कश्मीर समस्या के लिए शाह ने नेहरू को बताया जिम्मेदार, भड़के कांग्रेसी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की वजह से देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ. अगर कांग्रेस ऐसा न करती तो आज आतंकवाद का मुद्दा ही न होता और न ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमसे अलग होता.
नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव का कांग्रेस ने विरोध किया तो अमित शाह को जवाब देना पड़ा. शाह जब जवाब दे रहे थे तो उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और भारत-पाकिस्तान बंटवारा, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के चले जाने को लेकर खरी-खोटी सुनाई. संबोधन में जब अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम लिया, तो कांग्रेस सांसदों ने खूब हंगामा किया.
LIVE: HM Shri @AmitShah's speech on the President’s rule & Reservation (Amendment) Bill in Jammu and Kashmir, Lok Sabha. https://t.co/MywCBfBSWJ
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की वजह से देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ. अगर कांग्रेस ऐसा न करती तो आज आतंकवाद का मुद्दा ही न होता और न ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमसे अलग होता. शाह ने कहा कि कांग्रेस हमें इतिहास न सिखाए.
एक समय ऐसा था जब पूरी कश्मीर घाटी में भारत का नामो-निशान नहीं था।
मुरली मनोहर जोशी जी और नरेन्द्र मोदी जी ने तब अपनी जान की बाजी लगाकर लाल चौक पर झंडा फहराया था।
जो इस देश को तोड़ना चाहते हैं उनके मन में डर होना चाहिए: श्री अमित शाह pic.twitter.com/ukDlhvKByN
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उन्होंने कहा कि तब 600 से अधिक रजवाड़े थे लेकिन तब गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हर रियासत को हिंदुस्तान में शामिल करवाया. उन्होंने कहा कि हैदराबाद और जूनागढ़ की रियासत, हिंदुस्तान में आने से इनकार कर रही थीं लेकिन ये मुद्दा सरदार पटेल के पास था इसलिए कोई दिक्कत नहीं हुई.
अलगाववादियों पर प्रतिबंध न लगाकर कांग्रेस किसे खुश करना चाहती थी?
जमायते इस्लामी और JKLF पर प्रतिबंध मोदी सरकार ने लगाया।
आतंकवादियों का समर्थन करने वालों को Preventive arrest के तहत जितना गत सरकार के कार्यकाल में डाला गया है, इतना आजादी के बाद कभी नहीं किया गया: श्री अमित शाह pic.twitter.com/jwqyPOl0n3
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इसी दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा आखिर किसके पास था, आज वहां धारा 370 लगी है. बस अमित शाह के इतना कहते ही कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और अमित शाह का विरोध करने लगे.
देश का विभाजन हमने नहीं किया, हम आज भी कहते हैं कि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए।
ये ऐतिहासिक गलती हुई है जिसकी ऊंचाई हिमालय और गहराई सागर जितनी है।
ये गलती आपकी पार्टी ने की। कश्मीर का हिस्सा पाक को आपने दिया… उस भूल की सजा लोग भुगत रहे हैं: श्री अमित शाह pic.twitter.com/Ljs36DhZMU
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दूसरी ओर अमित शाह ने भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि हम उनका नाम क्यों न लें, जब उनकी ही गलती को आज पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है. इस बीच कांग्रेस के लगातार हंगामे के बाद अमित शाह ने कहा कि चलिए, हम उनका नाम नहीं लेते हैं. लेकिन शाह ने उनके लिए पहले प्रधानमंत्री शब्द का इस्तेमाल किया और इस पर भी बवाल हो गया.
देश विरोधी बात करने वालों को पहले सरकार द्वारा सुरक्षा दी जाती थी। भारत विरोधी 4 बयान दे दिया तो तुरंत सुरक्षा दे दी जाती थी।
हमने 919 लोग, जिन्हें भारत विरोधी बयान देने के कारण सुरक्षा मिली थी, हमने उनकी सुरक्षा को हटाने का काम किया है: गृह मंत्री श्री @AmitShah pic.twitter.com/RTIWCJwDrT
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बता दें कि अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव लोकसभा में रखा. लेकिन कांग्रेस की तरफ से बोलते हुए मनीष तिवारी ने इसका विरोध किया.