काशी में महाशिवरात्रि-10 हजार नागा साधु गदा-तलवार लहराते निकले:बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए; इटली के भक्तों ने शिव तांडव गाया

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हाथ में गदा-त्रिशूल। हाथी-घोड़े की सवारी। शरीर पर भस्म और फूलों की माला। हर-हर महादेव का उद्घोष। काशी में कुछ इस अंदाज में 7 शैव अखाड़ों के करीब 10 हजार से ज्यादा नागा साधु बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं।

महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा- .कुंभ में भारत की लगभग आधी आबादी पहुंची। सभी जातियों, धर्मों और मतों के लोग यहां एक साथ आए।

दुनिया ने हमारी एकता देखी। दुनिया ने हमारी सभ्यता और संस्कृति की झलक देखी। भारत की आधी आबादी ने यहां कुंभ में विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना की। कुंभ का आज समापन हो रहा है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस भव्य आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं और बधाई देता हूं।

नागा संतों के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के रास्ते की बैरिकेडिंग की गई है। लाखों की संख्या में भक्त नागा संतों का आशीर्वाद लेने के लिए रात से ही सड़क किनारे खडे़ हैं। सबसे पहले जूना अखाड़े के नागा संन्यासी मंदिर पहुंचे। महामंडलेश्वर अवधेशानंद भी साथ हैं।

इधर, मंदिर के बाहर आधी रात से ही भक्तों की लाइनें लगी हुई हैं। करीब 2 लाख भक्त 3km लंबी कतार में लगे हैं। तड़के 2:15 बजे बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती हुई। बाबा विश्वनाथ का दूल्हे की तरह श्रृंगार किया गया।

इसके बाद, मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। मंगला आरती के दौरान प्रवेश रोकने पर श्रद्धालुओं ने हंगामा कर दिया। उनकी पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हो गई। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह श्रद्धालुओं को समझाकर शांत कराया।

महाकुंभ पर महाशिवरात्रि का यह संयोग 6 साल बाद बना है। इससे पहले, 2019 के कुंभ में ऐसा संयोग बना था, तब 15 लाख श्रद्धालु काशी पहुंचे थे। कुंभ के बाद महाशिवरात्रि की खास बात यह रहती है कि शैव अखाड़े के नागा साधु भी बाबा का दर्शन करने आते हैं।

8 मार्च 2024, यानी पिछले साल शिवरात्रि पर 11 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। आज 25 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है।

4 तस्वीरें देखिए-

जूना अखाड़े के बाल नागा साधु ने तलवार लहराकर करतब दिखाए।
जूना अखाड़े के बाल नागा साधु ने तलवार लहराकर करतब दिखाए।
कार की छत पर बैठकर नागा साधु पेशवाई के लिए निकले हैं। ढोल-नगाड़े बजाते हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए जा रहे हैं।
कार की छत पर बैठकर नागा साधु पेशवाई के लिए निकले हैं। ढोल-नगाड़े बजाते हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए जा रहे हैं।
स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के रथ के आगे-आगे संत और श्रद्धालु नाचते हुए विश्वनाथ मंदिर पहुंचे।
स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के रथ के आगे-आगे संत और श्रद्धालु नाचते हुए विश्वनाथ मंदिर पहुंचे।
अखाड़ों की पेशवाई के दौरान नागा साधुओं ने अगल-बगल खड़े भक्तों को आशीर्वाद दिया।
अखाड़ों की पेशवाई के दौरान नागा साधुओं ने अगल-बगल खड़े भक्तों को आशीर्वाद दिया।

अखाड़ों की पेशवाई की तस्वीरें देखिए

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