कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस, 2:45 बजे सजा सुनाएगा कोर्ट:दोषी संजय ने कहा- मैंने जुर्म नहीं किया, मुझे फंसाया गया; CBI बोली- फांसी हो

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। संजय रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया। - Dainik Bhaskar
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। संजय रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के दोषी संजय रॉय को दोपहर 2:45 बजे सियालदह कोर्ट सजा सुनाएगा। 12:30 बजे कोर्ट ने दोषी संजय, CBI और पीड़ित परिवार के वकील की बातें सुनीं।

जज अनिर्बान दास ने संजय से कहा कि यह बताया जा चुका है कि तुम किन अपराधों के दोषी हो। अदालत ने संजय को बोलने का मौका दिया था। संजय ने कहा- मैंने कोई जुर्म नहीं किया, न रेप और न मर्डर। मुझे जबरन फंसाया गया। मुझे प्रताड़ित किया गया। जहां चाहा, वहां दस्तखत करवा लिए।

संजय के वकील ने कहा- भले ही यह रेयरेस्ट केस हो, लेकिन इसमें सुधार की गुंजाइश होनी चाहिए। अदालत को यह दिखाना होगा कि दोषी क्यों सुधार या पुनर्वास के लायक नहीं है। सरकारी वकील को सबूत पेश करने होंगे, कारण बताने होंगे कि वह व्यक्ति सुधार के लायक क्यों नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए।

इस पर CBI के वकील ने कहा- जनता में इंसाफ पर भरोसा बना रहे, इसके लिए हम कोर्ट से दोषी संजय रॉय के लिए फांसी की सजा की प्रार्थना करते हैं। यह बहुत ही जघन्य अपराध है। वहीं, पीड़ित परिवार के वकील ने कहा- दोषी को मौत की सजा मिलनी चाहिए।

पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा- हम फांसी की सजा की मांग करते हैं। संजय की मां और बहन ने कहा है कि वे सजा के खिलाफ अपील नहीं करेंगे, भले ही फांसी ही क्यों न दी जाए। मां ने कहा कि मैं उस लड़की के मां-बाप का दुख समझती हूं, मेरी भी बेटियां हैं।

सियालदह कोर्ट में केस का ट्रायल 12 नवंबर 2024 को शुरू हुआ था, इसके 57 दिन बाद संजय को दोषी करार दिया गया।
सियालदह कोर्ट में केस का ट्रायल 12 नवंबर 2024 को शुरू हुआ था, इसके 57 दिन बाद संजय को दोषी करार दिया गया।

160 पेज का फैसला, 162 दिन में आया 18 जनवरी को कोर्ट ने संजय को दोषी करार दिया था। सेशन जज अनिर्बान दास ने घटना के 162 दिन बाद यह फैसला सुनाया था। सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। संजय की सजा के लिए 160 पेज का फैसला लिखा गया है।

संजय भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी…

1. धारा 64 (बलात्कार) : कम से कम 10 साल की जेल की सजा और ज्यादा से ज्यादा आजीवन कारावास का प्रावधान।

2. धारा 66 (पीड़ित की मृत्यु या उसे लगातार अचेत अवस्था में पहुंचाना): कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान, बढ़ाकर उम्रकैद किया जा सकता है।

3. धारा 103(1) (हत्या): फांसी की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान।

फैसले का आधार फोरेंसिक रिपोर्ट अदालत ने घटनास्थल की फोरेंसिक रिपोर्ट को सजा का आधार बनाया, जिससे संजय रॉय के इस मामले में शामिल होने के सबूत मिले। घटनास्थल और पीड़ित डॉक्टर की बॉडी पर भी संजय का DNA मिला था।

सियालदह कोर्ट के बाहर सोमवार को स्थानीय लोगों की भीड़, यहां कड़े सुरक्षा इंतजाम हैं।
सियालदह कोर्ट के बाहर सोमवार को स्थानीय लोगों की भीड़, यहां कड़े सुरक्षा इंतजाम हैं।

फैसले के बाद दोषी संजय ने कहा था…

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मुझे इस मामले में फंसाया गया है। मैंने यह काम नहीं किया। जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें जाने दिया गया। एक IPS इसमें शामिल है। मैं रुद्राक्ष की माला पहनता हूं और अगर मैंने अपराध किया होता तो यह टूट जाती।

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पिछले साल 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या हुई आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। घटना को लेकर कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं।

जूनियर डॉक्टर फेडरेशन और सोशल एक्टिविस्ट ने 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया था।
जूनियर डॉक्टर फेडरेशन और सोशल एक्टिविस्ट ने 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया था।

हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने जांच शुरू की थी 9 अगस्त की घटना के बाद आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों और पीड़ित परिवार ने मामले की CBI जांच की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के आदेश नहीं दिए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 अगस्त को जांच CBI को सौंपी गई। इसके बाद CBI ने नए सिरे जांच शुरू की।

3 को आरोपी बनाया गया, 2 को जमानत मिली आरोपी संजय रॉय के अलावा मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी आरोपी बनाया गया, लेकिन CBI 90 दिन के अंदर घोष के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं कर पाई, जिस कारण सियालदह कोर्ट ने 13 दिसंबर को घोष को इस मामले में जमानत दे दी। इसके अलावा ताला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को भी चार्जशीट दायर न करने के कारण जमानत दी गई।

इससे पहले CBI ने 25 अगस्त को सेंट्रल फोरेंसिक टीम की मदद से कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था। अधिकारियों ने करीब 3 घंटे उससे सवाल-जवाब किए। संजय के अलावा 9 लोगों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था। इनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और 2 गार्ड्स शामिल थे।

CBI ने 2 सितंबर को संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया था।
CBI ने 2 सितंबर को संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया था।

संजय इयरफोन और DNA से पकड़ में आया टास्क फोर्स ने जांच शुरू होने के 6 घंटे के भीतर दोषी संजय रॉय को अरेस्ट किया। CCTV के अलावा पुलिस को सेमिनार हॉल से एक टूटा हुआ ब्लूटूथ इयरफोन मिला था। ये दोषी के फोन से कनेक्ट हो गया था। संजय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया था।

संजय का DNA मौके पर मिले सबूतों से मैच हुआ था। संजय के शरीर पर चोट के जो 5 निशान मिले थे, वे उसे 24 से 48 घंटे के दौरान लगे थे। यह ब्लंट फोर्स इंजरी हो सकती है, जो पीड़ित से अपने बचाव के दौरान हुई होगी। इसी के जरिए पुलिस संजय को पकड़ने में कामयाब रही।

हॉस्पिटल में लगे CCTV कैमरे में संजय रॉय 9 अगस्त की सुबह 4:03 मिनट पर वार्ड में आता दिखा था। उसने टी-शर्ट और जींस पहनी थी। बाएं हाथ में हेलमेट पकड़ा था।
हॉस्पिटल में लगे CCTV कैमरे में संजय रॉय 9 अगस्त की सुबह 4:03 मिनट पर वार्ड में आता दिखा था। उसने टी-शर्ट और जींस पहनी थी। बाएं हाथ में हेलमेट पकड़ा था।

3 इन्वेस्टिगेशन में क्या मिला…

1. CBI ने कहा था- ट्रेनी डॉक्टर का गैंगरेप नहीं हुआ

  • CBI ने 7 अक्टूबर 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट में चार्जशीट दायर की, जिसमें कोलकाता पुलिस में वॉलंटियर संजय को एकमात्र आरोपी बताया गया। एजेंसी ने बताया कि ट्रेनी डॉक्टर का गैंगरेप नहीं हुआ था।
  • चार्जशीट में 100 गवाहों के बयान, 12 पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट, CCTV फुटेज, फोरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन शामिल रहीं। यह भी कहा गया है कि पीड़ित के शरीर से मिला सीमन सैंपल और खून आरोपी से मैच हुआ।
  • वहीं क्राइम सीन पर मिले छोटे बाल भी फोरेंसिक जांच के बाद आरोपी के बालों से मैच हुए। संजय का इयरफोन, मोबाइल ब्लूटूथ से कनेक्ट हो गया था। इसे भी अहम सबूत माना गया।

2. फोरेंसिक रिपोर्ट में गद्दे पर हाथापाई के सबूत नहीं

  • कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में 24 दिसंबर को सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (CFSL) की एक रिपोर्ट सामने आई। जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे थे। 12 पेज की रिपोर्ट में कहा गया था कि सेमिनार हॉल में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे पता चले कि वहां पीड़ित से रेप के बाद हत्या की गई।
  • रिपोर्ट के 12वें पेज की आखिरी लाइनों में लिखा था- जिस जगह ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था, वहां संघर्ष का कोई सबूत नहीं मिला। जिस गद्दे पर शव था, उस पर भी किसी तरह की हाथापाई के निशान नहीं मिले।
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