मसूद अजहर को आज ही ग्लोबल आतंकी घोषित करेगा UN, चीन वापस लेगा अपना वीटो
भारत पिछले लंबे समय से इस कोशिश में जुटा हुआ था, लेकिन चीन अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर टांग अड़ा रहा था. अब चीन भी इस पर राजी हो गया है और अपना वीटो पावर हटाने को तैयार है.
वाशिंगटन। जिस फैसले का इंतजार हर हिंदुस्तानी काफी लंबे समय से कर रहा था आखिरकार वह हो ही गया. पुलवामा आतंकी हमले के गुनाहगार और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को आज संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल आतंकी घोषित कर सकता है. भारत पिछले लंबे समय से इस कोशिश में जुटा हुआ था, लेकिन चीन अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर टांग अड़ा रहा था. अब चीन भी इस पर राजी हो गया है और अपना वीटो पावर हटाने को तैयार है।
-
सूत्रों की मानें तो अमेरिका, यूके और फ्रांस की तरफ से संयुक्त रूप से प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसके बाद चीन पर खासा दबाव था. भारत एक दशक से कोशिश कर रहा था कि मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाए. लेकिन, चीन चार बार अड़ंगा लगा चुका था. अब जब पुलवामा आतंकी हमला हुआ, तो भारत ने और भी दबाव बनाया.
दुनिया के दबाव में झुका चीन
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत ने मसूद अजहर पर बैन लगाने की कोशिशें तेज कर दी थी. इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव भी लाया गया था. लेकिन चीन ने वीटो लगाकर इसे रोक दिया. जिसके बाद अमेरिका, फ्रांस और यूके ने भारत के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया, और अब चीन को दबाव में आना ही पड़ा।
- बता दें कि ये पहली बार होगा जब जम्मू-कश्मीर में किसी आतंकी हमले की वजह से एक आतंकी को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाएगा. इससे पहले हाफिज सईद को मुंबई हमले के बाद ग्लोबल आतंकी घोषित किया गया था. मसूद अजहर पर लगे इस बैन को भारत की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।
फेल रही चीन से पाकिस्तान की बात!
गौर करने वाली बात ये भी है कि कुछ ही दिन पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान चीन के दौरे पर थे. वहां उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी हुई थी. अब तक पाकिस्तान के बचाव में आता रहा चीन भी यहां कुछ नहीं कर पाया और अंतरराष्ट्रीय दबाव में उसे झुकना ही पड़ा।
इस बाबत चीन की तरफ से मंगलवार को ही बयान आया था
चीन की तरफ से मंगलवार को ही बयान आया था, ”आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के जटिल मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा.” चीन के इसी बयान के बाद से संकेत मिलने लगे थे कि अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति जल्द ही मसूद अजहर पर बड़ा फैसला ले सकती है।
कई बड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता
- आपको बता दें कि अब अगर मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाता है तो उसे कई बड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.
- दुनियाभर के देशों में मसूद अजहर की एंट्री पर बैन.
- मसूद अजहर किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियां नहीं कर सकेगा.
- संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को मसूद के बैंक अकाउंट्स और प्रॉपर्टी को फ्रीज करना पड़ेगा.
- मसूद अजहर से संबंधित व्यक्तियों या उसकी संस्थाओं को कोई मदद नहीं मिलेगी.
- पाकिस्तान को भी मसूद अजहर के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने पड़ेंगे.
- बैन के बाद पाकिस्तान को मसूद अजहर के टेरर कैंप और उसके मदरसों को भी बंद करना पड़ेगा.
तीन देश लाए थे प्रस्ताव
इस मसले पर 13 मार्च को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में विचार किया गया था लेकिन, तब चीन ने तकनीकि आधार पर इस प्रस्ताव का विरोध किया था। प्रस्तावकों में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस भी शामिल थे। पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि चीन 15 मई तक रोड़ा हटा लेगा। लेकिन, अब ये कहा जा रहा है कि अमेरिका और बाकी देशों ने ये उसे ये साफ कर दिया कि मसूद मामले पर अब ज्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता। अगर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया तो दुनियाभर में जैश के तमाम वित्तीय लेनदेन पर रोक लग जाएगी और अकाउंट बंद कर दिए जाएंगे।
इमरान से मिले थे जिनपिंग
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में चीन के दौरे पर थे। इस दौरान उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन ने तभी इमरान को अपने फैसले की जानकारी दे दी थी। पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन पर दुनिया के कई देशों का दबाव था। मसूद अजहर पर बैन का फैसला वही कमेटी करेगी, जिसने अल-कायदा और आईएसआईएस पर प्रतिबंध लगाए थे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा, “अमेरिका इस मामले को सुरक्षा परिषद में क्यों लेकर गया? जबकि इसका फैसला तो बातचीत के जरिए इसी समिति की बैठक में हो सकता था।”