बठिंडा. पैसे डबल करने का झांसा देकर अमृतसर की एक कंपनी ने जिले के 500 से ज्यादा लोगों से करीब चार करोड़ रुपये की ठगी की है। इस बाबत 16 दिसंबर 2019 को पीडित लोगों की तरफ से एसएसपी बठिंडा को लिखित शिकायत देकर आरोपी लोगों के खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने की मांग की थी। मामले में करीब सात माह बाद जिला पुलिस ने चीटफंड कंपनी के दस लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें सिविल लाइन पुलिस ने नवदीप कुमार वासी महिणा चौक बठिंडा की शिकायत पर किम इंफास्ट्रेक्चर कंपनी के एमडी रविंदर सिंह, डायरेक्टर संजीव सिंकदर, किंम फ्यूचर विजन एंड डवल्पमेंट के डायरेक्टर पलविंदर सिंह वासी मुख्य दफ्तर भाई गुरदास जी नगर अमृतसर साहिब, जगमोहन सिंह, गगनदीप सिंह, मुख्तियार सिंह, खजान सिंह डायरेक्टर आफ नेक्टर कमर्सियल एस्टेट नई दिल्ली, कमलजीत सिंह डायरेक्टर एडमीन वासी अमृतसर साहिब, जसपाल सिंह वासी अमृतसर साहिब, मैनेजप शमशेर सिंह वासी अमरपुरा बस्ती बठिंडा को जालसाजी के मामले में नामजद किया है। मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
प्रभावित लोगों की तरफ से पुलिस को दी शिकायत में कहा गया था कि कंपनी ने पीड़ितों को यह कहा कि वह उक्त पैसे खेतीबाड़ी, इंश्योरेंस व रियल अस्टेट में निवेश करेगी और कुछ समय बाद पैसे डबल कर उन्हें वापस दे देगी। लेकिन पैसे एकत्र करने के बाद कंपनी ने अपना दफ्तर बंद किया और फरार हो गए। पीड़ित लोगों ने दिसंबर 2019 को एसएसपी बठिडा से मुलाकात कर कंपनी के सात लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत दी और मांग कि है आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। एसएसपी ने ईओ विग को मामले की जांच करने व आरोपित लोगों पर उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। मामले में जांच के बाद 10 लोगों को इसमें शामिल किया। पिछले पांच साल में जालसाजी कर करोड़ों रुपये की ठगी कर 13 प्रमुख कंपनियां फरार हो चुकी है, जिसमें हजारों लोगों के करोड़ों डूब चुके है।
पुलिस को दी लिखित शिकायत में पीड़ित नवदीप कुमार के अलावा रंजीत सिंह, विलोर सिंह, गुरबाज सिंह, सुखपाल सिंह, हरपाल सिंह, गमदूर सिंह, प्रीतम सिंह ने बताया कि आरोपित रविदर सिंह सिद्धू, हरप्रीत कौर निवासी अमृतसर ने मिलकर कीम इंफ्रास्ट्रक्चर नाम से एक कंपनी बनाई थी। इस कंपनी की दर्जनों ब्रांच विभिन्न नाम से खोली गई। इसमें कमलजीत सिंह बल्ल, जसपाल सिंह गिल निवासी अमृतसर, शमशेर सिंह निवासी अमरपुरा बस्ती बठिडा, अरूण कुमार निवासी बठिडा, सुखपाल बराड़ निवासी मुक्तसर साहिब भी शामिल थे। इन लोगों ने उन्हें बताया कि उनकी कंपनी कीम इन्वेस्टमेंट, कीम इंफ्रास्ट्रक्चर, नेक्टर रियल एस्टेट कमर्शियल, महाशक्ति हेल्थ इंश्योरेंस, सिद्धू एग्रीकल्चर इंडिया के नाम से विभिन्न क्षेत्रों में काम करती है। इसमें कंपनी का हेड आफिस अमृतसर में बनाया गया था और बठिडा में जिला ब्रांच हाजीरत्न चौक के पास खोली गई थी। कंपनी के प्रबंधकों ने बठिडा में पांच सौ से अधिक लोगों को अपनी कंपनी में पैसा लगाने के उत्साहित किया।
उनका करीब चार करोड़ रुपये यह कहकर इकट्ठा कर लिया कि उनकी तरफ से जितनी राशि कंपनी को जमा करवाई गई है वह खेतीबाड़ी, इंश्योरेंस व रियल एस्टेट में लगाया जा रहा है। उन्हें उनकी राशि डबल कर वापिस की जाएगी। यह राशि दो साल तक वापिस करने की बात भी कही गई। लोगों ने उक्त चिटफंड कंपनी संचालकों की बात पर विश्वास कर अपनी जमा पूंजी उन्हें सौंप दी। इसके बाद समय सीमा पूरी होने के बाद लोगों ने जब कंपनी से पैसे वापिस करने के लिए कहा तो कंपनी के स्थानीय व हेड आफिस के प्रबंधकों ने आनाकानी करना शुरू कर दिय। यही नहीं दो साल पहले कंपनी ने बठिडा में खोला अपना दफ्तर भी बंद कर दिया, जबकि अमृतसर स्थित दफ्तर को भी कुछ समय पहले ताला लगा आरोपित फरार हो गए। लोगों ने आशंका जताई कि चिटफंड कंपनी चलाने वाले उक्त लोगों ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान में लाखों लोगों को अपने चुंगल में फंसाया है। शिकायतकर्ता नवदीप कुमार ने बताया कि उसने साल 2013 में 90 हजार रुपए की पालसी उक्त लोगों के पास करवाई थी। इसमें दो साल के बाद करीब एक लाख 24 हजार रुपए उक्त लोगों ने उन्हें वापिस करने थे लेकिन यह राशि आज तक उसे नहीं दी गई है।