Pinaka Rockets: भारत के ‘किलर रॉकेट’ के लिए 10 हजार 200 करोड़ का गोला-बारूद, डील से चीन होगा बेचैन

Pinaka Rockets: DRDO ने स्वदेशी तकनीक से पिनाका रॉकेट सिस्टम को बनाया है. विदेशों में भी इस रॉकेट प्रणाली को खूब सराहा जा रहा है.

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Pinaka Rockets: मोदी सरकार ने पिनाका रॉकेट प्रणाली के लिए 10,200 करोड़ रुपए की लागत से गोला-बारूद खरीदने के दो प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की केन्द्रीय समिति ने बुधवार को इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई.

इससे पहले सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया था कि पिनाका से संबंधित दो अनुबंधों को चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले अंतिम रूप दिया जाना है. एक अनुबंध 5,700 करोड़ रुपये और दूसरा 4,500 करोड़ रुपये का है. आर्मी चीफ के इस बयान के दो हफ्ते के भीतर ही कैबिनेट ने इन दोनों प्रस्तावों को मंजूरी दे दी.

पिनाका रॉकेट सिस्टम भारतीय सेना को बड़ा आकर्षित कर रहा है. पिछले साल इस प्रणाली के सफल परीक्षण के तुरंत बाद ही सेना ने 10 पिनाका रेजिमेंट बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी. फिलहाल 4 रेजिमेंट की तैनाती भी हो चुकी है. इनमें से कुछ रेजिमेंट चीन के साथ उत्तरी सीमाओं के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात हैं. बाकी 6 रेजिमेंट भी तैनाती की प्रक्रिया में हैं.

इतनी बड़ी मात्रा में गोला-बारूद क्यों?
पिनाका रॉकेट सिस्टम स्वदेशी तकनीक से बना है. यह दुनिया की सबसे बेहतरीन रॉकेट प्रणालियों में से एक है. यह अधिक ऊंचाई पर मार करने में बेहद सटीक है. भारतीय सेना को यह बेहद आकर्षित कर रहा है. सेना इस सिस्टम से पूरी तरह लेस होने पर जोर दे रही है. अपनी 10 पिनाका रेजिमेंट के लिए उसे पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद की जरूरत है. यही कारण है कि इससे जुड़े दो प्रस्तावों को फौरन मंजूरी मिली है.

टेस्ट सफल होते ही विदेश से भी मिला ऑर्डर
इस प्रणाली का सफल परीक्षण पिछले साल नवंबर में हुआ. इसकके ठीक बाद ही इस प्रणाली को विदेश से ऑर्डर मिला. आर्मेनिया ने भारत से पिनाका राकेट्स खरीदने का अनुबंध किया है. कुछ अन्य देश भी इस सिस्टम को खरीदने में रूचि दिखा रहे हैं.

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