टैक्सपेयर्स बजट: सैलरीड क्लास की 7.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री; नई टैक्स रिजीम के स्लैब भी बदले
इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन सस्ते; सिगरेट, चांदी और किचन चिमनी महंगी, इनकम टैक्स छूट की सीमा 8 साल बाद बढ़ी:गरीबों को एक साल और मिलेगा मुफ्त अनाज, युवाओं-रोजगार के लिए अहम ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स को राहत तो दी, लेकिन उनको… जो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में नया इनकम टैक्स सिस्टम चुनेंगे। पुराना टैक्स सिस्टम लेने वाले टैक्स पेयर्स पहले जैसे ही टैक्स देते रहेंगे।
नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों के लिए रिबेट की लिमिट 7 लाख रुपए कर दी गई। पहले ये 5 लाख रुपए थी। बजट में सैलरीड क्लास को एक और राहत दी गई है। नए टैक्स सिस्टम में 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल कर लिया गया है। यानी 7.5 लाख रुपए तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसको ऐसे समझें… 7.5 लाख रुपए सैलरी पर पहले 50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन घटा लें। बचे 7 लाख रुपए। 7 लाख रुपए होते ही आप रिबेट के दायरे में आ जाएंगे और पूरी टैक्स छूट मिल जाएगी।
लेकिन अगर आपकी कमाई सैलरी से नहीं होती है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा। यानी आपकी इनकम 7 लाख रुपए से एक रुपया भी ज्यादा हुई तो टैक्स चुकाना होगा।
नए टैक्स सिस्टम के लिए वित्त मंत्री ने नए स्लैब्स का भी ऐलान कर दिया है। उनके लिए अब 3 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री होगी।
PM Modi hails Budget says it "lays strong foundation for building developed India"
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— ANI Digital (@ani_digital) February 1, 2023
बजट की 5 सबसे बड़ी बातें
मिडिल क्लास के लिए: 7 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं।
निचले तबके के लिए: गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त अनाज एक साल और मिलेगा।
युवाओं के लिए: स्टार्टअप फंड, और 3 साल तक भत्ता मिलेगा, इंटरनेशनल स्किल इंडिया सेंटर्स बनेंगे।
आदिवासी क्षेत्र के लिए: एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स अपॉइंट होंगे जाएंगे। आदिवासी गांवों के विकास के लिए 15 हजार करोड़।
महंगा-सस्ता: LED टीवी-मोबाइल सस्ते होंगे। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया। ये अब महंगी होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में सबसे बड़ी बात इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की रही। उन्होंने 8 साल बाद स्लैब बदला और 7 लाख की आमदनी पर टैक्स छूट देने की घोषणा कर दी।
#WATCH | Union Finance Minister Nirmala Sitharaman announces new personal Income Tax slabs. #UnionBudget2023
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सीतारमण का ये 5वां और देश का 75वां बजट था। उन्होंने इस बार पहले की तुलना में कम समय लिया। इस बार का भाषण महज 1 घंटे 27 मिनट का था।
इस साल 9 राज्यों में और अगले साल देश का चुनाव है। इसका असर बजट भाषण में दिखा। सीतारमण ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना और युद्ध के चलते मंदी की राह पर है, तब भारत की ग्रोथ बाकी देशों के मुकाबले मजबूत है।
Budget: Defence budget hiked by 13 pc, modernisation budget sees moderate hike of 6.5 pc
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जानिए बजट में आपके लिए क्या-क्या ऐलान किए गए…
1. इनकम टैक्स: 8 साल बाद छूट की सीमा बढ़ी
अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। यह छूट सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत मिलेगी। अभी भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन बने रहेंगे। अभी तक 2.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री थी। आखिरी बार 2014-15 बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था।
2. क्या सस्ता, क्या महंगा
टीवी सस्ते होंगे। वजह पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी 5% से घटाकर 2.5% कर दी गई है। मोबाइल फोन भी सस्ते होंगे, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग के लिए कुछ पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई। हीरों की कीमतें कम होंगी। मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले सीड पर ड्यूटी कम की गई है। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया, ये महंगी होगी। चांदी से बने आइटम्स महंगे होंगे क्योंकि कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है।
