अमृतसर। तरनतारन के चोहला साहिब गांव से रविवार को गिरफ्तार किए गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के चार आतंकियों ने पुलिस पूछताछ में कई राज उगले हैं। आतंकियों से पांच एके-47 राइफल समेत भारी असलहा बरामद हुआ था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने 23 अगस्त से 12 सितंबर के बीच ड्रोन के माध्यम से इन हथियारों की खेप तरनतारन के खेमकरण सेक्टर में उतारी थी।
खेमकरण क्षेत्र में बॉर्डर पर जहां लेजर वॉल का ट्रायल, वहां से 30 किमी दूर ड्रोन से उतारे हथियार
खेमकरण सेक्टर अजनाला सेक्टर से करीब 30 से 32 किलोमीटर दूर है, जहां बीएसएफ ने बॉर्डर पर घुसपैठ, नशीले पदार्थ व हथियारों की सप्लाई रोकने के लिए लेजर वॉल का ट्रायल किया था। पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने अमृतसर की फताहपुर जेल में बंद खालिस्तान समर्थक मान ङ्क्षसह को भी प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है।
23 अगस्त से 12 सितंबर के बीच हुई डिलीवरी, आतंकियों ने पूछताछ में उगले राज
एसएसओसी की टीम ने केजेडएफ के आतंकी बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहंग, आकाशदीप सिंह, हरभजन सिंह, बलबीर सिंह व मान सिंह (फताहपुर जेल) को अमृतसर की अदालत में पेश किया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पांचों को 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
पूछताछ में जुटीं खुफिया एजेंसियां
सोमवार को विभिन्न खुफिया एजेंसियों के अधिकारी आरोपितों से पूछताछ के लिए ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर (जेआइसी) पहुंचे। खुफिया एजेंसियां सकते में हैं कि उन्हें ड्रोन के जरिए भेजे गए हथियारों की सूचना पहले क्यों नहीं मिली।
ऐसे हुई हथियारों की डिलीवरी
आकाशदीप आइएसआइ को लोकेशन भेजता था। तय लोकेशन को आइएसआइ के एजेंट ड्रोन के जीपीएस सिस्टम में फीड करते थे। तय समय व स्थान पर ठीक उसी समय रात को ड्रोन पहुंचता और हथियार उतारने के बाद लौट जाता। मौका पाकर आकाशदीप सिंह उस स्थान पर पहुंचता और हथियार लेकर किसी सुरक्षित जगह पर ठिकाने लगा देता। एक अधिकारी ने बताया कि उस जगह का पता लगाया जा रहा है, जहां आकाशदीप ङ्क्षसह ने हथियार जमा करके रखे थे। बताया जा रहा है कि यह लोकेशन कंटीली तार के पास अमृतसर-तरनतारन सीमा पर स्थित एक गांव में है।
25 संदिग्ध राउंड अप
काउंटर इंटेलीजेंस व स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने भारत-पाक सीमा से सटे गांवों के दो दर्जन से ज्यादा संदिग्धों को राउंडअप कर लिया है, जिनके आकाशदीप के साथ कुछ समय पहले संबंध रहे हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है।
2016-17 में हुआ था लेजर वॉल का ट्रायल
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारत-पाक सीमा पर साल 2016-17 में लेजर वॉल का ट्रायल किया गया था। दावा किया गया था कि अगर कोई पक्षी भी लेजर वॉल के ऊपर से गुजरता तो राडार उसे कैच कर लेता था। यह ट्रायल अजनाला सेक्टर में केवल पांच किलोमीटर तक ही किया गया था। योजना थी की आने वाले समय में लेजर वॉल को सारे बॉर्डर पर लगाया जाएगा, लेकिन ट्रायल के बाद किसी ने लेजर वॉल की सुध नहीं ली। नतीजा यह हुआ कि अब पाकिस्तान ने इतनी बड़ी हथियारों की खेप ड्रोन के जरिए भारत में भेज दी।