जम्मू: कश्मीर घाटी में ‘शहीद दिवस’ के अवसर पर अलगाववादियों की हड़ताल के चलते एहतियातन एक दिन के लिए रोकी गई अमरनाथ यात्रा रविवार को जम्मू से शुरू हो गई. गत 28 जून को शुरू हुई यह वार्षिक तीर्थयात्रा अलगाववादियों की हड़ताल के चलते शनिवार को यहां पांचवीं बार रोकी गई. इससे पहले आठ जुलाई को यह हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के तीन साल होने पर एहतियात के तौर पर रोकी गई थी.
This is #Kashmir . Local Kashmiri Muslims have always lent a helping hand to yatris so that they perform the #AmarnathYatra with ease and convenience. Hope Media will also show this. Long live #Kashmiriyat #Insaniyat . pic.twitter.com/ePaGZZUcQ1
— Wajahat Farooq Bhat (@Wajahatfarooqbt) July 10, 2019
अधिकारियों ने बताया कि 7,993 तीर्थयात्रियों का अब तक का सबसे बड़ा जत्था जम्मू से आज कश्मीर स्थित बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों की ओर रवाना हुआ. वार्षिक यात्रा शुरू होने के बाद से यह तेरहवां जत्था है. उन्होंने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच 310 वाहनों के दो काफिलों में तीर्थयात्री आज सुबह भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुए. उनके आज घाटी स्थित गंतव्यों पर पहुंचने की उम्मीद है.
The reason why India can never be defeated: Lt Gen Ranbir Singh, Lt Gen KJS Dhillon, Maj Gen Johnson Mathew & Brig SA Usman together to ensure safety & security of the Amarnath Yatra. This is the strength of the Indian Army & Country. #IndiaFirst. Always & every time. #JaiHind pic.twitter.com/74QZuaFG5c
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) July 8, 2019
अधिकारियों ने कहा कि इनमें से 5,270 तीर्थयात्रियों ने जहां अनंतनाग जिले के 36 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग का विकल्प चुना है वहीं, 2,723 श्रद्धालुओं ने गंदेरबल जिले के 12 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग का विकल्प चुना है. 46 दिन तक चलने वाली इस यात्रा के लिए अब तक 1.75 लाख से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है.
Troops of the Indo Tibetan Border Police, on two legs and four legs, on duty at Amarnath Yatra, Jammu Kashmir. No weekends off for these guys. pic.twitter.com/lRnvkj4KWv
— Smita Prakash (@smitaprakash) July 13, 2019