श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार की सेवाओं पर रोक:हरप्रीत सिंह-वल्टोहा विवाद, एसजीपीसी की बैठक; हेड ग्रंथी निभाएंगे सेवा

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की लुधियाना के समराला स्थित कटाना साहिब में हुई बैठक में श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं पर दो सप्ताह के लिए रोक लगा दी गई है। इस बैठक की अध्यक्षता एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी कर रहे हैं। एडवोकेट धामी के एसजीपीसी प्रधान बनने के बाद यह पहली बैठक है, जो अमृतसर से बाहर हुई है।

एसजीपीसी ने इस बैठक को लेकर पहले एजेंडा साफ नहीं किया था। बैठक के दौरान फैसला लिया गया कि तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं पर दो सप्ताह के लिए रोका जाए। इस दौरान श्री दमदमा साहिब के हेड ग्रंथी ही जत्थेदार की सेवा को निभाएंगे।

इसके साथ ही वल्टोहा-जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के बीच हुए विवाद की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर एसजीपीसी को देंगे। इसकी अध्यक्षता रघुजीत सिंह विर्क करेंगे और उनके साथ शेर सिंह मंड और दलजीत सिंह भिंडर को भी शामिल किया गया है।

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और विरसा सिंह वल्टोहा।
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और विरसा सिंह वल्टोहा।

वल्टोहा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी वीडियो

बता दें कि, वल्टोहा ने सोशल मीडिया पर 15 अक्टूबर को श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होने का एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह और वल्टोहा के बीच बहस हो रही है। दोनों में गाली-गलौज भी हुआ। इस पोस्ट के साथ ही वल्टोहा ने लिखा था कि ये सिर्फ छोटा क्लिप है, वीडियो काफी लंबी है।

ज्ञानी हरप्रीत का आरोप- उन्हें परेशान किया जा रहा

वीडियो पर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब से लिए गए फैसलों के कारण उन्हें राजनीति और व्यक्तिगत तौर पर बदनाम किया जा रहा है। उनके खिलाफ गलत प्रचार किया जा रहा है। उनका तल्खी भरा क्लिप काटकर वायरल किया गया।

फैसला बदलने को लेकर अगर बैठक बुलाई तो नहीं जाएंगे

ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्होंने दो माह पहले अपना इस्तीफा श्री अकाल तख्त साहिब को भेज दिया था। अब चाहें तो उसको मंजूर कर लें। वह दोबारा इस्तीफा नहीं दे सकते। 2 दिसंबर वाले निर्णय को बदलने के लिए पांच सिंह साहिबान कोई बैठक बुलाते हैं तो वह उसमें शामिल नहीं होंगे। गलत प्रचार को फैलाने वाला नछत्तर नाम का शख्स है।

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