28 पर केस दर्ज करने के बाद भड़के आंगनवाड़ी वर्कर, किया शहर में विरोध प्रदर्शन -समर्थन में आए किसानों ने बठिंडा-मानसा रोड पर लगाया जमा, वाहनों को रोककर लोगों के साथ पुलिस के साथ की बदसलूकी

-सड़क जाम होने से ट्रफिक व्यवस्था डगमगाई वही सिविल अस्पताल के गेट पर धरना लगाने से मरीजों को हुई परेशानी

बठिंडा. पंजाब सरकार के बजट से नाराज आंगनबाड़ी मुलाजिमों की तरफ से गत दिवस इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के नजदीक धरना दिया था। इस दौरान सड़क जाम करने व आसपास प्रापर्टी को नुकसान की संभावना के मद्देनजर जिला पुलिस ने 28 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके बाद बुधवार को आंगनवाड़ी वर्करों ने पहले जहां डीसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर घेराव किया वही बाद में सिविल अस्पताल एमरजेंसी के बाहर नारेबाजी कर प्रशासन व शासन पर धक्केशाही के आरोप लगाए। यही नहीं दोपहर बाद किसान संगठन भी आंगनवाड़ी वर्करों के समर्थन में आ गए व बठिंडा-मानसा हाईवे पर जाम लगा दिया।

यही नहीं वाहनों को रोकते समय कई लोगों के साथ किसानों व वर्करों ने बदसलूकी की। इस दौरान सिविल अस्पताल के गेट को भी वर्करों ने जाम लगाकर बंद कर दिया जिससे अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रदर्शन को देखते पूरे जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स व सिविल अस्पताल को भारी पुलिस बल तैनात कर छावनी में तबदील कर दिया गया। इस दौरान आंगनवाड़ी वर्करों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर राजनीतिक रंजिश के तहत जहां केस दर्ज किया वही उनका पक्ष सुने बिना ही उन पर केस दर्ज कर दिया गया। गौरतलब है कि पुलिस ने आंगनवाडी वर्कर यूनियन की प्रधान हरगोबिंद कौर, मैंबर जसबीर कौर व मलकीत कौर सहित अन्य 25 वर्करों पर केस दर्ज किया है।
कोतवाली पुलिस की तरफ से दर्ज केस के संबंध में सहायक थानेदार इंद्रजीत सिंह ने बताया कि आंगनवाडी वर्कर यूनियन की तरफ से सरकार के खिलाफ गोनियाना-बठिंडा मेन रोड नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम किया गया था। इस दौरान आवागमन करने वाले लोगों को जहां परेशानी का सामना करना पड़ा वही प्रदर्शन के कारण आसपास की प्रापर्टी को नुकसान होने की आशंका बनी रही। इसी के मद्देनजर पुलिस ने करीब 28 आंगनवाड़ी वर्करों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। गौरतलब है कि पंजाब बजट से नाराज आंगनबाड़ी मुलाजिमों की ओर से मंगलवार को वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर के घेराव की कोशिश में पुलिस के साथ काफी धक्कामुक्की हुई थी।

पुलिस ने इन्हें आगे बढ़ने से रोका तो महिलाएं सड़क के दूसरी ओर का डिवाइडर फांदकर वित्तमंत्री की माता के भोग समागम के लिए लगाए टैंट में जा घुसी और नारेबाजी शुरू कर दी जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था। आल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की बठिंडा ब्लॉक की ओर से मिनी सचिवालय से रोष मार्च निकालकर हनुमान चौक पर पुतला फूंकना था लेकिन नारेबाजी करते हुए वे अचानक आगे को बढ़ गई और तीन कोनी क्रॉस करते ही सुरक्षा कर्मियों में भगदड़ मच गई और लाठियों की चेन बनाकर इन्हें आगे बढ़ने से रोका। इस दौरान आंगनबाड़ी मुलाजिमों व पुलिस कर्मियों के बीच काफी देर तक धक्कामुक्की हुई जबकि पुलिस की ओर से इन्हें खदेड़ने के प्रयास में कई आंगनबाड़ी मुलाजिमों को चोट भी आई। पुलिस पर छेड़खानी के आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने 10 मार्च को एसएसपी दफ्तर घेरने का एलान कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने उन्हें शांत करते हुए बरसी पर लगाया लंगर खाने के लिए आग्रह किया।
आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की प्रदेश प्रधान हरगोबिंद कौर ने अपनी बाजू पर चिकोटी काटने के निशान दिखाते हुए आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने वर्करों व हेल्परों के साथ छेड़खानी की। वहीं अपने मंत्री व सरकार की किरकिरी होते देखकर कांग्रेस वर्करों ने उनसे एक पुतला छीनकर छिपा दिया। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों ने वर्कर-हेल्परों को घसीट कर मारपीट भी की जिससे कई वर्कर व हेल्परों को चोटें आई। वही उन्होंने कहा कि गत दिवस आंगनवाडी वर्करों की तरफ से अपनी मांगों व सरकार की तरफ से पेश बजट के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने उनके साथ धक्केशाही की व बाद में उन पर ही केस दर्ज कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने उनके खिलाफ दर्ज केस वापिस नहीं लिया तो वह आंदोलन को तेज करेंगे।
फोटो -अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करती आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन की प्रधान व सैकड़ों वर्कर। वही सिविल अस्पताल के गेट पर धरना देने के साथ किसान संगठनों ने बठिंडा-मानसा मुख्यमार्ग को भी जाम लगाकर बंद कर दिया।

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