3. रोजगार
इस साल फाइनेंस मिनिस्टर ने पूरे बजट में रोजगार या जॉब्स शब्द का इस्तेमाल ही महज 4 बार किया। पीएम कौशल विकास योजना का ही 4.0 वर्जन लॉन्च करने की बात कही। बोलीं- युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरियों के लिए तैयार करने के लिए 30 स्किल इंडिया सेंटर खोले जाएंगे। नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम के तहत 47 लाख युवाओं को सपोर्ट देने के लिए 3 साल तक भत्ता दिया जाएगा।
4. किसान
सरकार ने कृषि क्रेडिट कार्ड (KCC) 20 लाख करोड़ बढ़ाने की घोषणा की। यह पिछले साल 18.5 लाख करोड़ रुपए था। इसके अलावा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर से किसानों को खाद बीज से लेकर मार्केट और स्टार्टअप्स तक की जानकारी मिल सकेगी। एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड के जरिए गांवों में युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने का मौका मिलेगा।
5. इंडस्ट्री-स्टार्टअप
देश के 6 करोड़ से ज्यादा छोटे-मझोले उद्योग हैं और 84 हजार से ज्यादा स्टार्टअप। इनके लिए नई क्रेडिट गारंटी स्कीम 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। इसमें छोटे-मझोले उद्यमों को बिना गारंटी के 2 लाख करोड़ रुपए तक का क्रेडिट दिया जाएगा। पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान पैकेज लॉन्च किया जाएगा, जिसमें MSME’s का प्रोडक्शन बढ़ाने और मार्केट तक पहुंचाने में मदद करेगा।
कुछ और बड़े ऐलान
रेलवे: 2.40 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। इन्वेस्टमेंट खर्च को 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए किया जा रहा है।
सीनियर सिटीजन्स: सेविंग्स अकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए की जाएगी।
महिला: सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5% ब्याज मिलेगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर: बजट में 66% बढ़ोतरी हुई है। सेक्टर अब 79 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड और वाटर एयरो ड्रोन सेंटर्स बनेंगे।
5G सर्विस: इस सर्विस पर चलने वाले ऐप डेवलप करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब बनाई जाएंगी। इन लैब्स के जरिए नए अवसर, बिजनेस मॉडल और रोजगार की संभावनाएं बनेंगी।
पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख से ज्यादा इनकम पर टैक्स
पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। अगर आपकी इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख – 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर 5% टैक्स देना होगा। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A का फायदा उठाकर आप अब भी 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकेंगे।
आपको बता दें कि सरकार 2.5 लाख से 5 लाख तक की कमाई पर 5% की दर से इनकम टैक्स तो वसूलती है, पर इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है। मतलब यह कि अगर किसी की सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए तक है, तो उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है, लेकिन अगर आपकी कमाई 5 लाख 10 हजार रुपए हुई तो आपको 10 हजार रुपए पर टैक्स देने के बजाय 5.10 लाख – 2.5 लाख = 2.60 लाख पर टैक्स देना होता है।
फिलहाल इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन
इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। सरकार ने नए टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट ऑप्शन कर दिया है । यानी बजट में इनकम टैक्स से दी गई राहत सिर्फ इसी पर लागू होगी। अगर आप पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं तो आपको ये राहत नहीं मिलेगी। यदि आप पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं तो आपको अपने निवेश के लिए सारे डॉक्यूमेंट देने होंगे और पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा।
