सूडान से अब तक 561 भारतीयों को निकाला, जेद्दाह पहुंचे:एयरलिफ्ट कर भारत लाया जाएगा; अभी भी तीन हजार से ज्यादा लोग फंसे
खार्तूम/नई दिल्ली. सूडान में 72 घंटे के संघर्ष विराम के बाद राजधानी खार्तूम समेत देश के अन्य हिस्सों में झड़पें जारी हैं। इस बीच, पिछले 24 घंटों में साढ़े पांच सौ से ज्यादा भारतीयों को निकाल लिया गया है। इन्हें सऊदी अरब के जेद्दाह लाया जा चुका है। अब तक तीन बैच में 561 लोगों को जेद्दाह पहुंचा दिया गया है। सूडान में 4 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत पहले बैच में 278 भारतीयों को नेवी के जहाज INS सुमेधा से सूडान पोर्ट से सऊदी अरब के जेद्दाह पहुंचाया गया। इसके बाद 148 और 135 भारतीयों को भारतीय वायु सेना के C-130J एयरक्राफ्ट से जेद्दाह लाया गया। अब इन्हें जल्द ही एयरलिफ्ट कर भारत लाया जाएगा।
सूडान में अब तक 459 लोग मारे गए
सूडान में तख्तापलट के लिए सेना और पैरामिलिट्री फोर्स (RSF) के बीच 15 अप्रैल को लड़ाई शुरू हुई थी। वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, लड़ाई में अब तक 459 लोगों और सैनिकों की मौत हो चुकी है। 4,072 लोग घायल हुए हैं। सूडान में 72 घंटे का सीजफायर 27 अप्रैल रात 12 बजे तक हैं। इस दौरान यहां से अन्य देशों को अपने नागरिकों को निकालने का समय है।
सूडान में आज के अन्य अहम अपडेट्स…
- सूडान में WHO की प्रतिनिधि का कहना है कि सेना या पैरामिलिट्री ने बीमारियों के सैंपल जमा करने वाले एक लैब पर कब्जा कर लिया है। इससे जैविक खतरे की आशंका बढ़ गई है।
- मिडिल ईस्टर्न देश साइप्रस ने सूडान में फंसे विदेशी नागरिकों के रेस्क्यू के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन में मदद करने की बात कही है।
- UN रिफ्यूजी एजेंसी- UNHCR सूडान में रह रहे करीब 2 लाख 70 हजार शरणार्थियों के पलायन की तैयारी कर रहा है। सूडान में सीरिया, यमन जैसे देशों के 10 लाख से ज्यादा शरणार्थी रहते हैं। वहीं, 2021 के बाद से 3 लाख 70 हजार सूडानी नागरिकों ने पड़ोसी देश चाड में शरण ली है।
- जर्मनी का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है। जर्मन एयर फोर्स ने 600 नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया है। मंगलवार देर रात मिलिट्री का आखिरी एयरक्राफ्ट 120 नागरिकों को लेकर जॉर्डन पहुंचा। यहां से सभी को जल्द जर्मनी एयरलिफ्ट किया जाएगा।
सूडान में लड़ाई के चलते मानवीय संकट बढ़ रहा है। इससे जुड़ी तस्वीरें देखें…
5 पॉइंट्स में समझें सूडान में हिंसा की वजह…
- सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। 2019 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोगों ने प्रदर्शन किया।
- अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर देश में तख्तापलट कर दिया, लेकिन इसके बाद लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे।
- इसके बाद सूडान में एक जॉइंट सरकार का गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री रूल शुरू हो गया।
- आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान देश के राष्ट्रपति और RSF लीडर मोहम्मद हमदान डागालो उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से RSF और सेना के बीच संघर्ष जारी है।
- सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और RSF आमने-सामने हैं। RSF सिविलियन रूल को 10 साल बाद लागू करना चाहती है, जबकि आर्मी का कहना है कि ये 2 साल में ही लागू हो जाना चाहिए।