महाकुंभ-संगम तट पर भगदड़, 20 से ज्यादा मौत:प्रयागराज में 9 करोड़ लोग, राहुल गांधी बोले- बदइंतजामी के कारण हुआ हादसा
भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया था। इसके बाद अखाड़ों ने बैठक की। इसमें तय हुआ कि 10 बजे के बाद अमृत स्नान करेंगे। PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने CM योगी से फोन पर घटना की जानकारी ली। अब अफसर हेलिकॉप्टर से महाकुंभ की निगरानी कर रहे हैं।
प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है। 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं। मेडिकल कॉलेज में पहले 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए। बाद में एंबुलेंस से कुछ और शवों को मेला क्षेत्र से लाया गया।
इधर, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर हादसे के 10 घंटे बाद भी कोई जानकारी नहीं दी है। पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा-श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें।
उधर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा-महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।
भगदड़ की 2 प्रमुख वजहें
- अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इसके कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई।
- संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
हादसे के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। वहां प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।
महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 9 करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है।
इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
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अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। हादसे के बाद 70 से ज्यादा एंबुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया।
हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए शहर की सीमा से सटे जिलों में प्रशासन को मुस्तैद कर दिया गया है।
महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है।
इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
महाकुंभ में मंगलवार की देर रात भगदड़ मच गई। इसमें कई लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि कई के घायल होने की भी खबर हैं। अब तक प्रशासन ने मौत और घायलों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। इस बीच पीएम मोदी ने सीएम योगी से घटना के संबंध में जानकारी ली है।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो अफवाह के कारण संगम पर भगदड़ मची। अफवाह के बाद श्रद्धालु जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कुछ श्रद्धालु बिजली के पोल पर चढ़ गए। वहीं कुछ भागने के चक्कर के जमीन पर गिर गए। ऐसे में लोग कुचलते हुए निकल गए। हादसे के बाद करीब 70 से अधिक एंबुलेंस संगम के तट पर पहुंचीं। इनमें घायलों को मेला क्षेत्र में बने हाॅस्पिटल लाया गया।
महाकुंभ में बुधवार रात मची भगदड़ पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं. अखिलेश ने योगी सरकार को घेरते हुए पांच अपील की है. कन्नौज सांसद ने लिखा- महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है. श्रद्धांजलि!
सपा नेता ने सरकार से अपील करते हुए कहा- हमारी सरकार से अपील है कि:
– गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए.
– मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए.
– जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं.
– हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए.
– सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए.
उन्होंने महाकुंभ में आए लोगों से भी अपील की. यूपी के पूर्व सीएम ने कहा- श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें. सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे.हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना.
अखाड़ों के स्नान पर असमंजस
उधर अखाड़ों के स्नान को लेकर फिलहाल असमंजस है. अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने सुबह हादसे के बाद कहा था कि स्नान रद्द कर दिया गया है. सुबह 8 बजे के बाद रवींद्र पुरी ने कहा कि हम स्नान करेंगे और सरकार से बात चल रही है.
बता दें कुंभ मेले की परंपरा के मुताबिक, सन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़े भव्य जुलूस के साथ संगम तट पर पहुंचकर एक तय क्रम में अमृत स्नान करते हैं जिसमें क्रम में पहले स्थान पर पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अमृत स्नान करता है.इससे पूर्व, मेला प्रशासन ने मंगलवार को ही श्रद्धालुओं के लिए परामर्श जारी किया था.वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कुंभ) राजेश द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि सभी घाट संगम घाट हैं और वे जिस घाट पर पहुंच जाएं वहीं स्नान करें. उन्होंने श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने की अपील की. उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व मंगलवार को रात आठ बजे तक 4.83 करोड़ लोगों ने स्नान किया, जबकि इससे पूर्व मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी.