अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ नाम से एक नए वीजा प्रोग्राम को शुरू किया है। इसे 50 लाख डॉलर (44 करोड़ भारतीय रुपए) में खरीदा जा सकता है। ट्रम्प ने इसे अमेरिकी नागरिकता का रास्ता बताया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ को EB-5 वीजा कार्यक्रम का विकल्प बताया और कहा कि भविष्य में 10 लाख गोल्ड कार्ड बेचे जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह वीजा कार्ड अमेरिकी नागरिकता के रास्ते खोलेगा। इस कार्ड को खरीदकर लोग अमेरिका आएंगे और यहां बहुत ज्यादा टैक्स भरेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस पहल से राष्ट्रीय कर्ज का भुगतान जल्द हो सकता है।
EB-5 वीजा कार्यक्रम क्या है? फिलहाल अमेरिका में नागरिकता हासिल करने के लिए EB-5 वीजा कार्यक्रम है। यह 1990 से लागू है। इस वीजा प्रोग्राम का मकसद विदेशी निवेश हासिल करना है। इसमें लोगों को किसी ऐसे बिजनेस में 1 मिलियन डॉलर का निवेश करना होता है, जो कम से कम 10 नौकरियां पैदा करता हो।
दुनिया के सबसे बड़े इंटेलिजेंस ग्रुप ‘फाइव आईज’ से कनाडा को बाहर करेंगे ट्रम्प
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प अब कनाडा को 5 देशों के खुफिया ग्रुप ‘फाइव आईज’ से बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं। फाइव आईज दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण गुप्तचर साझा नेटवर्क है, जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगी कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड बेहद संवेदनशील खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।
ट्रम्प के सलाहकार पीटर नवारो के मुताबिक कनाडा, अमेरिका के सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं है और इसे गठबंधन से बाहर करने से अमेरिका को फायदा होगा। ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों का आरोप है कि कनाडा और न्यूजीलैंड इस गठबंधन में सबसे कम योगदान देते हैं।
अमेरिकी अदालत ने ट्रम्प प्रशासन को विदेशी मदद जारी करने को कहा, 2 दिन की मोहलत दी
अमेरिका में कोर्ट ने ट्रम्प प्रशासन को विदेशी सहायता जारी करने को लेकर सिर्फ 2 दिन की मोहलत दी है। सुनवाई के दौरान यूएस डिस्ट्रिक्ट जज आमिर एच अली ने कहा कि अदालत ने 2 सप्ताह पहले इससे जुड़े निर्देश दिए थे लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने इसे मानने में अब तक कोई रूचि नहीं दिखाई।
ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद कार्यकारी आदेश जारी किया था। इसमें इजराइल, मिस्र और फूड प्रोग्राम को छोड़कर विदेशी देशों को मिलने वाली सभी मदद पर रोक लगा दी गई। इसमें गरीब देशों को मिलने वाले स्वास्थ्य मदद भी शामिल थी।
अमेरिका सरकार के इस आदेश के बाद सहायता प्रोग्राम के लिए कोई मदद जारी नहीं हो रही है जिससे दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार जुड़े कई प्रोजेक्ट्स ठप पड़ गए हैं। दरअसल, अमेरिका इन सभी विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे ज्यादा फंड्स मुहैया कराता है।
ट्रम्प की धमकी के बाद अमेरिका को खनिज देगा यूक्रेन: डील करने इसी सप्ताह व्हाइट हाउस पहुंचेगे जेलेंस्की
यूक्रेन, अमेरिका को रेयर अर्थ मटेरियल (दुर्लभ खनिज) देने पर सहमत हो गया है। यूक्रेन और अमेरिका दोनों देशों के अधिकारियों ने इसकी घोषणा की। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि जेलेंस्की इससे जुड़े मामले पर डील साइन करने के लिए शुक्रवार को अमेरिका का दौरा कर सकते हैं।
ट्रम्प करीब 1 महीने से यूक्रेन पर अमेरिका को रेयल अर्थ मटेरियल देने को लेकर दबाव बना रहे थे। उनका कहना था कि यदि यूक्रेन को अमेरिकी मदद चाहिए तो उसे 500 बिलियन डॉलर के रेयर अर्थ मटेरियल अमेरिका को देने होंगे। उन्होंने जेलेंस्की को धमकी दी थी कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो अमेरिका यूक्रेन को और मदद देना बंद कर देगा।
ट्रम्प को चेतावनी- रूस से जल्दबाजी में समझौता न करें:फ्रांसीसी राष्ट्रपति बोले- रूस ने हर बार युद्धविराम तोड़ा, मुद्दा भरोसे का है
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चेतावनी दी है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस से जल्दबाजी में समझौता न करें। मैक्रों ट्रम्प से मिलने अमेरिका पहुंचे थे, मुलाकात के बाद उन्होंने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में इस बारे में बात की।
मैक्रों ने बताया कि कुछ ही हफ्ते में रूस और यूक्रेन में युद्धविराम समझौता होने की पूरी संभावना है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि के तौर पर ट्रम्प से मिले थे, क्योंकि यूरोप के करीब सभी देश अपनी सुरक्षा को लेकर एक जैसी चिंता रखते हैं।
मैक्रों ने कहा- हमने 2014 में रूस के साथ शांति समझौता किया था। मैं आपको व्यक्तिगत अनुभव से बता सकता हूं, क्योंकि मैं उस शांति समझौते पर नजर रखने वाले दो सदस्यों में से एक था। रूस ने हर बार समझौते का उल्लंघन किया और हमने एकजुट होकर जवाब नहीं दिया। इसलिए मुद्दा भरोसे का है।