देश का यूथ, फाइनेंस मिनिस्टर यानी निर्मला सीतारमण से आज जॉब्स को बूस्टर डोज देने की उम्मीद कर रहा था, ताकि फ्यूचर ब्राइट हो जाए। उनका भी और देश का भी। फाइनेंस मिनिस्टर ने पूरे बजट में रोजगार या जॉब्स शब्द का इस्तेमाल ही महज 4 बार किया।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में 47 लाख युवाओं को 3 साल तक स्टाइपेंड देने की बात कही। दूसरी ओर देश का युवा इंटरनेशनल मार्केट में नौकरियों के लिए तैयार हो सके, इसके लिए देश भर में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जाने का ऐलान भी किया।
अब जानिए रोजगार से जुड़ी घोषणाएं…
- 47 लाख युवाओं को सपोर्ट देने के लिए ‘पैन इंडिया नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम’ शुरू की जाएगी, जिसके तहत 3 साल तक स्टाइपेंड/भत्ता दिया जाएगा।
- ‘यूनिफाइड स्किल इंडिया डिजिटल प्रोग्राम’ के तहत अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया सेंटर खोले जाएंगे।
- पीएम कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च की जाएगी, जिसके जरिए ऑन जॉब ट्रेनिंग मिलेगी।
इनके अलावा ट्राइब्स के लिए भी रोजगार देने की बात कही। जिसमें 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ भर्ती किया जाएगा।
हालांकि 2023 के बजट में वित्त मंत्री ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में जॉब बांटने की कोई चर्चा नहीं की।
बजट की वे घोषणाएं, जिनमें अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार की संभावना
- स्टूडेंट्स के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी।
- 157 नए नर्सिंग कॉलेज खुलेंगे, जिनमें टीचिंग और सपोर्टिंग स्टाफ की भर्ती होगी।
- खेती से जुड़े स्टार्टअप शुरू करने वालों को मदद देने एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनेगा।
- मत्स्य संपदा की नई सबस्कीम में 6000 करोड़ का इन्वेस्टमेंट होगा, जिसमें नए रोजगार बनेंगे।
- 10 हजार बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर खोले जाएंगे। इनमें भी अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
- 500 गोबरधन प्लांट बनाए जाएंगे, जिनमें अवशिष्ट से आमदनी का जरिया बनाया जाएगा।
- बजट के बाद आपके जरूरत की कई चीजें सस्ती और महंगी भी हो गई हैं। हालांकि, पांच साल पहले GST आ गया था। उसके बाद से बजट में ये समझना मुश्किल होता गया कि सस्ता-महंगा क्या होगा। क्योंकि अब यहां डायरेक्ट टैक्स की बात नहीं होती। इंडायरेक्ट टैक्स में कुछ ऊंच-नीच होती है। तो उसके असर के तौर पर सस्ते-महंगे का हिसाब लगाया जाता है।
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5 साल में 60 लाख नौकरियों का ऐलान
- 14 सेक्टर्स में 5 साल के अंदर 60 लाख नौकरियों का ऐलान। 1.97 लाख करोड़ रुपए की इस प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम से मेक इन इंडिया के तहत डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स पर सब्सिडी दी जाती है।
अब तक क्या हुआ
- 31 जनवरी 2023 को जारी आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2022 में बताया गया कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत 3 लाख रोजगार जनरेट हुए।
आत्मनिर्भर भारत योजना में 16 लाख नौकरियां
- अक्टूबर 2020 में लागू हुई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) के तहत 16 लाख नौकरियों का ऐलान।
अब तक क्या हुआ
- EPFO ने जून 2022 की रिपोर्ट में कहा था कि अक्टूबर 2020 से मार्च 2022 के बीच आत्मनिर्भर भारत स्कीम के तहत तय 50.9 लाख नौकरियों के मुकाबले 70.5 लाख नौकरियां दी गईं। यह टारगेट से 28% ज्यादा है। हालांकि, EPFO ने सालाना डेटा जारी नहीं किया।
दिसंबर में 16 महीने के पीक पर पहुंचने के बाद जनवरी में घटी बेरोजगारी दर
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुताबिक, दिसंबर 2022 में बेरोजगारी दर 8.3% रही। ये बीते 16 महीने में सबसे ज्यादा थी। इससे पहले अगस्त 2021 में बेरोजगारी दर 8.3% रही थी। जनवरी में जारी डेटा के मुताबिक यह 7.14% पर आ गई।CMIE के MD महेश व्यास का कहना है कि हाल के महीनों में रोजगार में लगातार बढ़ोतरी के बदौलत दिसंबर 2022 तक रोजगार 41 करोड़ तक पहुंच गया। यह कोरोना महामारी से पहले यानी जनवरी 2020 के बाद का हाईएस्ट एम्प्लॉयमेंट लेवल है।
EPFO में नए एनरोलमेंट नवंबर में 16.5% बढ़े
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पेरोल डेटा के मुताबिक, नवंबर 2022 में 16.2 लाख नए मेंबर जुड़े। यह पिछले साल यानी नवंबर 2021 से 16.5% ज्यादा है। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि पिछले 9 साल में EPFO के सदस्य दोगुने हो गए है, यानी करीब 27 करोड़।
