नई दिल्ली: अनंत चतुर्दशी का त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. आज के दिन पूजा के बाद लोग अनंत सूत्र भी बांधते हैं. इसे पुरुष अपने बाएं हाथ में और स्त्रियां अपने दाएं हाथ में बांधती हैं. अनंत चतुर्दशी का महत्व एक और चीज के लिए बेहद खास है. इसी दिन गणपति को 10 दिन पूजा के बाद विदाई दी जाती है और विसर्जन किया जाता है.
अनंत चतुर्दशी पर पूजा का महत्व
अनंत चतुर्दशी पर अनेक कारणों से भगवान विष्णु की पूजा. इस दिन पूरे मन से पूजा करने से कर्ज में फंसे और विवादों में उलझे लोगों की समस्या खत्म होती है. आज के दिन पूजा करने से सुखों में वृद्धि होती है और स्वास्थ्य लाभ मिलता है. बता दें कि इस पूजा की शुरुआत महाभारत काल से ही हुई. मान्यता है कि जब युधिष्ठिर दुख में थे तो भगवान विष्णु ने उन्हें एक धागा बंधवाया था.
अनंत चतुर्दशी पर पूजा का समय
आज सुबह 06:04 मिनट से पूजा का समय शुरू हो गया है. पूजा का मुहूर्त कल सुबह 06:05 बजे तक रहेगा. दिन में कभी भी पूजा करेंगे तो अच्छा रहेगा. अभिजीत मुहूर्त में पूजा के बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं. बता दें कि अनंत चतुर्दशी पर पूजा करने से अनंत सुख मिलते हैं. भगवान की पूजा पीले वस्त्र में करें तो बहुत अच्छा. किसी को पीले वस्त्र का दान भी कर सकते हैं.
इस विधि से पूजा करने से प्रसन्न होंगे भगवान
सुबह जल्दी स्नान करने के बाद पीले वस्त्र का धारण करें. अगर पीले वस्त्र नहीं हैं तो जनेऊ पर हल्दी लगाकर धारण करें. हल्दी का तिलक खुद भी लगाएं और भगवान विष्णु के चित्र पर लगाएं. रंगोली के स्थान पर रखे चौकी पर प्रतिमा स्थापित करें. ऊं नारायण नमो नम: का जाप करें. पंचदीपक जले तो बेहतर है. गाय के दूध से बने घी से ही पंचदीपक बनाएं. वातावरण को सुगंधित करें.
मां या बुजुर्ग के हाथ से धारण करें अनंत चतुर्दशी का धाग
भगवान को बेसन की मिठाई, फल, पंचमेवा, पीला फूल भेंट करें. ऊं नारायण नमो नम: का जाप करते हुए. पीले रंग के सूती धागे में गांठ लगाएं. हर 10वीं जाप कर एक गांठ लगाएं. कुल 14 गांठ लगानी है. गांठ लगाने के बाद धागे को घर के बुजुर्ग, मां के हाथ से धारण करें. धागे को साल भर अपने हाथ में रखें. धागा एक साल से पहले खराब हो जाए तो उतार लें. धागे को फिर से हल्दी में रंगकर भगवान विष्णु के चरणों में रखें.