‘बुआ’ शब्द से चिढ़ने लगे अखिलेश, पत्रकारों से बोले- आपको नहीं करनी चाहिए ऐसी बात
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. अखिलेश ने कहा कि इस सरकार के गठन के बाद सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी के सदस्यों की हत्याएं हुई हैं. अखिलेश ने कहा कि मेरे लिए जरूरी ये है कि जिसकी हत्या हुई है उसे न्याय मिले. समाजवादी सरकार रहती तो मदद होती थी, आज लोगों की मदद नहीं हो रही है.
नई दिल्ली। बीएसपी अध्यक्ष मायावती से राहें जुदा होने के बाद अखिलेश यादव को अब ‘बुआ’ शब्द से चिढ़ होने लगी है. एक कार्यक्रम के दौरान जब पत्रकारों ने ‘बुआ’ शब्द का इस्तेमाल किया तो अखिलेश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पत्रकार होने के नाते आप लोगों को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
मंगलवार को अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के सलारपुर गांव में थे. यहां वे जिला पंचायत सदस्य विजय यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. विजय यादव की 24 मई को तब हत्या कर दी गई थी जब वो अपने घर में ही किसी से बात कर रहे थे.
बातचीत के दौरान जब पत्रकारों ने मायावती के लिए ‘बुआ’ शब्द का इस्तेमाल किया तो अखिलेश नाराज हो गए. अखिलेश ने कहा कि आपको ऐसी बात नहीं करनी चाहिए, आप पत्रकार हैं.
राहें जुदा-जुदा तो उसका भी स्वागत
मायावती द्वारा यूपी का उपचुनाव सपा से अलग लड़ने की घोषणा पर भी अखिलेश ने प्रतिक्रिया दी. अखिलेश ने कहा कि यदि रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत है. उन्होंने भी यूपी में 11 विधानसभा सीटों पर होनेवाले उपचुनाव में अलग उतरने की घोषणा कर दी है. अखिलेश ने कहा, “गठबंधन को लेकर मैं यही कहूंगा कि अगर गठबंधन टूटा है तो उस पर बहुत सोच-समझकर बयान दूंगा, हम कुछ कहें, कोई कुछ कहे, आप आकलन करें.” अखिलेश ने कहा कि उपचुनाव की तैयारी समाजवादी पार्टी भी करेगी और 11 सीटों पर वरिष्ठ नेताओं से राय-मशविरा करके पार्टी चुनाव लड़ेगी. आखिर में अखिलेश ने कहा, “रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत और सबको बधाई.”।
कानून व्यवस्था को लेकर भड़के अखिलेश
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. अखिलेश ने कहा कि इस सरकार के गठन के बाद सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी के सदस्यों की हत्याएं हुई हैं. अखिलेश ने कहा कि मेरे लिए जरूरी ये है कि जिसकी हत्या हुई है उसे न्याय मिले. समाजवादी सरकार रहती तो मदद होती थी, आज लोगों की मदद नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि यह सरकार कानून व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रही है।