अतिक्रमण हटाने में जिंदा जलीं मां-बेटी, अफसर देखते रहे, VIDEO:दोनों चिल्लाती रहीं…आग लगा दी, SDM सस्पेंड; लेखपाल और जेसीबी ड्राइवर गिरफ्तार
कानपुर देहात में सोमवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। पुलिस-प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि एक महिला चिल्लाते हुए दौड़कर झोपड़ी में जाती है। वह अंदर से दरवाजा बंद कर लेती है। पुलिस भी वहां पहुंचती है। दरवाजा तोड़ देती है। इसी दौरान, झोपड़ी में आग लग जाती है। महिला और उसकी बेटी अंदर थीं। फिर चिल्लाने की आवाज आती है…आग लगा दी।
पुलिस जलती हुई झोपड़ी को बुलडोजर से गिरा देती है। पुलिस फोर्स और अफसरों के सामने दोनों की जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं, दोनों को बचाने में पति कृष्ण गोपाल बुरी तरह झुलस गए। एक और वीडियो में महिला के बेटे की आवाज आती है…वह जलती हुई आग को देखकर रोते-बिलखते कह रहा है कि हाय दैया.. देखो मेरी मम्मी जल रहीं हैं…। वह सब गाड़ी छोड़कर चले गए हैं…।
Mother-daughter died in the fire. The family members have alleged that the officials reached the spot, demolished the temple and the poor farmer's hut in the name of vacating the government land and set it on fire. It is a terrible sight. The matter is being told of Kanpur. pic.twitter.com/yp6sb7br74
— Nationalism News® (World) (@nationalism_eng) February 13, 2023
आज के बड़े अपडेट्स-
- कमिश्नर राज शेखर ने परिवार से अकेले में बात की। उसके बाद घरवाले शव उठाने को राजी हुए।
- SDM को सस्पेंड कर दिया गया है। उनको पुलिस ने अपनी निगरानी में रखा है। जबकि लेखपाल और जेसीबी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
- मंगलवार दोपहर 3.30 बजे तक दोनों शवों को पुलिस कब्जे में नहीं ले सकी है। परिवार और ग्रामीण सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़ा हुआ है।
- हिंदू महासभा, ब्राह्मण महासभा, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग घटनास्थल पर प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं।
- परिवारवालों की मांग है कि जब तक डिप्टी सीएम या सीएम खुद मौके पर नहीं आएंगे तब तक डेड बॉडी नहीं उठने देंगे।
- कानपुर नगर से जा रहे सपा विघायक अमिताभ बाजपेई और रूमी हसन को कानपुर देहात की सीमा पर गिरफ्तार कर लिया गया है।
- लखनऊ से कानपुर देहात के लिए जा रहे कांग्रेस के डेलिगेशन को उन्नाव में नवाबगंज टोल प्लाजा पर रोक लिया गया है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर निंदा की
अफसरों ने भागकर अपनी जान बचाई
मैथा तहसील के मड़ौली गांव में मां प्रमिला दीक्षित (41) और बेटी नेहा (21) की मौत के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासनिक अफसरों को दौड़ा लिया। अफसरों ने भागकर अपनी जान बचाई। देर रात तक बवाल चलता रहा। परिजनों की शिकायत पर एसडीएम मैथा ज्ञानेंश्वर प्रसाद, रुरा एसएचओ दिनेश गौतम, लेखपाल अशोक सिंह समेत 39 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
कानपुर कमिश्नर राज शेखर, डीएम नेहा जैन, ADG आलोक कुमार समेत अन्य अफसर मौके पर देर रात तक डटे रहे। राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला भी पहुंचीं। परिजनों से बात की। लेकिन, परिजन ने शव को उठने नहीं दिया।
पिता बोले-अफसरों ने आग लगा दी
