अयोध्या मामला: मुस्लिम पक्ष ने पेश किया सबूत, 1934 में PWD ने मस्जिद की मरम्मत कराई थी
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई में शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं. मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलों में मस्जिद होने का दावा पेश कर हुए कोर्ट के सामने कुछ दस्तावेज रखे.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई में शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं. मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलों में मस्जिद होने का दावा पेश करते हुए कोर्ट के सामने कुछ दस्तावेज रखे. मुस्लिम पक्ष के वकील ज़फरयाब जिलानी (Zafaryab Jilani) ने पेश किए गए दस्तावेजों में पीडब्ल्यूडी (PWD) की उस रिपोर्ट को भी रखा जिसमें यह बताया गया था कि 1934 के सांप्रदायिक दंगों में मस्जिद क्षतिग्रस्त हो गई थी.
मुस्लिम पक्ष के वकील ज़फरयाब जिलानी ने कोर्ट में यह दावा किया है कि विवादित स्थल पर बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) थी. इसी के संदर्भ में जिलानी ने अदालत के समक्ष यह दस्तावेज प्रस्तुत किए थे. जिलानी ने पीडब्लूडी की रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि 1934 के सांप्रदायिक दंगों में मस्जिद के एक हिस्से को कथित रूप से क्षतिग्रस्त किया गया जिसके बाद पीडब्लूडी ने उसकी मरम्मत कराई थी.
मुस्लिम पक्ष के वकील ने किया मंत्री के बयान का जिक्र
मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन (Rajeev Dhawan) ने 22वें दिन की सुनवाई में उत्तर प्रदेश के एक मंत्री के बयान का जिक्र किया था. राजीव धवन ने कोर्ट में कहा कि कल मेरे सहयोगी को सुप्रीम कोर्ट में अपशब्द कहे गए थे और परेशान किया गया क्योंकि मैं मुस्लिम पक्ष की तरफदारी कर रहा हूं. ये सब बहुत खराब माहौल तैयार कर रहा है. कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने कहा था कि जगह हमारी है, मंदिर हमारा है और सुप्रीम कोर्ट भी हमारा है. मैं और कितनी अवमानना याचिका दाखिल करूं.
राजीव धवन की शिकायत पर चीफ जस्टिस (Chief Justice) ने कहा कि किसी भी पक्ष को दबाव में आने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा सभी पक्ष निर्भीक होकर अपनी दलील पेश करें. धवन ने कोर्ट में अपने स्टाफ के साथ बदसलूकी और फेसबुक (Facebook) पर मिली धमकी का भी ज़िक्र किया. सुप्रीम कोर्ट ने राजीव धवन से सुरक्षा मुहैया कराने के लिए भी पूछा लेकिन उन्होंने कोई भी सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया.