जालंधर लोकसभा उपचुनाव के वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जारी है। काउंटिंग के दौरान आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील रिंकू की लीड लगातार बढ़ रही है। इस वक्त वह कांग्रेस से 20,454 वोटों से आगे चल रहे हैं। इस सीट पर AAP और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है। अभी तक 369691 वोटों की गिनती हो चुकी है।
अब तक किस उम्मीदवार को कितनी वोटें…
पार्टी | कैंडिडेट | वोट |
आम आदमी पार्टी | सुशील रिंकू | 121710 |
कांग्रेस | कर्मजीत कौर चौधरी | 101256 |
भाजपा | इंदर इकबाल अटवाल | 66832 |
अकाली दल-बसपा | डॉ. सुखविंदर सुक्खी | 59307 |
इनके अलावा शिअद अमृतसर के गुरजंट सिंह को 8425, NOTA को 2591 और चर्चित उम्मीदवार नीटू शटरांवाला को 1577 वोटें मिल चुकी हैं।
मतगणना कपूरथला रोड पर स्थित डायरेक्टर लैंड रिकॉर्ड एंड स्पोर्ट्स कॉलेज कॉम्प्लेक्स में बनाए गए काउंटिंग सेंटर में हो रही है। शुरुआत बैलेट पेपर काउंटिंग से हुई है, जिसमें AAP पहले व कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही।
वहीं आदमपुर के विधायक सुखविंदर कोटली को काउंटिंग सेंटर के बाहर रोका गया। उनके पास काउंटिंग एजेंट का कार्ड भी था। पुलिस व चुनाव आयोग की टीम ने उन्होंने कहा कि विधायक होने के नाते वे अंदर नहीं जा सकते। जिसके बाद विधायक कोटली काउंटिंग सेंटर के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं।
उपचुनाव के लिए वोटिंग 10 मई को हुई थी। मतदान के बाद सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को यहीं स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया था। जिनके चारों तरफ थ्री-लेयर सिक्योरिटी लगाई गई। मतगणना के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए पंजाब पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवान यहां तैनात किए गए हैं।
AAP और भाजपा के दलबदलू उम्मीदवार
जालंधर लोकसभा सीट पर चौकोना मुकाबला है। इनमें आम आदमी पार्टी (AAP) से सुशील रिंकू, कांग्रेस से कर्मजीत कौर चौधरी, भाजपा से इंदर इकबाल सिंह अटवाल और अकाली दल-बसपा गठजोड़ से डॉ. सुखविंदर सुक्खी शामिल हैं। सुशील रिंकू कांग्रेस से MLA रह चुके हैं, उन्हें पार्टी में लाकर AAP ने टिकट दी। कांग्रेस की कर्मजीत कौर चौधरी इसी सीट से 2 बार सांसद चुने गए संतोख सिंह चौधरी की पत्नी हैं। इंदर इकबाल अटवाल अकाली दल से MLA रह चुके हैं, उन्हें पार्टी में शामिल कर BJP ने टिकट दिया। अकाली उम्मीदवार सुखविंदर सुक्खी बंगा से अकाली MLA हैं। इस सीट पर कुल 19 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं।
संगरूर हार चुकी AAP के लिए बड़ी चिंता
संगरूर उपचुनाव में CM भगवंत मान की लोकसभा सीट हार चुकी AAP के लिए यह सीट सबसे बड़ी चिंता है। इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए उन्होंने एड़ी-चोटी का जोर लगाए रखा। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब CM भगवंत मान ने कई रैलियां व रोड शो किए। पंजाब सरकार की पूरी कैबिनेट यहां प्रचार में डटी रही।
कांग्रेस के लिए गढ़ बचाना चुनौती
जालंधर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ है। पिछले 4 बार से लगातार कांग्रेस यहां से जीत रही है। ऐसे में कांग्रेस के आगे गढ़ बचाने की चुनौती है। हालांकि कांग्रेस को चुनाव प्रचार में यहां केंद्रीय नेताओं का कोई साथ नहीं मिला। कांग्रेस हाईकमान कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बिजी रहा और कोई बड़ा नेता जालंधर में प्रचार करने नहीं आया।
कम मतदान ने बढ़ाई सियासी दलों की टेंशन
जालंधर उपचुनाव में हुई कम वोटिंग ने उम्मीदवारों के साथ-साथ सभी सियासी दलों की टेंशन भी बढ़ा दी है। जालंधर में सभी पार्टियों के एग्रेसिव चुनाव प्रचार के बावजूद सिर्फ 54.5% वोटर ही पोलिंग बूथों तक पहुंचे। वर्ष 1999 से यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है और इस दौरान यहां वोटिंग प्रतिशत 60% या उससे अधिक रहा। इस बार मतदान अचानक करीब 6% घट गया।
सबसे ज्यादा AAP और सबसे कम वोटिंग कांग्रेस MLA वाले क्षेत्र में
वोटिंग के लिहाज से देखें तो सबसे ज्यादा मतदान (58%) AAP विधायक बलकार सिंह के क्षेत्र करतारपुर में हुआ। दूसरे नंबर पर 57.4% वोटिंग के साथ शाहकोट विधानसभा क्षेत्र रहा। यहां से कांग्रेस के MLA हरदेव सिंह लाडी हैं। सबसे कम 49.7% वोटिंग जालंधर कैंट में हुई। यहां भी कांग्रेस के MLA परगट सिंह हैं। इसके अलावा फिल्लौर में 55.8%, जालंधर नॉर्थ में 54.5% और आदमपुर में 54% वोटिंग हुई। इन तीनों सीटों पर कांग्रेस के MLA हैं।