अगस्ता वेस्टलैंड केस: ईडी ने कमलनाथ के भांजे रतुल पर जताया गवाह की हत्या का शक!

बता दें, रतुल पुरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन हैं.

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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ  के भांजे रतुल पुरी की अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला केस में ज़मानत की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने एक गवाह की हत्या का भी शक जताया. ईडी ने कोर्ट में बताया कि रतुल पुरी के लैपटॉप से 100 से ज़्यादा ऐसे मेल मिले हैं, जो अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील के बिचौलिए क्रिश्चेन मिशेल ने उसे किए हैं.

ईडी ने कोर्ट से कहा कि उन्हें अंदेशा है कि रतुल पुरी ने एक गवाह की हत्या कर दी है. इनकम टैक्स अधिकारी ने जैसे ही गवाह से संपर्क किया वो गवाह मिसिंग है, जिससे संपर्क नहीं हो पा रहा है.

254 करोड़ रुपये के ‘बेनामी शेयर’ जब्त

इससे पहले आयकर विभाग ने सीएम कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 254 करोड़ रुपये के ‘बेनामी शेयर’ जब्त किए हैं. उन्होंने यह शेयर कथित तौर पर अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले के एक संदिग्ध से फर्जी कंपनी के माध्यम से हासिल किए थे. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

  • बता दें, रतुल पुरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन हैं. रतुल पहले से कर अपवंचना और धन शोधन के आरोपों में कर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं.
  • प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में रतुल पुरी के पास घोटाले के पैसे मिलने का आरोप लगाया है. भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलि‍कॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ करार किया गया था.
  • यह करार साल 2010 में 3 हजार 600 करोड़ रुपये का था लेकिन जनवरी 2014 में भारत सरकार ने इसको रद्द कर दिया था. आरोप है कि इस करार में 360 करोड़ रुपये का कमीशन दिया गया था. इस मामले में रतुल पुरी का भी नाम आया था. हालांकि मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना ने पूछताछ में रतुल पुरी के नाम को छिपा लिया था.

अभी हाल में एक चौंकाने वाली घटना हुई जिसमें रतुल पुरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ से बचने के लिए चुपके से ईडी की पूछताछ से बाहर निकल गए. एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में पुरी से पूछताछ चल रही थी, इस बीच उन्होंने जांच अधिकारी से वाशरूम जाने के लिए छुट्टी मांगी, लेकिन वह वहां से भाग निकले. जब वे पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे तो एजेंसी के अधिकारियों ने उनके मोबाइल पर फोन किया लेकिन फोन स्विच ऑफ था.

बेनामी संपत्ति लेनदेन मामले में 5 साल की सजा
बेनामी संपत्तियां उन्हें कहा जाता है, जिनकी खरीद मूल लाभार्थी के स्थान पर किसी और के नाम से की जाती है. बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अधिनियम 1988 में बना था लेकिन इसे नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अधिसूचित किया. इसका उल्लंघन करने वालों को सात साल तक सश्रम कारावास की सजा और संपत्ति के उचित बाजार मूल्य के 25 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जाता है. आयकर विभाग ने रतुल और दीपक पुरी की कंपनियों और प्रतिष्ठानों पर इस साल अप्रैल में छापेमारी की थी.

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