वहीं, मृतका प्रमिला के पति कृष्ण गोपाल दीक्षित ने कहा, “बुलडोजर लेकर एसडीएम और तहसीलदार आए थे। इनके साथ अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, पुतनिया और गांव के कई लोग और भी थे। ये लोग अधिकारियों से बोले कि आग लगा दो….तो अफसरों ने आग लगा दी।
हम लोग (बेटा और मैं) तो किसी तरह झोपड़ी से बाहर निकले, लेकिन मां-बेटी अंदर रह गई और जलकर उनकी मौत हो गई। हम लोगों को जलता हुआ छोड़कर ही अफसर लोग भाग गए। किसी ने किसी तरह की कोई मदद नहीं की।
वहीं, बेटे शिवम ने रोते हुए कहा, “एसडीएम, एसओ, लेखपाल सभी ने मिलकर मेरे घर में आग लगा दी। मैं और पिता बाहर नहीं निकलते तो हम भी मारे जाते। झोपड़ी के बाहर मंदिर व नल को भी तोड़ दिया। इसके पहले भी डीएम के यहां पर गए थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी।
एसडीएम, लेखपाल, जिलाधिकारी ने साजिश के चलते घर में आग लगाकर सब कुछ राख कर दिया। मम्मी और बिट्टी (बहन) अंदर ही रह गए। हम अंदर गए, लेकिन उनको बचा नहीं पाए। आग लगाने के बाद ये सभी लोग भाग गए। SDM कह रहे थे कि कोई बच न पाए।”
जैसा कि बेटे शिवम दीक्षित ने FIR में दर्ज कराया…
आज दोपहर (13 फरवरी) 3 बजे के बीच SDM मैथा जानेश्वर प्रसाद, कानूनगो, लेखपाल अशोक सिंह, रुरा SHO दिनेश कुमार गौतम अपने 12 से 15 पुरुष महिला सिपाहियों के साथ घर पर आए। मैं, मेरे माता-पिता और बहन झोपड़ी में आराम कर रहे थे। झोपड़ी के अन्दर 22 बकरियां भी थीं। दीपक जेसीबी ड्राइवर ने झोपड़ी को गिरा दिया। अशोक सिंह लेखपाल द्वारा आग लगा दी गई। SDM मैथा द्वारा कहा गया कि आग लगा दो झोपड़ी में कोई बचने न पाए और झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया। किसी तरह से मैं झोपड़ी के बाहर व अन्दर लगी आग से खुद को बचाकर बाहर निकला तो SHO दिनेश गौतम व अन्य 12 से 15 पुलिस कर्मियों ने पीटा। मुझे आग में फेंकने की कोशिश की गई। मेरे पिता भी आधे झुलस गए। मां प्रमिला दीक्षित और बहन नेहा दीक्षित आग से जलकर राख हो गई।
डीएम बोलीं- लेखपाल पर हसिया से अटैक, फिर मां-बेटी ने खुद आग लगाई
डीएम नेहा जैन ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंची थी। महिलाएं आईं और रोकने का प्रयास किया। लेखपाल पर हसिया से जानलेवा अटैक भी किया। इसके बाद घर के अंदर जाकर मां-बेटी ने आग लगा ली। एसओ रूरा का हाथ भी मां-बेटी को बचाने में जल गया। मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई। अगर किसी अफसर की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
कानपुर देहात के SP बीबीजीटीएस मूर्ति ने कहा, “एसडीएम व अन्य कर्मचारी अवैध कब्जा हटाने गए थे। इस दौरान कुछ लोग विरोध कर रहे थे। महिला और उनकी बेटी भी प्रदर्शन में शामिल थीं। विरोध करते-करते उन दोनों ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया। थोड़ी देर के बाद झोपड़ी के अंदर आग लग गई। इसमें महिला और उनकी बेटी की मौत हो गई है। आग लगने का कारण का पता लगाया जा रहा है।”
मंत्री बोलीं- हम मां-बेटी को नहीं बचा पाए
देर रात घटनास्थल पर राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला पहुंचीं। उन्होंने कहा, “मैं इस क्षेत्र की विधायक हूं और यहां पर ऐसी घटना हो रही है। महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ, ऐसे में मेरा महिला कल्याण विभाग में होना बेकार है। जब हम अपनी बेटी व एक मां को ही नहीं बचा पा रहे हैं। पहले घर से बाहर निकालते फिर घर गिराया जाता। जमीन तो यूं ही पड़ी है, आगे भी पड़ी रहेगी, कोई कहीं नहीं ले जा रहा है।”