वित्त वर्ष 2021-22 में 1.22 करोड़ नए एनरोलमेंट हुए थे। वित्त वर्ष 2022-23 के 8 महीने यानी अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच 1.05 करोड़ एनरोलमेंट हुए। इसके बाद का डेटा अभी उपलब्ध नहीं है। 31 अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर्स में 28.55 करोड़ मजदूर अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर यानी ऐसे क्षेत्र जिनमें 10 से कम लोग काम करते हैं, जैसे जनरल स्टोर, खेत, दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर। ई-श्रम पोर्टल के मुताबिक, 30 जनवरी 2023 तक 28.55 करोड़ मजदूर रजिस्टर्ड हुए हैं।
2022 में 67 स्टार्टअप में 25 हजार छंटनी
- Layoff.fyi की रिपोर्ट के मुताबिक, 67 स्टार्टअप ने 25 हजार लोगों को नौकरी से निकाला। BYJU’S, CARS24, ओला, OYO, Meesho, उड़ान, अनएकेडमी, स्विगी, शेयरचैट और vedantu जैसे बड़े स्टार्टअप ने छंटनी की।
- Layoff.fyi की ही रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2023 में दुनिया के करीब 101 स्टार्टअप 31,436 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुके हैं।
- 2023 में टॉप 8 जॉब सेक्टर्स में जॉब बढ़ने की उम्मीद
लिंक्डइन इंडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 25 सेक्टर्स 2023 में सबसे ज्यादा रोजगार देंगे। लिंक्डइन ने जनवरी 2018 से जुलाई 2022 के बीच किए रिसर्च के आधार पर कुछ नतीजे निकाले, जो बताते हैं कि 2023 में किस सेक्टर में किस तरह की नौकरियों की ज्यादा मांग है। -
सस्ता
- लिथियम आयन बैटरी बनाने में इस्तेमाल सामान की इंपोर्ट ड्यूटी घटाई
- टीवी पैनल के ओपन सेल के पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी 5% से घटाकर 2.5% की गई
- मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए कुछ पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटाई
- हीट कॉइल पर कस्टम ड्यूटी 20% से घटाकर 15% कर दी गई है
- लैब में बने हीरों की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल सीड पर ड्यूटी कम की
- एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए श्रिंप फीड पर कस्टम ड्यूटी कम करेगी
- क्रूड ग्लिसरीन पर कस्टम ड्यूटी 7.5% से घटाकर 2.5% की गई
- क्लीनिंग एजेंट डीनेचर्ड इथाइल अल्कोहल से कस्टम ड्यूटी खत्म की गई
महंगा
- सिगरेट पर प्राकृतिक आपदा आपात ड्यूटी (NCCD) को 16% बढ़ाया
- गोल्ड बार और प्लेटिनम से बने सामान की ड्यूटी बढ़ाई
- चांदी की ड्यूटी 6% से 10% की। उससे बने सामान पर भी ड्यूटी बढ़ाई
- कंपांउडेड रबर पर ड्यूटी को 10% से बढ़ाकर 25% किया
- किचन इलेक्ट्रिक चिमनी पर कस्टम ड्यूटी 7.5% से बढ़ाकर 15% की गई
अब बात GST की जिसके दायरे में 90% प्रोडक्ट आते हैं…
ऐसे कम ही प्रोडक्ट है जो बजट में सस्ते या महंगे होने जा रहे हैं। इसका कारण है गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST। 2017 के बाद लगभग 90% प्रोडक्ट की कीमत GST पर निर्भर करती है, जिसे GST काउंसिल तय करती है। वर्तमान में GST के टैक्स स्लैब में चार दरें – 5%, 12%, 18% और 28% हैं। आवश्यक वस्तुओं को इस टैक्स से छूट है या सबसे निचले स्लैब में रखा है। GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है।
महंगाई के बढ़ने का सीधा-सीधा मतलब आपके कमाए पैसों का मूल्य कम होना है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो आपके कमाए 100 रुपए का मूल्य 93 रुपए होगा। ऐसे कई फैक्टर हैं जो किसी इकोनॉमी में कीमतों या महंगाई को बढ़ा सकते हैं। आमतौर पर, महंगाई प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने, प्रोडक्ट और सर्विसेज की डिमांड में तेजी या सप्लाई में कमी के कारण होती है। महंगाई बढ़ने के 6 बड़े कारण होते हैं:
- डिमांड पुल इन्फ्लेशन तब होती है जब कुछ प्रोडक्ट और सर्विसेज की डिमांड अचानक तेजी से बढ़ जाती है।
- कॉस्ट-पुश इन्फ्लेशन तब होती है जब मटेरियल कॉस्ट बढ़ती है। इसे कंज्यूमर को पास कर दिया जाता है।
- यदि मनी सप्लाई प्रोडक्शन की दर से ज्यादा तेजी से बढ़ती है, तो इसका परिणाम महंगाई हो सकता है।
- कुछ इकोनॉमिस्ट सैलरी में तेज बढ़ोतरी को भी महंगाई का कारण मानते हैं। इससे प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ती है।
- सरकार की पॉलिसी से भी कॉस्ट पुश या डिमांड-पुल इन्फ्लेशन हो सकती है। इसलिए सही पॉलिसी जरूरी है।
- कई देश इंपोर्ट पर ज्यादा निर्भर होते हैं वहां डॉलर के मुकाबले करेंसी का कमजोर होना महंगाई का कारण बनता है।