LIVEचांद पर चंद्रयान बोला- मैं अपनी मंजिल पर पहुंचा:साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश, PM बोले- अब चंदा मामा दूर के नहीं

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23 अगस्त की शाम को चांद पर जैसे ही सूरज उगा, इसरो के चंद्रयान ने उसके साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।

चंद्रयान-3 ने बुधवार शाम 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडिंग प्रोसेस शुरू की। इसके बाद अगले 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से 25 किमी का सफर पूरा किया। शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा।

चंद्रयान-3 ने चांद पर कदम रखते ही वहां की फोटो भेजी है।
चंद्रयान-3 ने चांद पर कदम रखते ही वहां की फोटो भेजी है।

रोवर के बाहर आने में एक दिन भी लग सकता है
ISRO ने बताया कि लैंडर-रोवर के सभी सेंसर की टेस्टिंग की जा रही है। सब ठीक रहा तो 3-4 घंटे बाद इसरो से कमांड देकर रोवर को बाहर निकाला जाएगा। चीजें तय पैमाने पर नहीं हुईं तो फिर रोवर को बाहर निकालने का फैसला 24 घंटे बाद किया जाएगा।

ISRO के डायरेक्टर एस. सोमनाथ ने कहा- अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रज्ञान रोवर को बाहर आने में एक दिन का समय भी लग सकता है। प्रज्ञान हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा। हमारे कई मिशन कतार में हैं। जल्दी सूर्य पर आदित्य एल1 भेजा जाएगा। गगनयान पर भी काम जारी है।

चांद पर पहुंचकर चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं। वहीं साउथ अफ्रीका से प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को बधाई देकर कहा- अब चंदामामा दूर के नहीं।

चांद पर कामयाब लैंडिग करने वाला भारत चौथा देश
इस कामयाबी के साथ भारत चांद के किसी भी हिस्से में मिशन लैंड कराने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही ऐसा कर सके हैं।

लैंडिंग के आखिरी 20 मिनट थे मिनट्स ऑफ टेरर
चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 20 मिनट लगे। इस ड्यूरेशन को ’20 मिनट्स ऑफ टेरर’ यानी ‘खौफ के 20 मिनट्स’ कहा जा रहा था।ये मिनट्स ऑफ टेरर शाम 5 बजकर 44 मिनट पर शुरू हुए। तब लैंडर से चंद्रमा 31 किमी दूर था। उसकी वर्टिकल लैंडिंग प्रोसेस शुरू हुई।

कामयाब लैंडिंग के बाद रोवर के बाहर निकलने का इंतजार
अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। धूल का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आएगा। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे।

चंद्रयान मिशन को ऑपरेट कर रहे इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी ISRO ने चंद्रयान को श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया था। 41वें दिन चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग की प्लानिंग की गई।

PM मोदी बोले- चंदा मामा के दूर के नहीं, एक टूर के
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा- यह क्षण भारत के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है। अमृतकाल में अमृतवर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं।

PM मोदी ने ISRO चीफ से फोन पर बात की। मोदी ने कहा- आपका नाम सोमनाथ है। आपके नाम में ही चांद (सोम) है। आपके पूरे परिवार को सफलता की बधाई।

तब रूस के नाम हो जाता यह रिकॉर्ड
भारत से पहले रूस चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लूना-25 यान उतारने वाला था। 21 अगस्त को यह लैंडिंग होनी थी, लेकिन आखिरी ऑर्बिट बदलते समय रास्ते से भटक गया और चांद की सतह पर क्रैश हो गया।

चांद पर लैंडिंग में 41 दिन लगे
चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है।

लैंडिंग के बाद अब क्या होगा?

  • डस्ट सेटल होने के बाद विक्रम चालू होगा और कम्युनिकेट करेगा।
  • फिर रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर रैंप से चांद की सतह पर आएगा।
  • पहिए चांद की मिट्‌टी पर अशोक स्तंभ और ISRO के लोगो की छाप छोड़ेंगे।
  • विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की। ये फोटो वे पृथ्वी पर भेजेंगे।
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चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करके भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश बन चुका है। दो दिन पहले 21 अगस्त को रूस के लूना-25 मिशन ने यहां लैंड करने की कोशिश की थी, लेकिन फेल हो गया। अमेरिका और चीन ने भी चांद पर अंतरिक्ष यान उतारने के लिए एडवांस मिशन शुरू किए हैं। इस रेस में SpaceX जैसी कुछ प्राइवेट कंपनियां भी हैं।

 

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