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भारत केमिकल और वाहन निर्यातक कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भर
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भारत चमड़ा, कृषि और कालीन क्षेत्र में अवसर तलाश सकता है
कोरोना वायरस की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. तमाम बड़ी कंपनियां बंद हैं. इस बीच उद्योग मंडल एसोचैम का मानना है कि वायरस की वजह से वैश्विक निर्यात बाजार में चीन के खाली स्थान की जगह भारत ले सकता है.
संकट में चीन
एसोचैम ने यह भी कहा कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मास्युटिकल्स, विशेष प्रकार का केमिकल और वाहन निर्यातक कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भर हैं और उन्हें आपूर्ति दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन कई ऐसे सेक्टर हैं जहां स्थानीय कारोबारियों के लिए अवसर बढ़े हैं.
कुछ सेक्टर्स के लिए अच्छे मौके
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘कुछ सेक्टर्स को छोड़कर भारत के बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग निर्यातक चीन द्वारा खाली किए गए बाजार को हासिल कर सकते हैं. कुछ यही स्थिति चमड़ा और चमड़ा सामान क्षेत्र को लेकर भी है.’
उन्होंने कहा कि भारत कृषि और कालीन क्षेत्र में भी अवसर तलाश सकता है. दीपक सूद ने कहा, ‘चीन के निर्यातक जब अपनी आपूर्ति को सामान्य करने की स्थिति में आ जाएंगे, उस समय भी हमारे कई क्षेत्रों को उससे प्रतिस्पर्धा करने को अपने उत्पादन के स्तर को बेहतर करना होगा.’
एसोचैम की मानें तो कोरोना वायरस जैसी आपदा आज पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. लेकिन भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह इस खाली स्थान की भरपाई करे. भारत जैसे देशों को इस मुद्दे पर स्पष्ट रणनीति बनानी चाहिए.