संसद में खड़गे बोले-कुंभ भगदड़ में हजारों लोग मारे गए: धनखड़ ने बयान वापस लेने को कहा; विपक्ष बोला- सरकार मौतों का सही आंकड़ा बताए

विपक्ष के हंगामे पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा- महाकुंभ में हुई घटना की जांच चल रही है। जांच से साजिश की बू आ रही है। जब पूरी जांच हो जाएगी तो घटना के पीछे जो लोग थे, उन्हें शर्म से सिर झुकाना पड़ेगा।

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संसद में बजट सेशन के तीसरे दिन सोमवार को महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। कांग्रेस, सपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार पर मौत का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया। योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मौतों की सही जानकारी देने की मांग की।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- 29 जनवरी को महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए हजारों लोगों को मेरी श्रद्धांजलि। राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन्हें बयान वापस लेने को कहा। विपक्ष के हंगामे पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा- महाकुंभ में हुई घटना की जांच चल रही है। जांच से साजिश की बू आ रही है। जब पूरी जांच हो जाएगी तो घटना के पीछे जो लोग थे, उन्हें शर्म से सिर झुकाना पड़ेगा।

जवाब में खड़गे ने कहा कि, ‘यह मेरा अनुमान है। अगर आंकड़े सही नहीं है तो सरकार को बताना चाहिए कि सच्चाई क्या है। मैंने किसी को दोषी ठहराने के लिए हजारों नहीं कहा। लेकिन कितने लोग मारे गए, कम से कम यह जानकारी तो दीजिए। अगर मैं गलत हूं तो मैं माफी मांगूंगा।’

उधर, लोकसभा में भी कुंभ हादसे पर हंगामे को लेकर स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने कहा- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने अपनी स्पीच में महाकुंभ का जिक्र किया है। अभी प्रश्नकाल है, दूसरे किसी भी विषय पर चर्चा नहीं हो सकती। जनता ने आपको सवाल पूछने के लिए संसद भेजा है, मेज तोड़ने के लिए नहीं। आप अपने सवाल रखें।

इसके बाद भी विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे। वे लगातार नारा लगा रहे थे- सरकार कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा जारी करे। केंद्र सरकार होश में आओ। योगी सरकार इस्तीफा दो। सनातन विरोधी सरकार इस्तीफा दो। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया, हालांकि कुछ देर बाद वे वापस आ गए।

भगदड़ पर संसद के बजट सत्र में क्या हुआ

भाजपा सांसद रविशंकर बोले- साजिश की बू आ रही

विपक्ष के हंगामे पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा- महाकुंभ में हुई घटना की जांच चल रही है। जांच से साजिश की बू आ रही है। जब पूरी जांच हो जाएगी तो घटना के पीछे जो लोग थे, उन्हें शर्म से सिर झुकाना पड़ेगा।

राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट, 1 घंटे बाद वापस आए

राज्यसभा में प्रमोद तिवारी और दिग्विजय सिंह (कांग्रेस), सागरिका घोष (टीएमसी), जावेद अली और रामजी लाल सुमन (सपा) और जॉन ब्रिटास (सीपीआई) ने महाकुंभ मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए कार्यवाही स्थगन के नोटिस दिया था।

मांग पूरी न होने पर विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा- “हम एक घंटे के लिए सदन से वॉकआउट कर गए। हम फिर से वापस आएंगे और मुद्दे को उठाएंगे। हमें फोन आ रहे हैं, लोग रो रहे हैं, वे अपने परिवारों से नहीं मिल पा रहे हैं। हम जानना चाहते हैं कि मृतकों की लिस्ट क्यों जारी नहीं की गई।”

जया बच्चन बोलीं- सरकार ने झूठ बोला

सपा सांसद जया बच्चन ने कहा, “इस देश में अभी सबसे बड़ा मुद्दा है महाकुंभ भगदड़ की घटना है। उन्हें मृतकों की सही संख्या बतानी चाहिए और जनता को सफाई देनी चाहिए…उन्होंने झूठ बोला। व्यवस्थाएं आम आदमी के लिए नहीं बल्कि VIP के लिए था।”

लोकसभा में विपक्ष का हंगामा- स्पीकर से कहा, मौत का आंकड़ा जारी करें

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर शोरगुल और नारेबाजी की। बढ़ते हंगामे के बीच स्पीकर ओम बिरला ने कहा- राष्ट्रपति जी ने अपनी स्पीच में महाकुंभ का भी जिक्र किया है। अभी प्रश्नकाल है, इसलिए इस समय दूसरे किसी भी विषय पर चर्चा नहीं हो सकती। अपने सवाल रखें।

इसके बाद भी विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे। वे लगातार नारा लगा रहे थे- सरकार कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा जारी करे। केंद्र सरकार होश में आओ, होश में आओ।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सांसदों से तल्ख अंदाज में पूछा- आपको जनता ने यहां सवाल पूछने भेजा है कि मेज तोड़ने, अगर मेज तोड़ने भेजा है तो और जोर से मारिए।

प्रश्नकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी और एसपी सहित विपक्षी सदस्य कुछ देर के लिए बाहर चले गए। वे बाद में वापस आ गए।

सपा प्रमुख बोले- बजट से ज्यादा मरने वालों का डेटा जरूरी

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट सत्र के पहले दिन कहा था कि हमारे लिए बजट के आंकड़ों से ज्यादा महाकुंभ में मची भगदड़ में मरने वालों का डेटा महत्वपूर्ण है। सरकार यह नहीं बता पा रही है कि कितने लोग मरे, लापता हुए या घायल हुए। क्या यही है आपके विकसित भारत की परिभाषा कि भगदड़ में लोग मरेंगे।

भगदड़ पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन्स जारी करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने यूपी सरकार की दलील पर यह आदेश दिया। यूपी सरकार ने बताया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहले ही इस तरह की याचिका दायर की जा चुकी है। कुंभ में भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल की थी।

मौनी अमावस्या को हुई थी भगदड़

प्रयागराज के संगम तट पर 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले देर रात करीब 2 बजे भगदड़ मच गई थी। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के चलते काफी भीड़ थी। प्रशासन के मुताबिक संगम समेत 44 घाटों पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए पहुंचे थे।

इससे ठीक एक दिन पहले साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। यूपी सरकार ने 17 घंटे बाद 30 मौतों और 60 लोगों के घायल होने की बात मानी थी। हालांकि भास्कर की पड़ताल में यह आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो रहा है।

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