ज्यादा ऊंचाई, ज्यादा शिखर और ज्यादा एरिया, पुराने डिजाइन से इतना भव्य होगा श्री राम मंदिर

18 जुलाई को अयोध्या में हुई ट्रस्ट की बैठक में राम मंदिर मॉडल तैयार करने वाले चंद्रकांत सोमपुरा के दोनों बेटों निखिल व आशीष सोमपुरा को भी बुलाया गया था. दोनों ही इंजीनियर हैं. ये दोनों ही मंदिर के नक्शे में किए गए बदलाव पर काम करेंगे.

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राम मंदिर निर्माण का शुभारंभ बहुत जल्द होने जा रहा है. बताया जा रहा है कि पांच अगस्त को अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन किया जाएगा. राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा पर 18 जुलाई को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अहम बैठक हुई. बैठक में कई मसलों पर अहम चर्चा हुई. राम मंदिर की भव्यता बढ़ाने के लिए भी कुछ बदलाव किए गए हैं. अब भगवान राम का मंदिर और अधिक ऊंचा व भव्य होगा.

ये होंगे बदलाव

राम मंदिर की ऊंचाई, चौड़ाई व लंबाई तीनों ही बढ़ा दी गई हैं. साथ ही राम मंदिर अब दो मंजिल की जगह तीन मंजिल का होगा. पुराने मॉडल के हिसाब से मंदिर की लंबाई 268 फीट 5 इंच थी जो अब 280 से 300 फीट होगी. वहीं, नए मॉडल में मंदिर की चौड़ाई बढ़कर 272-280 फीट के आसपास होगी जो पहले 140 फीट थी. इसके अलावा मंदिर की ऊंचाई 128 फीट से बढ़कर 161 फीट होगी. ऊंचाई में 33 फीट की वृद्धि होने से एक और मंजिल बढ़ाई जा रही है. इसके अलावा तीन गुंबद की जगह नये नक्शे में पांच गुंबद रखे गये हैं. दो मंजिल की जगह अब राम मंदिर तीन मंजिला होगा. पूरे मंदिर में 318 स्तंभ होंगे और हर तल पर 106 स्तंभ बनाए जाएंगे.

हालांकि, मंदिर का बुनियादी स्वरूप वही रखा गया है जैसा प्रस्तावित मॉडल में था. गर्भगृह और सिंहद्वार के नक्शे में भी कोई बदलाव नहीं होगा. राम मंदिर का अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्य मंडप और रंग मंडप को छोड़कर बाकी सभी हिस्से का नक्शा बदला जाएगा. मंदिर के नये नक्शे पर वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा काम कर रहे हैं.

क्यों बदला गया नक्शा

राम मंदिर का जो मॉडल अब तक सबके सामने है वो विश्व हिंदू परिषद के आइडिया पर आधारित है. सुप्रीम कोर्ट से 9 नवंबर 2019 को जब राम मंदिर निर्माण की मंजूरी मिली तो मंदिर की जिम्मेदारी के लिए केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट गठित करने के लिए कहा गया. मोदी सरकार ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नाम से राम मंदिर ट्रस्ट का गठन किया. ये ट्रस्ट ही अब मंदिर निर्माण का काम देख रही है. मंदिर को लेकर लगातार मंथन भी हो रहा है. संतों की तरफ से राम मंदिर के विस्तार और उसकी भव्यता बढ़ाने की मांग लगातार की जा रही थी. ट्रस्ट ने संतों की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए कुछ बदलाव के फैसले लिए हैं. हालांकि, मंदिर का मॉडल वही होगा, लेकिन उसकी भव्यता बढ़ाई जाएगी.

18 जुलाई को अयोध्या में हुई ट्रस्ट की बैठक में राम मंदिर मॉडल तैयार करने वाले चंद्रकांत सोमपुरा के दोनों बेटों निखिल व आशीष सोमपुरा को भी बुलाया गया था. दोनों ही इंजीनियर हैं. ये दोनों ही मंदिर के नक्शे में किए गए बदलाव पर काम करेंगे.

भूमि-पूजन में जाएंगे पीएम मोदी?

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर भूमि-पूजन में शिरकत करेंगे. पीएम मोदी को ट्रस्ट की तरफ से न्योता भेजा गया है. हालांकि, पीएमओ की तरफ से अब तक आधिकारिक तौर पर कोई तारीख कंफर्म नहीं बताई गई है. लेकिन बताया जा रहा है कि 5 अगस्त को पीएम मोदी जा सकते हैं. राम मंदिर का भूमि-पूजन अभिजीत मुहूर्त में ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ किया जाएगा. ताम्र कलश में गंगाजल और अन्य तीर्थों का जल लाकर पूजा की जाएगी. 3 अगस्त से पूजा-पाठ का काम शुरू हो जाएगा. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भूमि-पूजन में शामिल होंगे.

मंदिर के भूमि-पूजन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास लगभग 40 किलो चांदी की श्रीराम शिला को समर्पित करेंगे. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी इस शिला का पूजन करेंगे और इसे स्थापित करेंगे. बताया जा रहा है कि साढ़े 3 फीट गहरे गड्ढे में पांच चांदी की ईंट रखी जाएंगी, जो 5 नक्षत्रों की प्रतीक होंगी. माना जाता है कि अभिजीत मुहूर्त में भगवान राम का जन्म हुआ था. ट्रस्ट के अधिकारियों का कहना है कि राम मंदिर का नक्शा फाइनल होने के बाद 3 से साढ़े 3 साल के बीच निर्माण का काम पूरा हो जाएगा.

राम मंदिर निर्माण के लिए पैसा जुटाने का काम भी किया जाएगा. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि मानसून के बाद राम मंदिर ट्रस्ट 10 करोड़ परिवारों से संपर्क स्थापित करेगी और मंदिर के लिए आर्थिक सहायता की मांग की जाएगी.

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