नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि तीन तलाक के विरोध के पीछे तुष्टीकरण की राजनीति है. शाह ने कहा कि तीन तलाक किसी में हटाने की हिम्मत नहीं थी. यह ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए पीएम मोदी का नाम इतिहास के समाज सुधारकों में लिखा जाएगा.
दुहाई दी जाती है कि तीन तलाक मुस्लिम शरीयत का अंग है।
पाकिस्तान, बांग्लादेश, मोरक्को, इंडोनेशिया, जॉर्डन समेत 19 देशों ने 1922-1963 के बीच ही तीन तलाक को खत्म कर दिया था। इनमें से ज्यादातर इस्लामिक देश हैं।
इससे स्पष्ट होता है कि तीन तलाक इस्लाम के खिलाफ नहीं है: श्री अमित शाह pic.twitter.com/JHv0xueACE
— BJP (@BJP4India) August 18, 2019
अमित शाह ने कहा कि तीन तलाक एक कुप्रथा थी, इसमें कोई संदेह नहीं है. तीन तलाक पर कानून बनने से मुस्लिम महिलाओं को हक मिला है. उन्होंने कहा कि 16 घोषित इस्लामी देशों ने अलग-अलग समय पर ट्रिपल तलाक को तलाक देने का काम किया है, हमें 56 साल लगे. इसका मुख्य कारण कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति थी. अगर यह इस्लाम के खिलाफ होता तो ये देश गैर इस्लामिक काम क्यों करते.
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के मामले पर शाह बानो जी के पक्ष में 23 अप्रैल 1985 को फैसला दिया था।
तब बहुमत के साथ श्री राजीव गांधी शासन कर रहे थे।
उन्होंने वोट बैंक के दबाव में कानून बनाया और SC के फैसले को निरस्त कर तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओं पर थोप दिया: श्री @AmitShah pic.twitter.com/L58sVSdXjK
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मोदी सरकार ने लिए 25 ऐतिहासिक निर्णय
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने साढ़े पांच साल के अपने कार्यकाल के अंदर 25 से ज्यादा ऐतिहासिक निर्णय लेकर देश की दिशा बदलने का काम किया है. यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का कमाल है. ट्रिपल तलाक को खत्म करना केवल और केवल मुस्लिम समाज के फायदे के लिए है. ट्रिपल तलाक की प्रताड़ना 50 फीसदी मुस्लिम आबादी यानी माताओं, बहनों को झेलनी पड़ती है.
Union Home Minister Amit Shah: Even today, Congress has no shame, they say they are in favour of triple talaq & it should stay. Why? They have no answer. They didn't give a single justification for their stand & argued just to register protest so their vote bank stays intact. pic.twitter.com/79dsMXMDfv
— ANI (@ANI) August 18, 2019
शाह ने कहा, ‘ आज अगर यह बिल हम लेकर नहीं आते तो यह दुनिया के सामने भारत के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा धब्बा होता. इसके लिए मुस्लिम महिलाओं ने काफी लड़ाई लड़ी. शाहबानो को ट्रिपल तलाक दिया गया तो वे अपनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक गईं.’
गृह मंत्री ने कहा, ‘जो राजनीति 60 के दशक के बाद कांग्रेस ने शुरू की और बाकी दलों ने भी उसका अनुसरण किया, उसका असर देश के लोकतंत्र, समाजिक जीवन और गरीबों के उत्थान पर पड़ा है. जो अभाव में जी रहा है, जो गरीब-पिछड़ा है, वो किसी भी धर्म का हो. विकास के दौर में जो पिछड़ गया है, उसे ऊपर उठाओ, अपने आप समाज सर्वस्पर्शी-सर्वसमावेशी मार्ग पर आगे बढ़ जाएगा.’
उन्होंने कहा कि बिना तुष्टीकरण यह सरकार समविकास, सर्वस्पर्शी विकास, सर्वसमावेशी विकास के आधार पर पांच साल चली. इसी थ्योरी पर 2019 में ठप्पा लगाकर इस देश की जनता ने तुष्टीकरण से देश को हमेशा के लिए मुक्त करने के लिए दोबारा बहुमत दिया है.