बठिडा. कोरोना काल में बंद पड़ी इंटर स्टेट बस सर्विस को सात महीनों के बाद फिर से शुरू कर दिया गया है। बठिडा से अब हरियाणा व राजस्थान के लिए बसों को चला दिया गया है। फिलहाल राजस्थान के सूरतगढ़ तो हरियाणा के अंबाला व ढेवा के लिए बसें चलाई गई है, जिनके तहत सूरतगढ़ के लिए दिन में दो रूट निकलेंगे। वहीं अंबाला व ढेवा के लिए एक एक रूट निकलेगा।
आने वाले दिनों में हिमाचल व उत्तराखंड के लिए भी मंजूरी मिलने के बाद बसों को चला दिया जाएगा। दूसरी तरफ दिल्ली के लिए बस सर्विस एक दो दिन में शुरू हो जाएगी। इसकी मंजूरी के लिए पत्र दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग को भेजा गया है। वहीं पीआरटीसी को अब इंटर स्टेट बस सर्विस के शुरू होने से अपनी आमदनी में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
बठिडा डिपो के जीएम रमन शर्मा के अनुसार सूरतगढ़ के लिए बस सुबह 8.20 पर बस स्टैंड से चलेगी जो सूरतगढ़ से वापस बठिडा के लिए 12.50 पर चलेगी। इसके बाद दूसरी बस दोपहर 1.50 पर चलेगी जो रात को सूरतगढ़ में रुकने के बाद अगले दिन सुबह सात बजे बठिडा के लिए चलेगी। अंबाला के लिए बस सुबह 8.30 बजे निकलेगी, जो वापिस 1.30 बजे अंबाला से चलेगी। इसके अलावा ढेवा के लिए बस सुबह 6.30 बजे मानसा के रास्ते से जाएगी, जो वापिस 12.50 पर ढेवा से चलेगी। आने वाले दिनों में दिल्ली के लिए भी बस सर्विस शुरू करने की तैयारी हो गई है, जिसका टाइम भी 8 बजे के आसपास रखा जाएगा।
लाकडाउन में घाटे में रहा बठिडा डिपो
कोरोना काल में पीआरटीसी के बठिडा डिपो का यह हाल हो गया है कि वह अपने खर्चों को भी नहीं निकाल पा रहा है। कभी एक महीने में छह करोड़ से ज्यादा की कमाई करने वाले पीआरटीसी का बठिडा डिपो आजकल आधी कमाई भी नहीं कर पा रहा है। अगर मार्च 2019 से सितंबर 2019 की बात की जाए तो बठिडा के डिपो को कुल 44.37 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जेनरेट हुआ था, जो साल 2020 में मार्च से सितंबर तक 13.01 करोड़ ही रह गया। खर्च मार्च से सितंबर 2019 तक 36.45 करोड़ रुपये हुआ था तो 2020 में मार्च से सितंबर का खर्च भी 16 करोड़ रुपये हुआ। इस हिसाब से 2020 में अभी तक पीआरटीसी का बठिडा डिपो 3 करोड़ के नुकसान का सामना कर रहा है। हालांकि अप्रैल महीने में लाकडाउन के कारण आमदन तो हुई नहीं, मगर 1 करोड़ रुपये खर्च जरूर हुआ। जबकि एक बस एवरेज एक दिन में 500 किलोमीटर का सफर करती है तो बस स्टैंड से रोजाना 15 हजार के करीब यात्री बसों में सफर करते हैं।