अमेरिका में नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के साथ ही अवैध तरीके से घुसे भारतीयों में से 205 आज भारत पहुंच रहे हैं। अमेरिकी सेना का विमान C-17 अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड होगा। इसमें हरियाणा के 33 समेत 104 लोगों के होने की संभावना है।
यह फ्लाइट मंगलवार दोपहर को सैन एंटोनियो से रवाना हुई। इसके दोपहर करीब डेढ़ बजे अमृतसर पहुंचने की संभावना है। यहां एयरफोर्स के एयरबेस पर इस विमान को उतारा जाएगा।
एयरफोर्स बेस की तरफ जाने वाले रास्ते में सुरक्षा इंतजाम कड़े किए गए हैं। पंजाब पुलिस और CISF को तैनात किया गया है। पंजाब सरकार की तरफ से कुछ बसें भी अंदर खड़ी की गई हैं, जिनसे डिपोर्ट किए भारतीयों को उनके घरों की तरफ रवाना किया जाएगा।
अमेरिका से फ्लाइट के टेकऑफ करने के बाद से ही अमृतसर एयरपोर्ट पर हलचल बढ़ी हुई है। लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को अमृतसर एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है।
56 अमेरिकी अधिकारियों और क्रू-मेंबर के साथ आएंगे अमृतसर जिला प्रशासन से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास अभी तक डिपोर्ट होकर आ रहे 205 भारतीयों को डिटेन करने का कोई आदेश नहीं आया है और न ही जिला प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह का कोई डिटेंशन सेंटर बनाया गया है।
सूचना के अनुसार अमेरिका से आ रहे विमान में 11 क्रू-मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ में होंगे, जो 205 भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारकर लौट जाएंगे।
लैंड होते ही एजेंसियां पूछताछ करेंगी अमृतसर एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी विमान में आ रहे सभी लोगों के अमृतसर एयरपोर्ट पर डॉक्यूमेंट्स चेक किए जाएंगे। इमिग्रेशन वगैरह के अलावा इन लोगों का पूरा बैकग्राउंड, खासकर क्रिमिनल रिकॉर्ड भी चेक किया जाएगा। अगर किसी का क्रिमिनल रिकॉर्ड निकला तो उसे एयरपोर्ट में ही अरेस्ट कर लिया जाएगा। इस प्रोसेस में पूरा दिन लग सकता है।
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका से डिपोर्ट हुए इन भारतीयों में कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं, जो भारत में कोई न कोई क्राइम कर अमेरिका निकल गए हों।
सर्टिफिकेट की होती है जांच अमृतसर के पूर्व पासपोर्ट अधिकारी जेएस सोढी ने जानकारी दी कि जिस भी व्यक्ति को डिपोर्ट किया जाता है, उसके पास अपना पासपोर्ट नहीं होता। ऐसे में संबंधित भारतीय दूतावास उन्हें सर्टिफिकेट इशू करता है, जो भारत में लैंड होते ही वापस ले लिया जाता है।
यह सर्टिफिकेट इशू होने से पहले भारतीय दूतावास संबंधित व्यक्ति के बारे में विस्तृत जानकारियां जुटाता है और सब सही पाए जाने पर ही यह सर्टिफिकेट दिया जाता है। पूर्व पासपोर्ट अधिकारी ने जानकारी दी कि भारत लौटने के बाद भी स्थानीय पुलिस इन पर नजर रखती है। इनकी वेरिफिकेशन दोबारा से की जाती है।

1700 अवैध प्रवासी भारतीय हिरासत में, अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर से घुसपैठ में 94 फीसदी की गिरावट ट्रम्प के सत्ता संभालने के 11 दिन में 25 हजार से ज्यादा अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया। ट्रम्प की आइस टीम (इमिग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट) ने 12 राज्यों में छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर छापे की कार्रवाई रिपब्लिकन राज्यों में हुई हैं। इनमें 1700 अवैध प्रवासी भारतीयों को हिरासत में लिया है। इससे पहले ही 18 हजार अवैध प्रवासी भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए सिलेक्ट किया जा चुका है।
इस दौरान मेक्सिको बॉर्डर से घुसपैठ की घटनाएं 94% तक घटी हैं। बाइडेन के कार्यकाल में इस साल 1 जनवरी से 19 जनवरी के बीच रोज औसतन घुसपैठ की 2087 घटनाएं हुईं, जबकि ट्रम्प के बाद 20 जनवरी से 31 जनवरी तक रोज औसतन घुसपैठ की मात्र 126 घटनाएं ही हुईं।
17,940 भारतीय अवैध प्रवासी ICE के डेटा के मुताबिक अमेरिका में 17,940 भारतीय ऐसे हैं जो अवैध प्रवासी हैं। साथ ही इन लोगों को गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका में घुसने के लिए जेल में नहीं डाला गया है। ये कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया में फंस गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह प्रक्रिया पूरी होने में 3 साल तक का वक्त लग जाता है।
अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में 3,86,000 लोगों को H-1B वीजा दिया गया था, जिनमें से लगभग तीन-चौथाई भारतीय नागरिक हैं।