पंजाब ने केंद्र से मांगा 100 करोड़ का पैकेज: जैसलमेर में हुई प्री-बजट बैठक, हरपाल चीमा बोले- बठिंडा से संचालित हो वंदे भारत ट्रेन

पंजाब सरकार ने सीमावर्ती जिलों में पुलिस के आधुनिकीकरण और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए यह सहायता मांगी। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर और अन्य पहाड़ी राज्यों की तरह राज्य में लघु, छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक प्रोत्साहन की मांग भी प्रमुखता से उठाई गई।

जैसलमेर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई प्री-बजट बैठक में पंजाब ने राज्य के लिए 1000 करोड़ रुपए के पैकेज और औद्योगिक प्रोत्साहन की मांग की। पंजाब सरकार ने सीमावर्ती जिलों में पुलिस के आधुनिकीकरण और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए यह सहायता मांगी।

इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर और अन्य पहाड़ी राज्यों की तरह राज्य में लघु, छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक प्रोत्साहन की मांग भी प्रमुखता से उठाई गई।

मुख्य मांगें उठाईं

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बैठक के दौरान राज्य की कई प्रमुख मांगों को केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने रखा। उन्होंने नाबार्ड के तहत अल्पकालिक मौसमी कृषि संचालन (एसटीएसएओ) की सीमा को 3,041 करोड़ तक बहाल करने की मांग की। इस मांग का उद्देश्य किसानों को साहूकारों पर निर्भर होने से रोकना है।

उन्होंने राजपुरा में प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत सड़क संपर्क के लिए 100 करोड़ रुपए की फंडिंग का अनुरोध किया, जिससे एनएच-44 को राजपुरा के इंटीग्रेटिड मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर से जोड़ा जा सके।

पंजाब सरकार ने बठिंडा से नई दिल्ली के लिए वंदे भारत ट्रेन की मांग भी रखी। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कदम मालवा क्षेत्र को बेहतर रेल संपर्क देने के लिए आवश्यक है।

कृषि और पर्यावरण पर जोर

पंजाब के वित्त मंत्री ने फसलों के अवशेष प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने प्रति एकड़ 2500 रुपए की प्रोत्साहन राशि का सुझाव दिया, जिसमें भारत सरकार से 2000 रुपए और राज्य से 500 रुपए का योगदान शामिल है। इसके साथ ही, धान की खेती में विविधता लाने के लिए विशेष बजट आवंटन की भी मांग की गई।

अन्य मांगें

पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अनुदान को 1.2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बकाया 1,119 करोड़ रुपए जारी करने, और कुक-कम-हेल्पर्स के मानदेय को 600 से बढ़ाकर 2000 रुपए करने का प्रस्ताव रखा।

इसके अलावा, ई-बस सेवाओं के लिए 300 करोड़ रुपए और ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) के 6,857 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान की भी मांग की गई। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्रीय बजट से उम्मीद जताई कि यह नागरिक कल्याण, क्षेत्रीय विकास और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.