गांव के ही एक शख्स ने की थी शिकायत
दरअसल, मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ गांव के ही एक शख्स ने अवैध कब्जा करने की शिकायत की थी। सोमवार को एसडीएम के साथ पुलिस और राजस्व की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। बताया जा रहा है कि टीम ने JCB से नल और मंदिर तोड़ने के साथ छप्पर गिरा दिया। इससे छप्पर में आग लग गई।
कानपुर कमिश्नर राजशेखर ने कहा, “हम लोग पीड़ित के लगाए आरोपों की जांच कर रहे हैं। इस मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। जो भी दोषी होगा छोड़ा नहीं जाएगा।”
ग्रामीणों ने कहा- पैसे लेकर अतिक्रमण हटाने आए थे अफसर
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में गौरव दीक्षित नाम का दबंग है। 10 दिन पहले उसने पूरी साजिश रची। इसके साथ, गांव के कुछ लोग हैं। प्रशासन, लेखपाल और एसओ भी मिले हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि डीएम अपने कर्मचारियों को बचा रहे हैं। इस पूरे मामले में प्रशासन दोषी है। अफसरों ने पैसा लिया है। वह जबरदस्ती अतिक्रमण हटाने पर अड़े हुए थे।
‘प्रशासन ने पहले जेसीबी चलवाई, फिर आग लगाई’
ग्रामीणों ने बताया, ”प्रशासन ने पहले जेसीबी चलवाई, इसके बाद आग लगा दी। सब लोग अंदर थे। बेटा शिवम दीक्षित और पिता कृष्ण कुमार दीक्षित निकल आए, और पत्नी और बेटी नहीं निकल पाई। परिजनों ने बताया कि मृतका नेहा (21) की शादी होने वाली थी। अब उसकी डोली की जगह अर्थी उठेगी। परिवार के लोगों ने सरकार से मांग की है कि दोषियों को फांसी दी जाए। साथ ही पांच-पांच बीघा और पांच करोड़ रुपए दिया जाए। वहीं बेटे को सरकारी नौकरी दी जाए। घर में अब बेटा, बहू और पिता बचे हैं।
अब जानते हैं क्या है पूरा विवाद…
जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की हुई थी शिकायत
मड़ौली गांव निवासी गेदनलाल ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित, अंश दीक्षित, शिवम आदि के खिलाफ आबादी की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत की थी। इस पर 13 जनवरी 2023 को SDM मैथा के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक नंद किशोर, लेखपाल अशोक सिंह चौहान ने जेसीबी से मकान ढहा दिया था।
पीड़ित कृष्ण गोपाल व उनके पुत्र शिवम ने परिजनों के साथ लोडर से बकरियां आदि लेकर माती मुख्यालय में धरना देकर आवास मुहैया कराए जाने की मांग की लेकिन एसडीएम मैथा व ADM प्रशासन केशव गुप्ता ने उनको माफिया बता दिया।
इतना ही नहीं बचा मकान भी ध्वस्त कराने की चेतावनी दी थी। इसके बाद 14 जनवरी को तहसीलदार अकबरपुर रणविजय सिंह ने कृष्ण गोपाल, प्रमिला, शिवम, अंश, नेहा शालिनी व विहिप नेता आदित्य शुक्ला तथा गौरव शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मौजूदा समय में वह लोग फूस का छप्पर रखकर वहां पर रह रहे थे। उसे ही हटाने के लिए प्रशासनिक अफसरों की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची थी।
जिसमें मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव के दबंगों के साथ मिलकर हमारी झोपड़ी में आग लगा दी थी। जिसमें हम लोग बच कर निकल आए, लेकिन हमारी मां और बहन की मौत हो गई।