एसएमओ रामपुरा के तबादले की जांच एडीसी बठिंडा करेंगे, डीसी ने जारी किए निर्देश, रामपुरा के व्यापार मंडल व सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं ने सौंपा डीसी व एडीसी को मांग पत्र
-एसएमओ डा. अंजू कांसल के तबादले को रोकने की कर रहे हैं लोग मांग
प्रशोत्तम मन्नू, रामपुरा फूल.रामपूरा फूल सिविल अस्पताल में सीनियर मेडिकल अफसर डा. अंजू कांसल के तबादले के बाद शहर की सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की तरफ से डीसी बठिंडा शोहकत अहमद परे को मांग पत्र दिया। इसमें डीसी बठिंडा से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने व शहर के हित में एसएमओ कांसल का तबादला रोकने की मांग की गई। डीसी बठिंडा ने मामले में एडीसी बठिंडा को जांच करने के लिए कहा है। डीसी शोहकत अहमद परे ने कहा कि शहर के हितों व लोगों की भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा व जनहित में ही फैसला लिया जाएगा। इससे पहले शहर की सामाजिक, व्यापारिक व धार्मिक संस्थाओं ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि राजनीति से प्रेरित होकर एसएमओ का तबादला किया गया है जिससे शहर का नुकसान होगा वही जो सुधार सिविल अस्पताल में पिछले कुछ माह से किया जा रहा है उसमें रोक लग जाएगी जो लोगों के हित में नहीं होगा। ऐसी स्थिति में अगर उनका तबादला नहीं रोका गया तो संगठन आंदोलन करने पर मजबूर होंगे व सड़कों में जाम लगा देंगे। इसके बाद उक्त संस्थाओं ने प्रशासन को मांग पत्र दिया।
इस दौरान प्रमुख तौर पर व्यापार मंडल के महासचिव एसके बांसल, प्रधान अमरनाथ बांसल, फाइनेंस सेक्रेटरी सुमीत गुप्ता, उपप्रधान अशोक मित्तल, नसीब सिंगला, ज्वाइंट सचिव कृष्ण बांसल, कैशियर धर्मपाल, जन कल्याण सभा के प्रधान सीताराम दीपक, लोक भलाई क्लब के नवीन कुमार, उडान एनजीओ रामपुरा के एस प्रकाश, सहारा समाज सेवा के संदीप कुमार सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिध हाजिर रहे। संस्थाओं के प्रतिनिधि ने कहा कि सीनियर मेडिकल अफसर के खिलाफ ऐसे लोगों ने मोर्चा खोला है जो अस्पताल में काफी समय से अव्यवस्था का माहौल बना रहे थे वही एसएमओ ने पदभार संभालते ही इन तमाम अव्यवस्थाओं में सुधार लाने की कोशिश की है जिसमें शहर के लोग काफी खुश है व रामपुरा शहर का हर बांशिदा एसएमओ डा. अंजू कांसल का समर्थन करता है। उन्होंने बताया कि एसएमओ एक इमानदार महिला है व लोगों की शिकायत पर कुछ मामलों की जांच कर रही थी। इसमें खुलासा हुआ कि अस्पताल स्टाफ में कुछ कर्मी घपलों को अंजाम दे रहे हैं जिसमें मरीजों के साथ नर्सिंग की ट्रेनिंग लेने के लिए आने वाले बच्चों से वसूली जाने वाली फीसों में बड़े स्तर पर घपला किया जा रहा है। मामले में डा. अंजू कांसल ने बताया कि जब वह अस्पताल में पदभार संभाल रही थी तो कुछ लोग उन्हें मिले व अस्पताल में की जा रही अनियमियतता की शिकायते की थी। इस दौरान उन्होंने पाया कि अस्पताल स्टाफ में तैनात कुछ कर्मी अस्पताल में दवा होने के बावजूद बाहर मेडिकल स्टोर से दवाईयां खरीदने के लिए मरीजों को मजबूर कर रहे हैं। वही कई मरीज ऐसे सामने आए जिनसे 570 रुपए की वसूली की गई व सरकारी खजाने में मात्र 120 रुपए जमा करवाए गए। इसके लिए अस्पताल की कार्बन कापी को टैंपर किया गया जो सरकारी खजाने के साथ धोखा है। यही नहीं अस्पताल में नर्सिंग स्टूडेंट की डमी एडमीशन के साथ अवैध वसूली के मामले भी सामने आए है। वही एक मामला ऐसा भी सामने आया जिसमें अस्पताल में तैनात कर्मी के पति रात के समय अस्पताल खुलवाकर वहां सोने के लिए आते थे। इस बाबत उन्होंने लिखित में एक रिपोर्ट तैयार कर पंजाब हेल्थ कार्पोरेशन के एमडी, सचिव, डीसी बठिंडा, सिविल सर्जन बठिंडा, डीएमसी के साथ स्थानीय आला अधिकारियों को भेजी है।