हरियाणा में 24 फसलों पर MSP की गारंटी:सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया; गेहूं-धान-सरसों और बाजरा की फसलें भी शामिल

पंजाब के किसान जहां MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी कानून के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। वह केंद्र सरकार से मांग को लेकर हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। वहीं हरियाणा सरकार ने अपने किसानों को 24 फसलों पर MSP गांटरी देने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

हरियाणा सरकार ने साफ मैसेज पंजाब के किसानों को देने की कोशिश की है कि MSP गारंटी केंद्र से नहीं अपनी पंजाब सरकार सरकार से मांगनी चाहिए। खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री पंजाब के किसानों से अपील भी कर चुके हैं कि उनको पंजाब सरकार से बातचीत कर बॉर्डर से हट जाना चाहिए और पंजाब में आंदोलन करना चाहिए।

हरियाणा सरकार द्वारा जारी किया गया नोटिफिकेशन…

बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से विधानसभा चुनाव से पहले 24 फसलों पर MSP देने की घोषणा की थी। मगर इसका कोई लिखित में कोई प्रावधान नहीं था। ऐसे में हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर हरियाणा के किसानों को भरोसे में लेने की कोशिश की है।

इन फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी सरकार रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उड़द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना।

MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही एजेंसियां MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही सरकारी एजेंसियां 10 और फसलों को खरीदेंगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।

विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 5 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में MSP पर जिन फसलों को खरीदने का निर्णय लिया गया था, अधिसूचना जारी होने से उसे अब सिरे चढ़ाया जा सकेगा।

10 महीने से बॉर्डर पर डटे हैं किसान बता दें कि पंजाब के किसान केंद्र सरकार से MSP पर गारंटी देने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं और पिछले 10 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इसके कारण हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर बंद पड़े हैं। हरियाणा में पंजाब की सीमा से सटे शंभू बॉर्डर (अंबाला) और खनौरी बॉर्डर (जींद) पर किसानों के धरने-प्रदर्शन जारी हैं।

जो फसलें नहीं उगाता हरियाणा उस पर भी एमएसपी

विशेष बात यह कि हरियाणा में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जूट और खोपरा जैसी फसलें नहीं बोई जाती है, फिर भी इन्हें प्रदेश सरकार ने सूचीबद्ध फसलों में शामिल किया है। मक्का की कीमत आमतौर पर एमएसपी से अधिक होती है।

केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम (FCI), भारतीय कपास निगम (CCI), भारतीय जूट निगम (JCI), केंद्रीय भंडारण निगम (CWC), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) विभिन्न फसलों की खरीद करती हैं।

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