रेलवे में 38 साल बाद हो सकता है चक्का जाम, चालक संघ ने दी भूख हड़ताल की धमकी
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी आलोक कुमार ने सभी जोनल रेलवे व उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधकों को पत्र लिखा है. इसमें संघ की ओर से भूख हड़ताल और चक्का जाम की चेतावनी से निपटने के लिए कहा गया है.
नई दिल्ली। भारतीय रेल के इतिहास में 38 साल बाद एक बार फिर चक्का जाम होने के आसार नजर आ रहे हैं. रेलवे के सबसे बड़े चालक संघ ने रेलवे बोर्ड को निजीकरण बंद करने समेत अन्य मांगों को लेकर 15 से 17 जुलाई के बीच एक दिवसीय भूख हड़ताल और चक्का जाम करने की चेतावनी दी है. अगर सरकार ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया तो सोमवार से देशभर में रेल गाड़ियों का चक्का जाम हो सकता है.
वहीं रेलवे बोर्ड ने इस चेतावनी पर सख्त रुख अपनाया है और कर्मचारियों को किसी भी हड़ताल में शामिल न होने की चेतावनी दी है. ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएसन (एआईएलआरएसए) ने पिछले महीने अपनी मांगों को लेकर रेलवे बोर्ड को नोटिस दिया था. एसोसिएशन ने मांगे नहीं माने जाने पर 15 जुलाई को 24 घंटे की भूख हड़ताल और 16-17 जुलाई को ट्रेन का चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी.
वहीं रेलवे बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी आलोक कुमार ने सभी जोनल रेलवे व उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधकों को पत्र लिखा है. इसमें संघ की ओर से भूख हड़ताल और चक्का जाम की चेतावनी से निपटने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही ट्रेन चलाने में बाधा उत्पन्न करने, तोड़फोड़, उत्पात आदि करने पर रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 173, 17, 175 के तहत कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.बता दें कि साल 1973 में एआईएलआरएसए ने अपनी मांगों को लेकर 1 से 15 अगस्त के बीच एक भी ट्रेन नहीं चलने दी थी. इससे पूरे देश में ट्रेन परिचालन प्रभावित हो गया था. बाद में सरकार के हस्तक्षेप के बाद यह हड़ताल समाप्त हुई थी.