मुर्दे भी लेते हैं लोन:पंजाब के सहकारी बैंकों में करोड़ों का गबन, जिन खाताधारकों को मरे हुए 24 साल गुजर चुके उनके खातों में लेन-देन
क्या आप ने कभी सुना है कि मुर्दों को भी कर्ज की जरूरत होती है। बैंक से कर्ज लेकर मृतक हर साल अपना खाता में टेन भी कर रहे हैं। जी हां, यह पंजाब के सहकारी बैंकों में हो रहा है। सहकारी बैंकों में 500 से ज्यादा लोगों के खाते फर्जी तरीके से खोलकर करोड़ों का गबन का मामला सामने आया है। कुल कितने रुपए का घोटाला हुआ है, घोटाले में कौन-कौन शामिल है, कितने मृतकों के खाते से हेर फेर की गई यह तो विभागीय जांच में ही सामने आएगा। पता चला कि अकेले तरनतारन जिले के ही 22 मृतक ऐसे हैं, जिनमें से 5 को मरे हुए 24 साल हो चुके, लेकिन उनके खातों में 6 साल पहले तक लेन-देन दिखाया गया है। किसी ने यूरिया, किसी ने कीटनाशक लेने के लिए कर्ज लिया है। यह भी पता चला कि मृतकों के खाते का इस्तेमाल इसलिए किया गया, क्योंकि आरोपियों ने सोचा सरकार तो कर्ज माफ ही कर देगी।
हैरानी वाली बात यह कि मृतक के परिजनों को इस बारे में कुछ पता भी नहीं है और उन पर लाखों का कर्ज बन गया है। अब मामला एग्रीकल्चर व बैंक की संयुक्त टीमों की जांच के अधीन है। कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है, लेकिन आरोपी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। ज्यादातर मामलों में आरोपी बैंक के अधिकारी ही हैं।
मृतकों के खाते का इस्तेमाल इसलिए क्योंकि आरोपियों ने सोचा कर्ज माफी स्कीम के तहत लोन तो माफ हो ही जाएगा
22 केस ऐसे जिसमें मृतकों के खातों में कई साल तक ट्रांजैक्शन हुआ, परिवार कर्जदार बन गया
केस 1-2012 में बख्शीश सिंह की मौत हुई, 2017 में जिंदा दिखा दिया
गांव गोहलवड़ के सुबेग सिंह ने बताया कि उनके पिता बख्शीश सिंह की मौत 30 अप्रैल 2012 को हुई थी। सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक दोबुर्जी में 2017 में बखशीश सिंह के खाते में लेन-देन दिखाया गया। स्टेटमेंट के अनुसार 3 जनवरी 2017 को 39 हजार रुपए की खाद व 21 हजार रुपए नकद लिया गया। इस कर्ज पर 3,280 रुपए का ब्याज भी बना। 21 जनवरी 2021 को 63 हजार 280 रुपए जमा भी हुए। 22 जनवरी को बखशीश सिंह के खाते में फिर से 63 हजार रु. लेने का कर्जदार दिखाया गया।
केस 2-जोगिंदर की मौत 2009 में हुई, परिवार पर 51 हजार का कर्ज
गांव गोहलवड़ के ही अंग्रेज सिंह ने बताया कि उसके पिता जोगिंदर सिंह की मौत 22 दिसंबर 1999 में हुई थी। सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक दोबुर्जी में जोगिंदर सिंह के खाते में 17 मार्च 2017 को लेन-देन हुआ दिखाया गया। स्टेटमेंट के अनुसार जोगिंदर सिंह ने 31 मार्च 2017 को बैंक से 1 लाख 1 हजार 400 रुपए का कर्ज लिया। 21 दिसंबर 2022 को 50 हजार रुपए जमा भी करवाया। अब जोगिंदर को बैंक ने 51 हजार 400 रुपए का कर्जदार दिखाया है।
केस 3-पिता की मौत 2008 में हुई, बेटे 1 लाख रुपए के कर्जदार हो गए
गांव गोहलवड़ के बलविंदर सिंह, लखविंदर सिंह ने बताया कि उनके पिता मोहन सिंह की मौत 7 जनवरी 2008 में हुई थी। सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक दोबुर्जी में मोहन सिंह के खाते में मई 2017 को लेन-देन दिखाया गया। स्टेटमेंट के अनुसार मोहन सिंह ने 22 मई 2017 को 69 हजार रुपए व 31 हजार रुपए दो किस्तों में कर्ज लिया। बैंक ने मृत मोहन सिंह को कुल 1 लाख रुपए का कर्जदार दिखाया है। बेटे बलविंदर सिंह, लखविंदर सिंह ने कहा कि वे कर्ज कैसे लौटाएंगे वे नहीं जानते।
17 मृतक ये भी जिनके खातों में हुआ घोटाला : चरन सिंह, सुच्चा सिंह, चनन सिंह, चरन सिंह, सलवंत सिंह, सलवंत सिंह, अजैब सिंह, निरंजन सिंह, बलदेव सिंह, बेअंत सिंह, आसा सिंह, मोहन सिंह, दयाल सिंह, कशमीर सिंह, उजारा सिंह, करनैल सिंह और संता सिंह केे खातों में भी घोटाला हुआ है।
विभागीय जांच जारी… घोटाला कितना हुआ, किस खाते से हुआ। कृषि विभाग व बैंक की संयुक्त टीम जांच कर रही है। कई मृतकों के खाते से भी लेन-देन की शिकायत मिली है। -खजान सिंह, मैनेजर, सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक (दोबुर्जी)
कड़ी कार्रवाई होगी…
बैंक अधिकारियों ने अपनी आईडी से खाता खोलकर घोटाला किया है। इनमें 22 मृतक के खाते हैं। जांच जारी है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
- जसपरजीत सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसाइटीज