जमात-उद-दावा के डिप्टी चीफ मक्की की हार्ट अटैक से मौत:मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज का रिश्तेदार, 2023 में ग्लोबल आतंकी घोषित हुआ

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मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साले और आतंकी अब्दुल रहमान मक्की की आज दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार था। हाई शुगर की वजह से लाहौर के एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था।

अब्दुल मक्की आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का डिप्टी चीफ भी था। उसे 2020 में आतंकी फंडिग के लिए एक अदालत ने 6 महीने की सजा भी सुनाई थी। सजा के बाद उसने खुद को लो प्रोफाइल कर लिया था। 2023 में संयुक्त राष्ट्र ने उसे ग्लोबल आतंकी घोषित किया था।

पाकिस्तान में एक रैली के दौरान आतंकी हाफिज सईद के साथ अब्दुल रहमान मक्की।
पाकिस्तान में एक रैली के दौरान आतंकी हाफिज सईद के साथ अब्दुल रहमान मक्की।

कौन है अब्दुल रहमान मक्की?

अब्दुल रहमान मक्की को हाफिज अब्दुल रहमान मक्की के नाम से भी जाता है। उसका जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में हुआ था। मक्की लंबे समय से हाफिज सईद का करीबी रहा है।

उसने लश्कर और जमात-उद-दावा में कई अहम पदों को संभाला है। मक्की पॉलिटिकल चीफ और लश्कर के लिए फंड जुटाने जैसे काम भी संभालता था। वो लश्कर की गवर्निंग बॉडी शूरा का मेंबर भी था।

मक्की को 2000 में लाल किले और 2008 में मुंबई के ताज होटल पर आतंकी हमले के लिए भारतीय एजेंसियों ने उसे आरोपी माना था। अमेरिकी वित्त विभाग ने 2010 में उसे स्पेशल डेजिग्नेटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल किया था।

मक्की पर कार्रवाई की टाइमलाइन

मक्की को अंतरराष्ट्रीय दवाब के बाद 2019 में पाकिस्तानी पुलिस ने टेरर फंडिंक के आरोप में गिरफ्तार किया था। अप्रैल 2021 में उसे 9 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि सबूतों की कमी का हवाला देकर लाहौर हाईकोर्ट ने कुछ महीने बाद उसे रिहा कर दिया था।

अमेरिका ने रिवॉर्ड फॉर जस्टिस प्रोग्राम के तहत मक्की पर 2 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था और उसे सजा दिलाने के लिए लोगों से उसकी जानकारी मांगी थी।

2022 में भारत और अमेरिका ने मिलकर UN के नियम 1267 के तहत उसे ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि चीन ने इस पर रोक लगा दी थी। इसके बाद जनवरी 2023 में चीन ने अपनी रोक को हटा लिया था। इसके बाद मक्की को ग्लोबल आतंकी सूची में डाल दिया गया था।

अब्दुल रहमान मक्की को 16 जनवरी को ISIL और अलकायदा से जुड़े होने लश्कर-ए-तैयबा द्वारा या उसके समर्थन से टेरर फाइनेंसिंग, साजिश रचने, साजिश में हिस्सा लेने, भर्ती करने जैसे कामों में शामिल होने पर लिस्टेड किया गया. मक्की लश्कर की राजनीतिक विंग जमाद उद दावा का भी चीफ था. वह लश्कर के फॉरेन रिलेशन डिपार्टमेंट का भी हेड रहा है.

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