मांग हो रही थी वहीं, जम्मू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सोमवार को जश्न मनाया. दूसरे राज्यों में भी जश्न का माहौल रहा, जिसमें तेलंगाना भी शामिल था. यहां लोग अपने घरों से बाहर आए और इस अवसर पर पटाखे फोड़कर अपनी खुशी का इजहार किया.
इससे पहले जेएनयू चर्चा में तब आया था जब 9 फरवरी 2016 को कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए गए. चर्चित सीपीआई नेता और जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत अन्य छात्र नेताओं पर जेएनयू परिसर में संसद हमले का दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप है. साथ ही इन पर कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने की धाराओं में भी मामला दर्ज किया गया है.
इस कार्यक्रम के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया था कि यहां भारत तेरे टुकड़े होंगे और आतंकी अफजल तेरे कातिल जिंदा हैं, जैसे नारे लगे थे. एबीवीपी ने यह भी कहा कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए. फिलहाल इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो गई है, और इस मामले की सुनवाई दिल्ली की एक कोर्ट में चल रही है.
आर्टिकल 370 हटने के बाद क्या-क्या बदलेगा?
– जम्मू-कश्मीर को अब तक जो विशेष राज्य का दर्जा मिलता रहा है वो खत्म हो गया.
– राज्य का अलग संविधान नहीं होगा.
– जम्मू कश्मीर के लोगों को कोई अलग से सुविधा नहीं मिलेगी.
-जम्मू कश्मीर में देश का कोई भी नागरिक जमीन खरीद पाएगा.