नई दिल्ली: देश के आर्थिक वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ गई है और शुक्रवार को जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी पर आ गई. आर्थिक वृद्धि दर के लगातार कम होने पर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. विपक्ष का कहना है कि नोटबंदी के ‘दूरगामी परिणाम’ दिखने लगे हैं.
जीडीपी के आंकड़े आने के बाद पहली बार गृह मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने मौजूदा अर्थव्यवस्था को लेकर बयान दिया है. उन्होंने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि भारत आज विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था के आकार को बड़े करने के लिए लगातार प्रयासरत है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ईटी नॉउ के कार्यक्रम में कहा कि साल 2024 तक भारत 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि जब हमारी सरकार आई थी तो देश की अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन के आकर की थी और विश्व में देश की अर्थव्यवस्था का स्थान 11वां था जो अब सातवां हो गया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह हमारी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज भी हम आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक 6.1 फीसदी की दर से विकास करेंगे जो कि चीन के बराबर है. अमित शाह ने यहां इस बात का भी जिक्र किया कि जब 2014 में बीजेपी की सरकार बनी थी तो देश के 60 करोड़ लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं थे. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इन 60 करोड़ लोगों का खाता खुलवाकर उन्हें देश की अर्थव्यवस्था से जोड़ा.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पिछले पांच सालों में देश में दुनिया के किसी भी देश से अधिक काम हुआ है. उन्होंने इसकी जांच के लिए दुनिया के अर्थशास्त्रियों से अपील की. उन्होंने कहा कि पहले हर दिन 12 किमी नेशनल हाईवे बनते थे लेकिन अब इसकी रफ्तार बढ़कर 20 किमी प्रतिदिन हो गई है. उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ 55 फीसदी गांवों तक सड़कों की पहुंच थी जो अब बढ़कर 91 फीसदी हो गई है.