महाराष्ट्र में आज होगा स्पीकर का चुनाव, गठबंधन प्रत्याशी के खिलाफ BJP का दांव

आज विधानसभा में स्पीकर का चुनाव होना है, महाविकास अघाड़ी ने नाना पटोले को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी की ओर से किशन कथोरे मैदान में हैं.

  • महाराष्ट्र में आज होगा स्पीकर का चुनाव
  • बीजेपी की ओर से किशन कथोरे मैदान में

महाराष्ट्र विधानसभा में आज उद्धव सरकार की दूसरी चुनौती है. दरअसल, रविवार को विधानसभा में स्पीकर का चुनाव होना है, महाविकास अघाड़ी ने कांग्रेस के नाना पटोले को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी की ओर से किशन कथोरे मैदान में हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा में तमाम हंगामा और हो हल्ला के बीच शनिवार को उद्धव ठाकरे ने अपनी पहली अग्निपरीक्षा पास की. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने शनिवार को यहां 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया.

शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के महागठबंधन को विश्वास मत के लिए न्यूनतम 145 वोट की जरूरत थी, लेकिन उन्हें कुल 169 मत मिले. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 105 विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट किया, जबकि चार विधायक तटस्थ रहे और उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.

इस तरह पहली बाधा तो पार हुई, लेकिन आज उद्धव सरकार की दूसरी परीक्षा है. आज महाराष्ट्र में स्पीकर का चुनाव होना है. महाविकास अघाड़ी की तरफ से एनसीपी विधायक नाना पटोले स्पीकर पद के प्रत्याशी हैं, जबकि बीजेपी ने किशन कथोरे को स्पीकर पद का प्रत्याशी बनाया है.

राज्यपाल का संबोधन

स्पीकर का चुनाव गुप्त मतदान के जरिए होना है और उसके बाद शाम 4 बजे राज्यपाल सदन को संबोधित करेंगे. शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी को पूरा भरोसा है कि वो इस परीक्षा में भी बेहतरीन अंकों से पास होंगे.

स्पीकर के चुनाव के अलावा अब उद्धव सरकार के कैबिनेट विस्तार पर भी नजर है. माना जा रहा है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में उद्धव सरकार का कैबिनेट विस्तार होगा, जिसमें 14 मंत्री शपथ ले सकते हैं. सूत्रों के अनुसार उद्धव सरकार में सीएम समेत शिवसेना के कुल 16 मंत्री, एनसीपी के 15 मंत्री और कांग्रेस के 12 मंत्री शामिल होंगे.

खबर ये भी है कि सबके मंत्रालयों पर विचार किया जा चुका है. शिवसेना को शहरी विकास, आवास, सिंचाई और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम मंत्रालय मिलेगा. एनसीपी के खाते में गृह, वित्त योजना, बिजली और वन पर्यावरण मंत्रालय आएगा. जबकि कांग्रेस को राजस्व, पीडब्ल्यू, और उत्पाद शुल्क मंत्रालय मिलने की संभावना है.

हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय को लेकर अभी निर्णय नहीं हुआ है. कुल मिलाकर महाविकास अघाड़ी बेहद फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, क्योंकि उसे मालूम है कि तीनों दलों में से एक भी नाराज हुआ तो मामला बिगड़ जाएगा.

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