दिल्ली: सेना के हवाले नरेला का क्वारनटीन सेंटर, यहां भर्ती हैं मरकज के 932 जमाती

सेना ने 16 अप्रैल को इस क्वारनटीन सेंटर को अपने नियंत्रण में ले लिया और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को दिन के काम से मुक्त करते हुए रात का जिम्मा दे दिया. अब तक इसे दिल्ली सरकार के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी संभाल रहे थे. क्वारनटीन सेंटर के एक अधिकारी ने कहा, इस सेंटर में मरकज के 932 लोगों का ध्यान रखा जा रहा है जिनमें 367 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं.

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  • अब तक दिल्ली सरकार के डॉक्टर इसे संभाल रहे थे
  • दिन में सेना और रात को सरकारी स्टाफ काम देखेंगे

दिल्ली स्थित नरेला क्वारनटीन सेंटर अब सेना के हवाले कर दिया गया है. इस सेंटर में तबलीगी जमात के 932 सदस्य भर्ती हैं जिनमें 367 लोग कोविड-19 के पॉजिटिव पाए गए हैं. बता दें कि यह सेंटर तभी से सुर्खियों में है जब से भारत में अभी कोरोना की शुरुआत ही हुई थी. चीन में बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने इसे बनाया था ताकि विदेश से आने वाले लोगों को यहां क्वारनटीन किया जा सके. उस वक्त यह दिल्ली सरकार (सिविल) के हवाले था लेकिन अब सेना ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया है.

नरेला क्वारनटीन सेंटर सेना के हवाले भले हो या हो, लेकिन सिविल (नागरिक सेवा) का रोल बिल्कुल खत्म नहीं किया गया है. सिविल स्टाफ रात में मरीजों की देखभाल करेंगे. इस क्वारनटीन सेंटर में फिलहाल 40 कर्मचारी कार्यरत हैं जिनमें 6 मेडिकल अफसर और 18 पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं. इस सेंटर में 1200 से ज्यादा लोग भर्ती हैं जिनमें अधिकांश निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात से जुड़े हैं. सेना अपना काम सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक देखती है जबकि इसके बाद का काम सिविल के हवाले होता है.

सेना ने 16 अप्रैल को इस क्वारनटीन सेंटर को अपने नियंत्रण में ले लिया और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को दिन के काम से मुक्त करते हुए रात का जिम्मा दे दिया. अब तक इसे दिल्ली सरकार के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी संभाल रहे थे. क्वारनटीन सेंटर के एक अधिकारी ने कहा, इस सेंटर में मरकज के 932 लोगों का ध्यान रखा जा रहा है जिनमें 367 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. बता दें, नरेला का क्वारनटीन सेंटर देश का सबसे बड़ा है जो कोविड-19 के संदिग्धों की देखभाल करता है. यह सेंटर मार्च में बना था. शुरू में विदेश से आए 250 विदेशी नागरिकों को इसमें भर्ती किया गया था. बाद में निजामुद्दीन मरकज से आए 1 हजार लोगों को यहां भर्ती कराया गया.

अब सेना और सरकारी स्टाफ मिलकर इस सेंटर को काफी अच्छे से चला रहे हैं. सेना ने कहा है कि आर्मी की मेडिकल टीम का कामकाज काफी पेशेवर है जिससे यहां भर्ती लोगों को काफी तसल्ली है. सेना की ओर से कहा गया है कि कोविड-19 को हराने के लिए सरकारी स्टाफ के साथ मिलकर हरसंभव कदम उठाए जाएंगे ताकि कोरोना महामारी से देश के लोगों को बचाया जा सके.

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