बठिंडा, 29 नवंबर: नगर निगम बठिंडा की तरफ से शुक्रवार को आयोजित जरनल हाउस बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर मोहर लगा दी। इसमें शहर में लगातार बिगड़ रही ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करने के लिए दो प्रस्ताव रखे गए थे जिसमें रेहड़ी-फड़ी वालों का सर्वे करवाकर उन्हें स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत एक स्थान उपलब्ध करवाना व शहर में बढ़ रहे आटो रिक्शा का सर्वे करवाकर उनके लिए विभिन्न स्थानों में आटो स्टैड बनाना शामिल था। दोनों प्रस्तावों पर विचार कर वेंडर योजना का सर्वे करवाने के मंजूरी प्रदान कर दी गई लेकिन आटो रिक्शा का सर्वे करवाने व उनके लिए स्टैंड की व्यवस्था को लेकर विस्तार से योजना तैयार कर अगली बैठक में विचार करने पर सहमती जताई गई। नगर निगम की जरवल हाउस बैठक में कुल 15 एजेंडे रखे गए थे जिसमें 14 एजेंडों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। वही बैठक में बलवंत गार्गी आडोटोरियम में 13 कर्मचारी रखने व उन्हें सालाना 60 लाख रुपए से अधिक का वेतन देने का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है। इसी तरह बादल रोड में क्रिसचन सेंट्रर मैरिटोरियस स्कूल के पास डाग सटरलाइजेंन सेंटर में फंड जारी करने, बलवंत गार्गी आडिटोरियम में बिजली का 550 किलोवाट का लोड देने के लिए सोलर प्लाट लगाने पर 78 लाख 43 हजार रुपए के खर्च, नई इनोवा गाड़ी खरीद करने, नया सीवरेज ट्रिटमेंट प्लाट लगाने, कचरा प्रबंध के लिए मिली ग्रांट में एक करोड़ 10 लाख रुपए खर्च करने सबंधी सभी प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
फिलहाल आज की बैठक में बैठक में वैंडरों व आटो का सर्वे करवाने संबंधी दोनों प्रस्ताव इस मायने में महत्वपूर्ण थे कि वर्तमान में नगर निगम के पास रेहड़ी व फड़ी को लेकर एक दशक से भी पुराना सर्वे है जिसके चलते वर्तमान में शहर के लग रही रेहड़ियों के बारे में निगम के पास पूरी जानकारी नहीं है जिससे इन लोगों को स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत कोई समुचित स्थान उपलब्ध करवाने संबंधी योजना को लागू करवाने में दिक्कत आ रही है। अब सर्वे के बाद अगर उन्हें शहर के विभिन्न बाजारों व सड़कों गलियों से हटाकर एक जगह पर फूड कार्नर बनाकर जगह दी जाती है तो शहर में ट्रैफिक समस्या से जहां निजात मिलेगी वहीं खाली जगह पर वाहनों की पार्किग बनाने व अन्य योजना के लिए जगह खाली हो सकेंगी। दूसरी बड़ी समस्या आटो रिक्शा चालकों के लेकर पेश आ रही है जिसमें शहर में हजारों की तादाद में ई-रिक्शा व आटो चल रहे हैं जिसमें अधिकतर का रिकार्ड नगर निगम के पास नहीं है। इसमें सर्वे करवाकर नगर निगम जहां आटो चालकों का रिकार्ड इकट्ठा करना चाहता था वही शहर में जिन स्थानों में ट्रैफिर डामाडोल रहता है वहां इनके लिए अलग स्टैंड बनाया जाना था लेकिन हाउस दोनों योजनाओं को एक ही समय में शुरू करवाने में साधनों के आभाव में आटो रिक्शा का सर्वे व स्टैंड की योजना को पेडिंग रखना चाहता है।
दूसरी तरफ अभ नगर निगम शहर के फड़ी व रेहड़ी वालों का सर्वे जल्द शुरू करेंगा। इसमें प्रमुख धोबी बाजार और पोस्ट आफिस बाजार में भी रेहड़ी-फड़ी की भरमार है। रेलवे स्टेशन से हनुमान चौक तक पूरी माल रोड पर रेहड़ियां लगती हैं। फायर ब्रिगेड चौक, आर्य समाज चौक, अमरीक सिंह रोड, मिनी सेक्टरेट रोड, मेहना चौक, सिविल अस्पताल, हाजीरतन चौक, परसराम नगर रोड ओवरब्रिज व अंडरब्रिज के समीप रेहड़ियों ने अपना पक्का अड्डा बना लिया है। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के अलावा सिविल अस्पताल के आसपास ऑटो स्टैंड है जबकि ई रिक्शा का कोई स्टैंड नहीं है। वहीं रेलवे स्टेशन, माल रोड, हनुमान चौक, फौजी चौक, बस स्टैंड, मिनी सेक्टरेट चौक, वाल्मीकि चौक, हाजीरतन चौक, सिविल अस्पताल, गोनियाना रोड आदि प्रमुख सड़कों पर कोई पुख्ता स्टॉपेज नहीं है। जहां कहीं सवारी दिखी, बीच सड़क सड़क ऑटो रोक लेते हैं जिससे ट्रैफिक बिगड़ता है। फिलहाल इन स्थानों में सर्वे करवाने के लिए लगभग 15 लाख रुपए का खर्च आने की संभावना है। इसे मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
फिलहाल सर्वे के बाद स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के तहत निर्धारित स्थानों पर रेहड़ियां लगाई जा सकेंगी। 30 मीटर से ज्यादा चौड़ी सड़क के दोनों ओर रेहड़ियां लग सकेंगी जबकि 6 से 9 मीटर चौड़ी सड़क पर एक तरफ बिना किसी मूवमेंट के रेहड़ी लग सकेंगी। वहीं 12 से 24 मीटर चौड़ी सड़क के एक तरफ ही रेहड़ी लग सकेगी, इनमें मूवमेंट हो सकेगी। ओवरब्रिज के नीचे खाली जगह पर रेहड़ियां लगाई जा सकती हैं। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड के नजदीक रेहड़ियां लगाने की मनाही है। साढ़े तीन मीटर चौड़ी सड़क पर रेहड़ियां नहीं लग सकेंगी। मिनी सचिवालय, ज्यूडिशियल कांप्लेक्स सहित तमाम सरकारी दफ्तरों व सार्वजनिक स्थानों के आसपास भी रेहड़ियां नहीं लग सकेंगी। आज की बैठक में कार्यकारी मेयर अशोक कुमार, डिप्टी मेयर मास्टर हरमंदर, नगर निगम कमिश्नर नवजोत सिंह रंधावा, एक्सीयन गुरप्रीत सिंह, एमटीपी एसएस बिद्रा व समूह पार्षद हाजिर रहे।