जम्मू कश्मीर में तनाव के बीच सुबह 9.30 बजे मोदी कैबिनेट की बैठक, हो सकता है बड़ा फैसला

कश्मीर में बड़ी हलचल के बीच आज सुबह साढ़े नौ बजे मोदी कैबिनेट की बैठक होनी है. कश्मीर पर चर्चा के बाद बैठक में बड़ा फैसला हो सकता है. रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा को लेकर अहम बैठक की थी. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हुए.

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नई दिल्ली: कश्मीर में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच आज (सोमवार) दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी. ये बैठक सुबह 9.30 बजे प्रधानमंत्री आवास पर होगी. बैठक के एजेंडे को पूरी तरह से टॉप सीक्रेट रखा गया है और इसे सीधे कैबिनेट में लाया जाएगा. बताया जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है.

 

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इन अटकलों को इसलिए भी हवा मिल रही है क्योंकि अब तक सरकार और सेना आतंकवाद की कमर तोड़ने का दावा कर रही थी, ऐसे में महज कुछ हथियार मिलने के आधार पर अमरनाथ यात्रा रद्द करने और बाहरी लोगों के कश्मीर छोड़ने का फरमान सुनाने के पीछे लोग बड़ी वजह तलाश रहे हैं. यही नहीं, ये भी संकेत दिए जा रहे थे कि नवंबर के आसपास कश्मीर में चुनाव होंगे. ऐसे में सवाल वाजिब है कि जब अमरनाथ यात्रा नहीं हो सकती तो फिर चुनाव कैसे होंगे?

आज होने वाली कैबिनेट बैठक से पहले रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

 

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कश्मीरी नेताओं की भी हुई बैठक

कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से हलचल बढ़ी है उसके बाद से वहां के नेता भी लगातार बैठक कर रहे हैं. रविवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के आवास पर एक सर्वदलीय बैठक हुई. बैठक में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं.

यह बैठक जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर केंद्रित थी जिसमें विशेष राज्य के दर्जे पर चर्चा की गई. बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि किसी सूरत में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा नहीं छीना जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम हिंदुस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि ऐसा कोई कदम न उठाया जाए जिससे घाटी के अमन चैन में खलल पड़े. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना की तैनाती से लोगों में डर है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि अमरनाथ यात्रा रद्द की गई हो.

बैठक से पहले महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला नजरबंद

उधर आज होनी वाली कैबिनेट बैठक से कुछ देर पहले रविवार रात को जम्मू कश्मीर के दो बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला को श्रीनगर में नजरबंद किया गया. लगातार हो रही कार्रवाई से भी इन अटकलों को बल मिल रहा है कि आज की बैठक में सरकार कश्मीर को लेकर फैसला ले सकती है.


देर रात जम्मू कश्मीर में बड़ी हलचल, जानें बड़े नेताओं की नजरबंदी से लेकर अब तक क्या हुआ ?

कश्मीर को लेकर हलचल तेज है, उम्मीदों और कयासों का दौर जारी है. इस बीच कल देर रात जम्मू कश्मीर में बड़ी हलचल देखने को मिली. देर रात पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया है. इन दोनों नेताओं को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. पूरे कश्मीर में धारा 144 लागू है, आज सुबह जम्मू में धारा 144 लगाने की खबर आई. इसके साथ ही पूरे राज्य मोबाइल, इंटरनेट सेवा भी बंद है, लैंडलाइन के फोन भी काम नहीं कर रहे हैं. राज्य के स्कूल और कॉलेज को भी बंद किया गया. राज्य में सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, एयरपोर्ट और अन्य संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई.

 

  • कल देर रात जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ”मुझे लगता है कि मुझे आज आधीरात से घर में नजरबंद किया जा रहा है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है. इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा.’’
  • उमर अब्दुल्ला ने कहा, ”कश्मीर के लोगों के लिए हमें नहीं मालूम कि क्या चल रहा है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा, हमें यह शायद अभी नजर न आए लेकिन हमें कभी उनके तरीकों पर शक नहीं करना चाहिए. हर किसी को शुभकमानाएं, सुरक्षित रहे और सबसे जरुरी कृपया शांति बनाए रखें.”
  • उमर अब्दुल्ला ने लिखा, ”मुझे नहीं पता कि हमारे राज्य के साथ क्या होने वाला है लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ ठीक नहीं होने वाला है. मुझे पता है कि जो हो रहा है उससे आप दुखी हैं लेकिन कृपया आप शांति बनाए रखें और कानून हाथ में न लें. हिंसा से उन्हीं लोगों को मदद मिलेगी जो राज्य का हित नहीं चाहते हैं. ये वो भारत नहीं है जिसमें जम्मू कश्मीर का विलय हुआ था. मैं उम्मीद नहीं छोड़ने वाला हूं.”
  • इसके बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘मोबाइल फोन कनेक्शन समेत जल्द ही इंटरनेट बंद किए जाने की खबरें सुनीं. कर्फ्यू का आदेश भी जारी किया जा रहा है. अल्लाह जानता है कि हमारे लिए कल क्या इंतजार कर रहा है. यह रात लंबी होने वाली है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इतने मुश्किल वक्त में, मैं अपने लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि जो भी हो हम एकजुट हैं और हम एक साथ लड़ेंगे. जिस पर हमारा अधिकार है उसके लिए लड़ने के हमारे संकल्प को कोई भी चीज नहीं डिगा सकती.’’
  • इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने लिखा, ”ये कैसी विडंना है कि हमारे जैसे चुने हुए प्रतिनिधि जिन्होंने शांति के लिए लड़ाई लड़ी उन्हें नजरबंद कर दिया गया है. दुनिया देख रही है कि किस तरह लोगों की आवाज दबाई जा रही है. उसी कश्मीर को दबाया जा रहा है जिसने लोकतांत्रिक भारत को चुना था. देश के लोग जाग जाएं. मुश्किल हालात में मैं लोगों को ये भरोसा देना चाहती हूं कि रास्ते में जो भी कठिनाई आए हम एकजुट रहेंगे और लड़ाई लड़ेंगे. जिस पर हमारा हक है वो हमसे कोई नहीं छीन सकता. ” पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी नेता होने का बावजूद वाजपेयी जी कश्मीर के लोगों से प्यार करते थे और कश्मीर के लोग भी उन्हें प्यार करते थे. आज उनकी कमी हमें सबसे ज्यादा महसूस हो रही है.
  • उमर अब्दुल्ला के नजरबंदी वाले ट्वीट के समर्थन में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि वे अकेले नहीं हैं. थरूर ने लिखा, ”उमर अब्दुल्ला आप अकेले नहीं हैं. हर लोकतांत्रिक भारतीय कश्मीर के नेताओं के साथ है. संसद सत्र चल रहा है हमारी आवाज को खामोश नहीं किया जा सकता. जम्मू कश्मीर में क्या चल रहा है? रात में नेताओं की गिरफ्तारी क्यों की गई है जिन्होंने कोई गलती नहीं की है. अगर कश्मीर के लोग हमारे नागरिक हैं तो उनके नेता भी हमारे साथी हैं. निश्चित रूप से आतंकवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई में मुख्य धारा के नेताओं को साथ लेकर चलना चाहिए. अगर हम उन्हें अलग-थलग करेंगे तो बचा कौन है?”

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