जेटली के निधन से राजनीतिक जगत में दुख, सोनिया गांधी बोलीं- हमेशा याद रखे जाएंगे

जेटली के निधन से राजनीतिक जगत में दुख, सोनिया गांधी बोलीं- हमेशा याद रखे जाएंगे

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नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. जेटली के निधन से देशभर में शोक की लहर है. विभिन्न दलों के नेताओं ने भी दुख जताया है.

गृहमंत्री अमित शाह ने दुख जताते हुए कहा कि अरुण जेटली के निधन से अत्यंत दुःखी हूं. जेटली का जाना मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है. उन्होंने कहा कि उनके रूप में मैंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षों तक प्राप्त होता रहा.

वहीं कांग्रेस ने दुख जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है. कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा, ‘‘हमें अरुण जेटली जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ है. दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थना उनके परिवार के साथ हैं.’’

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अरुण जेटली के असामयिक निधन पर गहरा दुख और पीड़ा व्यक्त की है. उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जेटली ने एक सार्वजनिक व्यक्ति, सांसद और मंत्री के रूप में लंबी पारी खेली और सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.

अरुण जेटली के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात से जेटली के परिवार से बात की है. पीएम मोदी ने अरुण जेटली की पत्नी और उनके बेटे से बात की और संवेदना जाहिर की है. अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के एम्स में 12 बजकर 7 मिनट पर निधन हो गया. पीएम मोदी इस वक्त विदेश के दौरे पर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक जेटली के परिवार ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे अपना विदेश दौरा रद्द ना करें. पीएम ने ट्वीट कर जेटली के निधन पर गहरा दुख जाहिर किया है.

नीतीश कुमार ने कहा, “बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन दुखद है. उन्होंने उच्च राजनीतिक मूल्यों और आदर्शों की बदौलत सार्वजनिक जीवन में उच्च शिखर को प्राप्त किया है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.”

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी अरुण जेटली के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने कहा, “आदरणीय अरुण जेटली के निधन पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे. ॐ शांति.” बता दें कि गिरिराज सिंह अभी अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में हैं. उन्होंने वहां अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. गिरिराज सिंह ने कहा, “आदरणीय अरुण जेटली के दुखद निधन उपरांत बेगूसराय के बख़री में आदरणीय अरुण जेटली जी को याद करने के बाद हमारे आज और कल के सभी कार्यक्रम स्थगित किए जाते हैं. हम वापिस दिल्ली जायेंगे”

बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, “मेरे मेंटर, दोस्त, नेता अरुण जेटली का निधन हो गया है. ये एक ऐसी क्षति है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता है”

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कई नेताओं ने शनिवार को पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली के निधन पर शोक प्रकट किया. कई दिन से बीमार चल रहे जेटली का शनिवार को नयी दिल्ली में निधन हो गया.

पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली के निधन पर मेरी संवेदनाएं। श्रअपने लम्बे राजनीतिक जीवन में श्री जेटली ने…

Ashok Gehlot यांनी वर पोस्ट केले शनिवार, २४ ऑगस्ट, २०१९

मुख्यमंत्री गहलोत ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के असामयिक निधन के समाचार से दुखी हूं.’’ गहलोत ने जेटली के परिजनों के प्रति सांत्वना जताई.

इस बीच, पायलट ने जेटली के निधन को देश के लिए बड़ी क्षति बताया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह सुनकर गहरा दुख हुआ कि जेटली नहीं रहें.’’ पायलट ने कहा कि जेटली के योगदान को देखते हुए उनका जाना देश के लिए बड़ी क्षति है.

बीकानेर से सांसद व केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने ट्वीट किया, ‘‘बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पूर्व वित्त मंत्री, मेरे वरिष्ठ सहयोगी और मार्गदर्शक अरुण जेटली जी के निधन से मन अत्यंत दुखी है.’’

 

मेघवाल ने कहा कि जेटली का निधन बीजेपी परिवार ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण राजनीतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. जोधपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘‘बीजेपी परिवार के श्रद्धेय, अग्रज, संगठन के प्रबुद्ध स्तम्भ अरुण जेटली का जाना अत्यन्त दुखदाई है.’’

 

शेखावत ने ट्वीट किया, ‘‘उन्होंने संगठन और सरकार में विभिन्न पदों पर गरिमा से अपना कर्तव्य निभाया है. मेरे जैसे सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के लिए आदरणीय अरुण जेटली हमेशा एक मार्गदर्शक की तरह थे.’’

 

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी जेटली के निधन पर शोक जताया और इसे बीजेपी परिवार और राजनीतिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया.

गौरतलब है कि जेटली का शनिवार को एम्स में निधन हो गया. वह 67 साल के थे. उनका पिछले कई दिनों से उपचार चल रहा था. 9 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के बाद अरुण जेटली को एम्स में भर्ती कराया गया था. अनुभवी डॉक्टरों की टीम की देखरेख में उनका इलाज किया जा रहा था. शनिवार सुबह ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन उन्हें देखने पहुंचे थे.


अरुण जेटली का आखिरी ट्वीट, इन्हें किया था नमन, धारा 370 के लिए लिखी थी ये बातें

अरुण जेटली (फाइल फोटो)

पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनको बीते 9 अगस्त को दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया था. उस समय उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. लंबे समय से चल रही बीमारी के चलते उन्होंने दूसरी बार नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर कैबिनेट में शामिल होने से विनम्रता पूर्वक मना कर दिया था. अरुण जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में दूसरे नंबर के सबसे अहम शख्सियत थे. अपने फैसलों से वह हमेशा चर्चा में बने रहते थे.

अरुण जेटली सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव थे वह अपना खुद का ब्लॉग भी लिखा करते थे. उन्होंने 6 अगस्‍त 2019 क  आखिरी बार ट्वीट किया था. जिसमें उन्‍होंने लिखा था “महान संत तुलसीदास जी की जयंती पर उनको कोटि कोटि नमन. “

वहीं आपको बता दें, 6 अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया  था. जिस पर अरुण जेटली ने सुषमा जी के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट करते हुए लिखा था.

“सुषमा जी के निधन पर दुख, दर्द और टूट गया. वह वर्तमान युग में सबसे उत्कृष्ट राजनीतिज्ञों में से एक थी. वह सभी पदों पर प्रतिष्ठित थीं. वह पार्टी एनडीए सरकार के साथ वरिष्ठ पदों पर रहीं.

आपको बता दें, अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का जिक्र करते हुए कई बाते लिखी थी.

उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर नीति को लेकर जो कदम उठाया है वह असंभव था. अरुण जेटली ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने ब्लॉग में मोदी सरकार के इस फैसले की विवेचना की थी. इसमें जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर इतिहास में हुए असफल प्रयासों का भी जिक्र किया गया था.

इसी के साथ उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा- “सात दशकों से कभी भी जम्मू-कश्मीर को लेकर सही कदम नहीं उठाया गया. वहां जुड़ाव कि नहीं अलगाववाद की बात होती रही. इससे वहां पर अलगाववादी मानसिकता का विकास हुआ. पाकिस्तान कई दशकों से इसी मानसिकता का फायदा उठाता आया है.

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